अर्थतंत्र

अर्थजगतः सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ने रिलायंस पावर पर 3 साल का बैन लगाया और विदेशी मुद्रा भंडार 2.67 अरब डॉलर घटा

ओला इलेक्ट्रिक का एकीकृत शुद्ध घाटा 30 सितंबर, 2024 को समाप्त चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में घटकर 495 करोड़ रुपये रह गया है। स्विगी लिमिटेड के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) को शुक्रवार को अंतिम दिन तक 3.59 गुना अभिदान मिला है।

सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ने रिलायंस पावर पर 3 साल का बैन लगाया
सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ने रिलायंस पावर पर 3 साल का बैन लगाया  फोटोः सोशल मीडिया

सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ने रिलायंस पावर पर 3 साल का बैन लगाया

रिलायंस पावर का शेयर शुक्रवार को 5 प्रतिशत के लोअर सर्किट के साथ 41.58 रुपये पर बंद हुआ। शेयर में गिरावट की वजह सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एसईसीआई) द्वारा कंपनी पर अगले तीन वर्ष के लिए टेंडर प्रक्रिया में भाग लेने को लेकर बैन लगाना है। रिलायंस पावर पर यह बैन टेंडर प्रक्रिया में जाली दस्तावेज जमा करने को लेकर है। रिलायंस पावर और उसकी सहायक कंपनी रिलायंस एनयू बीईएसएस को प्रतिबंधित कर दिया गया, क्योंकि यह जाली दस्तावेजों के आधार पर एक परियोजना के लिए सबसे कम बोली लगाने वाली कंपनी बन गई थी।

एसईसीआई की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया कि टेंडर की आवश्यकताओं के अनुसार, बोली लगाने वाली कंपनी द्वारा प्रस्तुत ईएमडी (विदेशी बैंक द्वारा जारी) के विरुद्ध बैंक गारंटी फर्जी थी। यह खामी ई-रिवर्स ऑक्शन के बाद पाई गई थी। इस कारण से एसईसीआई को टेंडर प्रक्रिया को रद्द करना पड़ा। टेंडर की शर्तों के अनुसार फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए बोली लगाने वाली कंपनी को बैन कर दिया गया है। रिलायंस पावर का शेयर शुक्रवार को लोअर सर्किट के साथ खुला था। बीते एक महीने में यह 9.57 प्रतिशत से ज्यादा फिसल चुका है। छह महीने के दौरान शेयर 61.48 प्रतिशत से ज्यादा का रिटर्न दे चुका है। एक वर्ष में शेयर 103 प्रतिशत से ज्यादा चढ़ चुका है।

बीते पांच वर्ष में शेयर ने 760 प्रतिशत से ज्यादा का रिटर्न दिया है। वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में कंपनी ने कंसोलिडेटेड आधार पर 97.85 करोड़ रुपये का नुकसान दर्ज किया था। इस दौरान कंपनी की आय 2,069.18 करोड़ रुपये थी। वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही में कंपनी की आय 1,951 करोड़ रुपये रही थी। इस दौरान कंपनी को 296.31 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। करीब एक महीने पहले, रिलायंस पावर ने वर्डे इन्वेस्टमेंट पार्टनर्स के सहयोगियों को जारी किए जाने वाले विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बांड (एफसीसीबी) के माध्यम से 4,198 करोड़ रुपये जुटाने की योजना को मंजूरी दी थी।

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ओला इलेक्ट्रिक को दूसरी तिमाही में 495 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा

ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी का एकीकृत शुद्ध घाटा 30 सितंबर, 2024 को समाप्त चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में घटकर 495 करोड़ रुपये रह गया है। कंपनी ने कहा कि बिक्री बढ़ने से उसका घाटा कम हुआ है। इस कंपनी को बीते वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में 524 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था। ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी ने शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कहा कि तिमाही के दौरान उसकी परिचालन आय बढ़कर 1,214 करोड़ रुपये हो गई। एक साल पहले समान तिमाही में यह 873 करोड़ रुपये रही थी।

तिमाही के दौरान कंपनी की बिक्री में सालाना आधार पर 74 प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह पिछले साल की समान अवधि के 56,813 इकाई से बढ़कर 98,619 इकाई हो गई। ओला इलेक्ट्रिक ने कहा कि वह मार्च 2025 तक अपने कंपनी के स्वामित्व वाले स्टोर (और सह-स्थित सेवा इंफ्रा) नेटवर्क को 2,000 बिक्रीकेन्द्र तक विस्तारित करने की योजना बना रही है। सितंबर, 2024 तक कंपनी के स्वामित्व वाले 782 स्टोर हैं। कंपनी ने कहा, ‘‘अगले 2 वर्षों में, हम 20 उत्पाद पेश करेंगे, जिसमें हर तिमाही में कम से कम एक नया उत्पाद आएगा।’’

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विदेशी मुद्रा भंडार 2.67 अरब डॉलर घटकर 682.13 अरब डॉलर पर

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार एक नवंबर को समाप्त सप्ताह में 2.67 अरब डॉलर घटकर 682.13 अरब अमेरिकी डॉलर रह गया है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के शुक्रवार को यह जानकारी दी। इससे पिछले सप्ताह देश का विदेशी मुद्रा भंडार 3.46 अरब डॉलर घटकर 684.80 अरब डॉलर रहा था। सितंबर के अंत में विदेशी मुद्रा भंडार 704.88 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंचा था। आरबीआई के शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, एक नवंबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार का अहम हिस्सा मानी जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियां 3.90 अरब डॉलर घटकर 589.84 अरब अमेरिकी डॉलर रह गईं।

डॉलर के संदर्भ में उल्लेखित विदेशी मुद्रा आस्तियों में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं की घट-बढ़ का प्रभाव शामिल होता है। समीक्षाधीन सप्ताह में स्वर्ण भंडार का मूल्य 1.22 अरब डॉलर बढ़कर 69.75 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया।विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 10 लाख डॉलर घटकर 18.21 अरब डॉलर रह गया। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, आलोच्य सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के पास भारत का आरक्षित भंडार 40 लाख डॉलर घटकर 4.32 अरब डॉलर पर आ गया।

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स्विगी के आईपीओ को अंतिम दिन तक 3.59 गुना अभिदान

ऑनलाइन ऑर्डर पर खाने के सामान की आपूर्ति करने वाली प्रमुख कंपनी स्विगी लिमिटेड के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) को शुक्रवार को अंतिम दिन तक 3.59 गुना अभिदान मिला है। एनएसई के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, आरंभिक शेयर बिक्री में 16,01,09,703 शेयरों की पेशकश के मुकाबले 57,53,07,536 शेयरों के लिए बोलियां प्राप्त हुईं। पात्र संस्थागत खरीदारों (क्यूआईबी) के खंड को 6.02 गुना अभिदान मिला जबकि खुदरा व्यक्तिगत निवेशकों (आरआईआई) के कोटा को 1.14 गुना अभिदान प्राप्त हुआ। गैर-संस्थागत निवेशकों के हिस्से को 41 प्रतिशत अभिदान मिला।

स्विगी ने एंकर (बड़े) निवेशकों से 5,085 करोड़ रुपये जुटाए हैं। बेंगलुरु स्थित कंपनी के आईपीओ के लिए मूल्य दायरा 371-390 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है। कंपनी का लक्ष्य आईपीओ से 11,327 करोड़ रुपये जुटाना है, जिसमें 4,499 करोड़ रुपये के शेयरों का नया निर्गम और 6,828 करोड़ रुपये की बिक्री पेशकश (ओएफएस) शामिल है।

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शादियों की मांग से सोना 500 रुपये चढ़ा, चांदी 800 रुपये मजबूत

शादी-विवाह के सीजन में आभूषण एवं फुटकर विक्रेताओं की मांग बढ़ने के बीच राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में शुक्रवार को सोना 500 रुपये की बढ़त के साथ एक बार फिर 80,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच गया। अखिल भारतीय सर्राफा संघ ने यह जानकारी दी। 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना बृहस्पतिवार को 79,500 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। चांदी भी 800 रुपये उछलकर 94,600 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई, जबकि पिछली कारोबारी सत्र में इसका भाव 93,800 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुआ था।

99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत 500 रुपये बढ़कर 79,600 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई। बृहस्पतिवार को यह 79,100 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। कारोबारियों ने कहा कि शादी के मौसम के लिए स्थानीय आभूषण कारोबारियों की मांग बढ़ी है। इसके अलावा अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट के कारण निवेशकों ने सुरक्षित निवेश के विकल्प के रूप में सर्राफा पर दांव लगाया, जिससे सोने की कीमतों में तेजी देखी गई।

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