पूरे देश में रक्षा बंधन के अवसर पर होने वाली बिक्री का आंकड़ा 12,000 करोड़ रुपए से ज्यादा होने का अनुमान है। एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) की ओर से जारी रिपोर्ट में कहा गया कि बाजार में राखी के त्योहार पर शॉपिंग को लेकर काफी भीड़ देखने को मिली। रिपोर्ट में कहा गया कि भारतीय ग्राहक स्थानीय प्रोडक्ट्स को लेकर पहले की अपेक्षा काफी जागरूक हुए हैं और चीनी राखियों की अपेक्षा भारतीय राखियों को तरजीह दी है। सीएआईटी ने आगे नोट में कहा कि बीते कई वर्षों से भारतीय बाजार में केवल स्थानीय राखियों को ही बेचा जा रहा है। इस साल भी यह ट्रेंड जारी है। बाजार में चीनी राखियों की न तो मांग है और न ही उपलब्धता।
सीएआईटी के राष्ट्रीय महासचिव और चांदनी चौक के सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि राखी पर 12,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का बिजनेस होने का अनुमान है। पिछली राखी पर यह आंकड़ा 10,000 करोड़ रुपये का था। खंडेलवाल ने कहा कि राखी पर 2022 में 7,000 करोड़ रुपए, 2021 में 6,000 करोड़ रुपए, 2020 में 5,000 करोड़ रुपए, 2019 में 3,500 करोड़ रुपए और 2018 में 3,000 करोड़ रुपए का व्यापार हुआ था।
सीएआईटी के सदस्यों का मानना है कि 19 अगस्त से लेकर 15 नवंबर तुलसी विवाह तक चलने वाले इस फेस्टिव सीजन में 4 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की बिक्री हो सकती है। सीएआईटी ने आगे कहा कि रक्षाबंधन के साथ देश में त्योहारी सीजन की शुरुआत हो जाती है। इसके बाद जन्माष्टमी, दस दिनों का गणेश उत्सव, नवरात्रि, दुर्गा पूजा, दशहरा, करवा चौथ, धनतेरस, दिवाली, गोवर्धन पूजा, भाई दूज, छठ पूजा और अन्य त्योहारों के बाद तुलसी विवाह के साथ त्योहारी सीजन समाप्त हो जाता है। इसका असर पूरे देश के बिजनेस पर पड़ता है। ग्राहकों की मांग को पूरा करने के लिए व्यापारी स्टॉक आदि भी करते हैं।
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भारतीय शेयर बाजार के लिए मंगलवार का कारोबारी सत्र काफी शानदार रहा। बाजार में चौतरफा खरीदारी देखी गई। दिन के दौरान सेंसेक्स ने 80,517 से लेकर 80,942 और निफ्टी 24,607 से 24,734 की रेंज में कारोबार किया। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 378 अंक या 0.47 प्रतिशत की तेजी के साथ 80,802 और निफ्टी 126 अंक या 0.51 प्रतिशत की बढ़त के साथ 24,698 पर बंद हुआ। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) 2,394 शेयर हरे निशान, 1,544 शेयर लाल निशान और 98 शेयर बिना किसी बदलाव के बंद हुए। सेंसेक्स पैक में बजाज फिनसर्व, इंडसइंड बैंक, टेक महिंद्रा, बजाज फाइनेंस, कोटक महिंद्रा बैंक, एक्सिस बैंक, एनटीपीसी, सन फार्मा, विप्रो, नेस्ले और एचसीएल टेक टॉप गेनर्स थे।
भारती एयरटेल, आईटीसी, जेएसडब्ल्यू स्टील, अल्ट्राटेक सीमेंट, टाटा मोटर्स और टाटा स्टील टॉप लूजर्स थे। बाजार का नेतृत्व बैंकिंग शेयरों ने किया। निफ्टी बैंक 434 अंक या 0.86 प्रतिशत बढ़कर 50,803 पर बंद हुआ। एनएसई इंडेक्स में प्राइवेट बैंक, पीएसयू बैंक, ऑटो, आईटी, फिन सर्विस, मेट और एनर्जी सबसे ज्यादा बढ़ने वाले इंडेक्स थे। एफएमसीजी और मीडिया इंडेक्स ही लाल निशान में बंद हुए। एलकेपी सिक्योरिटीज में सीनियर वरिष्ठ टेक्निकल एनालिस्ट रूपक दे ने कहा कि निफ्टी 24,600 के पार निकलने के बाद 24,700 तक गया। निफ्टी में ट्रेंड आगे मजबूत रहेगा। अगर यह 24,600 से लेकर 24,650 की रेंज में टिकता है। अगर यह 24,600 के नीचे जाता है तो गिरावट आ सकती है। निफ्टी के लिए 24,840 और 24,860 एक अहम रुकावट का स्तर होगा।
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अधिक जमा हासिल करने के लिए आईडीबीआई बैंक ने मंगलवार को 444 दिन की सावधि जमा (एफडी) पर ब्याज दर को 7.85 प्रतिशत तक बढ़ा दिया। यह बढ़ोतरी सीमित अवधि के लिए की गई है। आईडीबीआई बैंक ने बयान में कहा कि अब 444 दिन और 375 दिन की अवधि वाली सावधि जमाओं पर क्रमशः 7.85 प्रतिशत और 7.75 प्रतिशत सालाना की दर से ब्याज दिया जाएगा। बैंक ने कहा कि यह वृद्धि ‘उत्सव सावधि जमा’ को अधिक प्रतिफल चाहने वाले ग्राहकों के लिए और भी अधिक आकर्षक बनाती है।
बयान के मुताबिक, यह प्रस्ताव 30 सितंबर, 2024 तक वैध है। ग्राहक बैंक की वेबसाइट या मोबाइल बैंकिंग ऐप या बैंक की किसी भी शाखा के जरिये आसानी से उत्सव सावधि जमा का लाभ ले सकते हैं। इसके अलावा, आईडीबीआई बैंक उत्सव सावधि जमा योजना के तहत अन्य विशेष अवधि पर प्रतिस्पर्धी दरों की पेशकश जारी रखेगा। इसके तहत 700 दिन की अवधि के लिए 7.70 प्रतिशत की अधिकतम दर से ब्याज दिया जाता है, जबकि 300 दिन की अवधि के लिए यह 7.55 प्रतिशत है।
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भारतीय अर्थव्यवस्था में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का प्रवाह अप्रैल-जून तिमाही में सालाना आधार पर 26.4 प्रतिशत बढ़कर 22.5 अरब डॉलर हो गया। आरबीआई के ताजा मासिक बुलेटिन में यह जानकारी दी गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में 6.9 अरब डॉलर का शुद्ध एफडीआई निवेश आया है, जो कि वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही में 4.7 अरब डॉलर था। मैन्युफैक्चरिंग, फाइनेंसियल सर्विसेज, कम्यूनिकेशन सर्विसेज, कम्प्यूटर सर्विसेज, इलेक्ट्रिसिटी, एनर्जी और अन्य सेक्टर में 80 प्रतिशत ग्रॉस एफडीआई इन्फ्लो आया है। आरबीआई की रिपोर्ट में बताया गया है कि सिंगापुर, मॉरीशस, नीदरलैंड, यूएस और बेल्जियम से 75 प्रतिशत एफडीआई आया है। वित्त वर्ष 2023-24 में भारत में 9.8 अरब डॉलर का शुद्ध निवेश आया था, जो कि इससे पहले के वर्ष में 28 अरब डॉलर और वित्त वर्ष 2021-22 में 38 अरब डॉलर था।
रिपोर्ट में बताया गया कि 2023-24 में घटने के बाद निर्यात में 2024-25 में अब तक बढ़त देखने को मिली है। चीन को छोड़कर निर्यात के कुल मूल्य में लगभग आधा हिस्सा रखने वाले शीर्ष 10 गंतव्यों देशों में से नौ में मांग में बढ़त दर्ज की जा रही है। रिपोर्ट में बताया गया कि भारत की निर्यात बास्केट में इलेक्ट्रॉनिक और इंजीनियरिंग गुड्स का भार बढ़ता जा रहा है। वहीं, पारंपरिक निर्यात जैसे ज्वेलरी, टेक्सटाइल, गारमेंट्स, लेदर और समुद्री उत्पाद प्रतिस्पर्धात्मकता खो रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि बिजनेस सर्विस जैसे सपोर्ट ऑपरेशंस, इंजीनियरिंग, रिसर्च एंड डिजाइन तेजी से आईटी और सॉफ्टवेयर को पछाड़कर भारत के निर्यात का पावरहाउस बन रहे हैं। भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ रही है। वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की जीडीपी 8.2 प्रतिशत की दर से बढ़ी थी। वित्त वर्ष 2024-25 में इसके 7.2 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है।
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ऑनलाइन मंच के जरिये मांस बेचने वाली स्टार्टअप कंपनी जैपफ्रेश ने पश्चिम भारत में अपने कारोबार विस्तार के लिए मुंबई की बोनसारो का अधिग्रहण किया है। जैपफ्रेश ने मंगलवार को बयान में कहा कि उसने बोनसारो (मैजेस्टिक एलिमेंट्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड) का अधिग्रहण कर लिया है, जो पॉल्ट्री (उत्पाद), बकरे के मांस तथा समुद्री भोजन (सी फूड) की ऑनलाइन ‘डिलिवरी’ में विशेषज्ञता रखती है। इस अधिग्रहण के साथ कंपनी को चालू वित्त वर्ष 2024-25 में लाभ में उल्लेखनीय वृद्धि के साथ 160 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल करने की उम्मीद है।
जैपफ्रेश के संस्थापक दीपांशु मनचंदा ने कहा, ‘‘ बोनसारो को अपने खंड में शामिल कर हम एक अखिल भारतीय ब्रांड बनाने के लिए तैयार हैं...मुंबई एक महत्वपूर्ण बाजार है, जो पश्चिम में हमारे विस्तार में महत्वपूर्ण योगदान देगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ हमारी विस्तार रणनीति अनुशासित है। हम एक समय पर एक शहर में विस्तार करते हैं, जिससे लाभ-हानि से समझौता किए बिना लाभप्रदता सुनिश्चित होती है। हम नए बाजारों में तभी प्रवेश करते हैं जब हम लागत निकालने की स्थिति में पहुंच जाते हैं।’’
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