अर्थतंत्र

अर्थजगतः सेंसेक्स 423 अंक लुढ़का, अडानी की कंपनियों में तेज गिरावट और निवेशकों के 5.27 लाख करोड़ रुपये डूबे

शादी के सीजन की खरीदारी के कारण गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में सोने की कीमत 1,400 रुपये बढ़कर 79,300 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई। बाजार नियामक सेबी ने वैकल्पिक निवेश कोष (एआईएफ) नियमों में संशोधन किया है।

सेंसेक्स 423 अंक लुढ़का, अडानी की कंपनियों में तेज गिरावट
सेंसेक्स 423 अंक लुढ़का, अडानी की कंपनियों में तेज गिरावट फोटोः सोशल मीडिया

सेंसेक्स 423 अंक लुढ़का, अडानी की कंपनियों में तेज गिरावट

शेयर बाजार में गुरुवार को गिरावट रही और बीएसई सेंसेक्स 423 अंक लुढ़क गया। उद्योगपति गौतम अडानी पर अमेरिका में रिश्वत देने और धोखाधड़ी के आरोपों के बीच समूह की कंपनियों के शेयरों में तेज गिरावट दर्ज हुई। इससे भी स्थानीय बाजार प्रभावित हुआ। इसके अलावा, विदेशी संस्थागत निवेशकों की पूंजी निकासी और एशियाई तथा यूरोप के शेयर बाजारों में कमजोर रुख से भी धारणा प्रभावित हुई।

तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 422.59 अंक यानी 0.54 प्रतिशत की गिरावट के साथ 77,155.79 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 775.65 अंक तक लुढ़क गया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 168.60 अंक यानी 0.72 प्रतिशत टूटकर 23,349.90 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स के तीस शेयरों में अडानी पोर्ट 13 प्रतिशत नीचे आया।

गौतम अडानी पर अमेरिकी अभियोजकों ने भारत में सौर बिजली अनुबंध हासिल करने के लिए अनुकूल शर्तों के बदले भारतीय अधिकारियों को 25 करोड़ डॉलर की रिश्वत देने का आरोप लगाया है। इन खबरों के बाद अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों में गिरावट आई है। इसके अलावा, भारतीय स्टेट बैंक, एनटीपीसी, आईटीसी, एशियन पेंट्स, बजाज फाइनेंस और बजाज फिनर्स भी प्रमुख रूप से नुकसान में रहे। दूसरी तरफ, लाभ में रहने वाले शेयरों में पावर ग्रिड, अल्ट्राटेक सीमेंट, एचसीएल टेक्नोलॉजीज और एक्सिस बैंक शामिल हैं।

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शेयर बाजार में गिरावट से निवेशकों के 5.27 लाख करोड़ रुपये डूबे

अडानी समूह के शेयरों में भारी गिरावट के बाद बाजार टूटने के साथ ही निवेशकों की संपत्ति गुरुवार को 5.27 लाख करोड़ रुपये घट गई। बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 422.59 अंक गिरकर 77,155.79 अंक पर बंद हुआ। दिन के कारोबार के दौरान यह 775.65 अंक या 0.99 प्रतिशत गिरकर 76,802.73 अंक पर आ गया था। बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 5,27,767.57 करोड़ रुपये घटकर 4,25,38,908.01 करोड़ रुपये (5.04 लाख करोड़ डॉलर) रह गया।

अमेरिकी अभियोजकों ने गौतम अडानी पर सौर ऊर्जा अनुबंधों के लिए अनुकूल शर्तों के बदले भारतीय अधिकारियों को 26.5 करोड़ डॉलर (लगभग 2,200 करोड़ रुपये) की रिश्वत देने की योजना का कथित रूप से हिस्सा होने का आरोप लगाया है। अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस, अडानी पोर्ट्स और अडानी ग्रीन एनर्जी समेत अडानी समूह के अन्य सभी शेयरों में भी भारी गिरावट आई। एनटीपीसी, भारतीय स्टेट बैंक, आईटीसी, एशियन पेंट्स, बजाज फाइनेंस और बजाज फिनसर्व भी प्रमुख रूप से पिछड़ने वालों में शामिल रहे। वहीं, पावर ग्रिड, अल्ट्राटेक सीमेंट, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, एचसीएल टेक्नोलॉजीज और कोटक महिंद्रा बैंक लाभ में रहे।

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शादी का सीजन आते ही सोना में 1,400 रुपये का उछाल, चांदी स्थिर

आभूषण विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं की ताजा खरीदारी के कारण गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में सोने की कीमत 1,400 रुपये बढ़कर 79,300 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई। अखिल भारतीय सर्राफा संघ ने यह जानकारी दी। पिछले सत्र में 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 77,900 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। हालांकि, गुरुवार को चांदी 93,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर स्थिर रही। 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत बुधवार को 77,500 रुपये प्रति 10 ग्राम के पिछले बंद के मुकाबले 1,400 रुपये बढ़कर 78,900 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई।

एलकेपी सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष-शोध विश्लेषक जिंस और मुद्रा जतिन त्रिवेदी ने कहा, ‘‘भू-राजनीतिक तनाव ने सुरक्षित निवेश विकल्प के रूप में सोने की मांग को फिर बढ़ा दिया है। साथ ही रूस-यूक्रेन संघर्ष में परमाणु जोखिमों पर नई चिंताएं भी पैदा हो गईं, जिससे सोने की कीमतों में उछाल आया।’’ त्रिवेदी ने कहा कि इस स्थिति के इर्द-गिर्द अनिश्चितता, सोने के लिए तेजी के रुझान को समर्थन दे रही है। वैश्विक स्तर पर कॉमेक्स सोना वायदा 19.80 डॉलर प्रति औंस बढ़कर 2,695.40 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया।

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सेबी ने वैकल्पिक निवेश कोष नियमों में संशोधन किया

बाजार नियामक सेबी ने वैकल्पिक निवेश कोष (एआईएफ) नियमों में संशोधन किया है। इसमें निवेशकों को किसी योजना में उनके योगदान के अनुपात में निवेश और आय के वितरण का अधिकार देने का निर्देश दिया गया है। सरल शब्दों में, एआईएफ योजना के तहत निवेश से जोखिम और पुरस्कार को योजना में निवेशकों के योगदान के अनुपात में साझा किया जाने की जरूरत होगी।

इसका उद्देश्य एआईएफ के मामले में नियामक के इरादे को स्पष्ट करना है। साथ एआईएफ के निवेशकों के साथ निष्पक्ष और समान व्यवहार सुनिश्चित करना है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने 18 नवंबर को जारी एक अधिसूचना में कहा, ‘‘एआईएफ योजना में निवेश करने वाले निवेशकों के लिए आय वितरण में, योगदान के अनुसार आनुपातिक अधिकार होंगे।’’ सेबी इस बारे में अगर कोई अलग व्यवस्था करता है, तो वह उससे अलग होगा।

नियामक के अनुसार, एआईएफ की एक योजना के निवेशकों के अधिकार सभी पहलुओं में समान होंगे। यह उस स्थिति में लागू नहीं होगा जब योजना के अन्य निवेशकों के हितों को प्रभावित किए बिना चुनिंदा निवेशकों को अलग अधिकार की पेशकश की गयी है। बाजार नियामक ने बड़े मूल्य वाले कोषों को अपने निवेशकों के बीच समान अधिकार सुनिश्चित करने से छूट प्रदान की है। यह प्रत्येक निवेशक द्वारा प्रदान की गई छूट के अधीन है। एआईएफ निजी तौर पर एकत्रित राशि के निवेश का माध्यम है, जो अपने निवेशकों के लाभ के लिए एक परिभाषित निवेश नीति के तहत निवेश के लिए निवेशकों से कोष एकत्र करता है।

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फार्मइजी को 2024 में हुआ 2,533 करोड़ रुपये का नुकसान

हेल्थ-टेक कंपनी फार्मइजी ने वित्त वर्ष 24 में 2,533 करोड़ रुपये का नुकसान दर्ज किया है। साथ ही कंपनी की आय 15 प्रतिशत कम होकर 5,664 करोड़ रुपये हो गई है। फार्मइजी की प्रवर्तक कंपनी एपीआई होल्डिंग्स के वित्तीय विवरण के अनुसार, वित्त वर्ष 24 में कंपनी की संचालन से आय 14.8 प्रतिशत कम होकर 5,664 करोड़ रुपये हो गई है, जो कि वित्त वर्ष 23 में 6,644 करोड़ रुपये थी। बीते वर्ष वैल्यूएशन में कटौती के बाद फार्मइजी की ओर से वर्कफोर्स में कमी की गई थी। कंपनी वित्त वर्ष 24 में नुकसान 50 प्रतिशत कम करने में कामयाब रही है। वित्तीय विवरणों के मुताबिक, फार्मइजी ने वित्त वर्ष 24 में एक रुपये की आय आर्जित करने के लिए 1.28 रुपये खर्च किए हैं।

फार्मइजी की वैल्यूएशन एक समय 5 अरब डॉलर के करीब थी, जो कि अब घटकर 500 से 600 मिलियन डॉलर के बीच रह गई है। कंपनी ने अपनी शुरुआत से लेकर अब तक 1.1 अरब डॉलर का फंड जुटाया है। वित्त वर्ष 24 में फार्मइजी की सामग्री लागत 14.8 प्रतिशत कम होकर 4,880.3 करोड़ रुपये रह गई है। वहीं, वित्तीय लागत 9.4 प्रतिशत बढ़कर 727.9 करोड़ रुपये हो गई है। पिछले वित्त वर्ष में कंपनी की ओर से 699.3 करोड़ रुपये कर्मचारियों को दिए जाने वाले फायदों पर खर्च किए गए हैं। इसमें 221.8 करोड़ रुपये का ईएसओपी शामिल है।

हेल्थटेक कंपनी ने पिछले साल जून में गोल्डमैन सैश से 3,500 करोड़ रुपये के कर्ज में भी डिफॉल्ट किया था। कंपनी द्वारा नवंबर 2021 में आईपीओ के कागजात दाखिल करने के बाद अगस्त 2022 में अपनी लिस्टिंग योजना को भी स्थगित किया जा चुका है। इस साल अप्रैल में मणिपाल एजुकेशन एंड मेडिकल ग्रुप (एमईएमजी)और मौजूदा निवेशकों के नेतृत्व में लगभग 216 मिलियन डॉलर की फंडिंग हासिल की थी। इस दौरान कंपनी के मूल्यांकन में 90 प्रतिशत की कटौती हुई थी।

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