भारतीय शेयर बाजार के लिए मंगलवार का कारोबारी सत्र नुकसान वाला रहा। एचडीएफसी बैंक, बजाज फाइनेंस, टाटा स्टील और एसबीआई जैसे बड़े शेयरों में गिरावट होने के कारण मुख्य सूचकांक लाल निशान में बंद हुए हैं। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 692 अंक या 0.87 प्रतिशत की गिरावट के साथ 78,956 और निफ्टी 208 अंक या 0.85 प्रतिशत फिसलकर 24,139 पर बंद हुआ। गिरावट का नेतृत्व बैंकिंग शेयरों ने किया। निफ्टी बैंक 746 अंक या 1.48 प्रतिशत की गिरावट के साथ 49,831 पर बंद हुआ। बैंकिंग इंडेक्स में गिरावट की वजह एचडीएफसी बैंक में भारी बिकवाली को माना जा रहा है। देश के सबसे बड़े निजी बैंक का शेयर कारोबारी सत्र में 3.46 प्रतिशत फिसल गया। गिरावट का असर मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों पर भी हुआ। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 449 अंक या 0.78 प्रतिशत गिरकर 56,881 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 240 अंक या 1.30 प्रतिशत गिरकर 18,203 पर बंद हुआ।
सेक्टर के हिसाब से देखें तो सबसे ज्यादा गिरावट का असर ऑटो, पीएसयू बैंक, मेटल, एनर्जी और प्राइवेट बैंक इंडेक्स में दिखा। वहीं, आईटी, कंज्यूमर ड्यूरेबल और हेल्थकेयर इंडेक्स हरे निशान में बंद हुए हैं। सेंसेक्स पैक में टाइटन, एचसीएल टेक, नेस्ले, विप्रो, सन फार्मा, एमएंडएम और रिलायंस टॉप गेनर्स थे। एचडीएफसी बैंक, टाटा स्टील, बजाज फाइनेंस, एसबीआई, टाटा मोटर्स और जेएसडब्ल्यू स्टील टॉप लूजर्स रहे। बाजार के जानकारों का कहना है कि सोमवार को जारी हुए आईआईपी के आंकड़े काफी कमजोर थे, जो मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में कम वृद्धि को बता रहे हैं। वैश्विक बाजारों का मिलाजुला प्रदर्शन घरेलू बाजार के कमजोर प्रदर्शन के कारणों में से एक है। बाजार का ध्यान तिमाही नतीजों पर है।
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अडानी समूह की 10 में से सात कंपनियों के शेयर मंगलवार को मामूली गिरावट के साथ बंद हुए। तीन कंपनियां अडानी टोटल गैस, अडानी ग्रीन और अडानी एनर्जी बढ़त में रहीं। कारोबार समाप्ति पर अडानी विल्मर का शेयर 2.37 प्रतिशत नीचे रहा। वहीं अडानी एंटरप्राइजेज में 1.92 प्रतिशत, अंबुजा सीमेंट्स में 1.86 प्रतिशत, अडानी पोर्ट्स में 1.24 प्रतिशत की गिरावट रही। एसीसी (0.54 प्रतिशत), अडानी पावर (0.20) प्रतिशत) और एनडीटीवी (0.20 प्रतिशत) भी नुकसान में रहे।
हालांकि, अडानी टोटल गैस का शेयर 1.94 प्रतिशत मजबूत हुआ। इसके अलावा, अडानी ग्रीन एनर्जी 1.38 प्रतिशत और अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस 0.70 प्रतिशत चढ़ गए। कारोबार के दौरान अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस के शेयर में 6.28 प्रतिशत का उछाल आया। वहीं अडानी टोटल गैस चार प्रतिशत चढ़ा जबकि एनडीटीवी में 2.56 प्रतिशत की मजबूती रही। अदाणी ग्रीन एनर्जी में 2.55 प्रतिशत की तेजी रही।
अडानी विल्मर का शेयर कारोबार के दौरान 2.15 प्रतिशत, एसीसी 1.93 प्रतिशत, अडानी पावर 1.74 प्रतिशत, अडानी पोर्ट्स एक प्रतिशत, अंबुजा सीमेंट्स 0.43 प्रतिशत मजबूत हुए।तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 692.89 अंक यानी 0.87 प्रतिशत की गिरावट के साथ 78,956.03 अंक पर बंद हुआ। एनएसई निफ्टी 208 अंक यानी 0.85 प्रतिशत टूटकर 24,139 अंक पर बंद हुआ।
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बांग्लादेश सांख्यिकी ब्यूरो (बीबीएस) ने घोषणा की है कि जुलाई में देश में मुद्रास्फीति बढ़कर 11.66 प्रतिशत हो गई, जो 13 सालों में सबसे ज्यादा है। आंकड़ों के अनुसार, जून में यह 9.72 प्रतिशत थी। जुलाई में खाद्य मुद्रास्फीति बढ़कर 14.10 प्रतिशत हो गई, जो पिछले दस वर्षों में सबसे अधिक है। सोमवार को घोषित बीबीएस के अनुसार, जून में खाद्य मुद्रास्फीति 10.42 प्रतिशत थी।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने आंकड़ों के हवाले से बताया कि गैर-खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति जून में 9.15 प्रतिशत थी जो बढ़कर जुलाई में 9.68 प्रतिशत हो गई। वित्त वर्ष 2023-24 (जुलाई 2023-जून 2024) में देश की औसत मुद्रास्फीति 9.73 प्रतिशत पर पहुंच गई, जो वित्त वर्ष के लिए निर्धारित 7.5 प्रतिशत के बजटीय लक्ष्य से काफी ज्यादा है। पिछले वित्त वर्ष 2022-23 में कुल मुद्रास्फीति 9.02 प्रतिशत थी। बता दें कि भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में तख्तापलट हो गया है। देश की नई अंतरिम सरकार के सामने कानून-व्यवस्था से लेकर अर्थव्यवस्था तक को पटरी पर लाने की चुनौती है। देश वर्तमान में गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है।
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विदेशी पूंजी की निकासी के बीच मंगलवार को एचडीएफसी बैंक में भारी बिकवाली की वजह से घरेलू शेयर बाजार में गिरावट आने से निवेशकों की संपत्ति 4.52 लाख करोड़ रुपये घट गई।बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित मानक सूचकांक सेंसेक्स 692.89 अंक यानी 0.87 प्रतिशत टूटकर 78,956.03 अंक पर बंद हुआ।
बाजार में आई इस तेज गिरावट से बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 4,52,565.44 करोड़ रुपये घटकर 4,45,30,265.42 करोड़ रुपये (5.30 लाख करोड़ डॉलर) रह गया। व्यापक बाजार में बीएसई का स्मॉलकैप सूचकांक 1.16 प्रतिशत और मिडकैप सूचकांक 0.98 प्रतिशत घट गया।
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सौंदर्य प्रसाधन और फैशन उत्पादों के मंच नायका का परिचालन करने वाली कंपनी एफएसएन ई-कॉमर्स वेंचर्स ने मंगलवार को कहा कि उसने 265.3 करोड़ रुपये के नकद सौदे में ‘डॉट एंड की वेलनेस’ में अपनी हिस्सेदारी 39 प्रतिशत बढ़ाकर 90 प्रतिशत कर ली है। इससे पहले डॉट एंड की में कंपनी के पास 51 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। इस सौदे के तहत एफएसएन ई-कॉमर्स, डॉट एंड की के प्रवर्तकों और मौजूदा शेयरधारकों से 5,29,286 इक्विटी शेयर खरीदेगी।
एफएसएन ई-कॉमर्स ने शेयर बाजार को दी एक सूचना में कहा, ‘‘यह लेनदेन पूरा होने पर डॉट एंड की में कंपनी की हिस्सेदारी 51 प्रतिशत से बढ़कर डॉट एंड की की चुकता पूंजी का 90 प्रतिशत हो जाएगी। इस तरह डॉट एंड की कंपनी की अनुषंगी कंपनी बनी रहेगी।’’ डॉट एंड की का 16 मार्च, 2020 को गठन किया गया था। यह आयुर्वेद, यूनानी, एलोपैथी या होम्योपैथी, स्वास्थ्य देखभाल, सौंदर्य प्रसाधन, सौंदर्य और त्वचा देखभाल उत्पादों सहित सभी प्रकार की दवाइयों, दवाओं की खरीद, निर्यात, बिक्री और वितरण के कारोबार में लगी हुई है। इसके अलावा एफएसएन ई-कॉमर्स ने अर्थ रिदम में 44.5 करोड़ रुपये में अतिरिक्त हिस्सेदारी भी खरीदी है। अर्थ रिदम एक व्यक्तिगत देखभाल ब्रांड है।
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