भारतीय शेयर बाजार के लिए गुरुवार का कारोबारी सत्र काफी उठापटक वाला रहा। बाजार के मुख्य सूचकांक करीब सपाट बंद हुए हैं। कारोबारी सत्र के अंत में सेंसेक्स 27 अंक और निफ्टी 8 अंक की मामूली गिरावट के साथ क्रमश: 79,897 और 24,315 पर थे। दिन के दौरान लार्ज की अपेक्षा मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में खरीदारी का ट्रेंड देखा गया। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 227 अंक या 0.40 प्रतिशत की बढ़त के साथ 57,148 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 129 अंक या 0.69 प्रतिशत की बढ़त के साथ 18,919 पर बंद हुआ।
सेक्टर के हिसाब से देखें तो मीडिया, पीएसई, कमोडिटी और ऑयल एंड गैस इंडेक्स हरे निशान में बंद हुए। वहीं, रियल्टी, फार्मा और ऑटो में लाल निशान में थे। सेंसेक्स पैक में 16 शेयर तेजी के साथ और 14 शेयर लाल निशान में बंद हुए हैं। आईटीसी, टाटा मोटर्स, एशियन पेंट्स, टाइटन, एसबीआई, टाटा स्टील, इंडसइंड बैंक, एक्सिस बैंक और एचसीएल टेक टॉप गेनर्स थे। बजाज फाइनेंस, एमएंडएम, सन फार्मा, नेस्ले, एनटीपीसी और पावर ग्रिड टॉप लूजर्स थे। कारोबारी सत्र में बाजार की शुरुआत सपाट हुई थी। सेंसेक्स ने 80,170 के उच्चतम स्तर और 79,464 के न्यूनतम स्तर को छुआ। जानकारों का कहना है कि बाजार एक सीमित दायरे में है और प्रीमियम वैल्यूएशन पर टिकने की कोशिश कर रहा है। एफआईआई खरीदारी और बजट के कारण व्यापक स्तर पर माहौल सकारात्मक बना हुआ है। बाजार का फोकस अमेरिका में महंगाई के आंकड़े और फेड द्वारा ब्याज दरों को लेकर लिए जाने वाले फैसले पर है।
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मुंबई में 10 करोड़ रुपये से अधिक कीमत वाले लक्जरी घरों की मांग चालू साल की पहली छमाही (जनवरी-जून) में आठ प्रतिशत बढ़कर करीब 12,300 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। गुरुवार को एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, 10 करोड़ रुपये और उससे अधिक दाम वाले लक्जरी घरों की मांग जनवरी-जून, 2024 में मजबूत बनी रही। पिछले साल की पहली छमाही में बिक्री 11,400 करोड़ रुपये रही थी। रिपोर्ट कहती है कि बाजार के शीर्ष खंड में दिख रहा उछाल आवासीय बाजार में समग्र रूप से जारी तेजी के अनुरूप है और यह भारतीय अर्थव्यवस्था में उत्साह और भरोसे को दर्शाता है।
लक्जरी घरों की खरीद-बिक्री से जुड़ी सलाहकार फर्म इंडिया सोथबी इंटरनेशनल रियल्टी और आंकड़ा विश्लेषक फर्म सीआरई मैट्रिक्स ने इस साल की पहली छमाही के लिए मुंबई के लक्जरी आवासीय बाजार पर यह रिपोर्ट जारी की। इसमें नए एवं पुराने घरों की बिक्री दोनों के आंकड़े शामिल हैं। कुल बिक्री में से प्राथमिक लक्जरी खंड में 8,752 करोड़ रुपये की बिक्री हुई, जबकि पुराने घर की बिक्री में 3,500 करोड़ रुपये से अधिक का रिकॉर्ड लेनदेन हुआ, जो 2023 की पहली छमाही की तुलना में 38 प्रतिशत अधिक है। इसमें अनिल गुप्ता और पॉलिएस्टर लिमिटेड ने मालाबार हिल के लोढ़ा मालाबार में 270 करोड़ रुपये का सौदा उल्लेखनीय रहा। इसके अलावा रेखा झुनझुनवाला एवं परिवार ने मालाबार हिल के रॉकसाइड अपार्टमेंट में 156.5 करोड़ रुपये में एक घर खरीदा।
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कर्ज के बोझ से दबी दूरसंचार कंपनी वोडाफोन आइडिया लि. (वीआईएल) ने सितंबर, 2025 में देय स्पेक्ट्रम भुगतान के लिए 24,747 करोड़ रुपये की वित्तीय बैंक गारंटी पर छूट मांगने के लिए दूरसंचार विभाग से संपर्क साधा है। वोडाफोन आइडिया को भुगतान की नियत तिथि से एक साल पहले वार्षिक किस्त की गारंटी देने की जरूरत है। एक सूत्र ने कहा, ‘‘वोडाफोन आइडिया ने सितंबर, 2025 में देय 24,747 करोड़ रुपये की वित्तीय बैंक गारंटी के लिए दूरसंचार विभाग से छूट मांगी है। स्पेक्ट्रम नीलामी नियमों के अनुरूप वित्तीय बैंक गारंटी को नियत तिथि से एक साल पहले जमा करने का प्रावधान है।’’ इस संबंध में टिप्पणी के लिए दूरसंचार कंपनी को भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नहीं मिला।
यह भुगतान उन स्पेक्ट्रम के लिए किया जाना है जिन्हें वोडाफोन आइडिया ने 2022 से पहले आयोजित नीलामियों में खरीदा था। कंपनी ने 2022 में सरकारी राहत पैकेज के तहत स्वीकृत स्पेक्ट्रम भुगतान के लिए चार साल की मोहलत का विकल्प चुना था। वर्ष 2016 तक आयोजित स्पेक्ट्रम नीलामी से संबंधित भुगतान दायित्वों के स्थगन की अवधि अक्टूबर, 2025 और सितंबर, 2026 के बीच समाप्त हो रही है। कंपनी ने समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) भुगतान पर भी स्थगन का विकल्प चुना है जो मार्च, 2026 में खत्म हो रहा है।
वोडाफोन आइडिया को संबंधित मोहलत अवधि खत्म होने से कम-से-कम 13 महीने पहले बैंक गारंटी देना जरूरी है। कंपनी ने 2022 और 2024 के स्पेक्ट्रम नीलामी नियमों के आधार पर राहत का हवाला दिया है जिसमें वार्षिक किस्तों के लिए बैंक गारंटी देने का प्रावधान हटा दिया गया है। वीआईएल पर 31 मार्च, 2024 तक सरकार का कुल 2,03,430 करोड़ रुपये बकाया था। कुल बकाया में 1,33,110 करोड़ रुपये का स्थगित स्पेक्ट्रम भुगतान दायित्व और 70,320 करोड़ रुपये का एजीआर भुगतान शामिल है।
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अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुआ खिलाने वाली कंपनियां धन शोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए ‘माध्यम’ का काम करती हैं। राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय के सुरक्षा एवं वैज्ञानिक तकनीकी अनुसंधान संघ की एक रिपोर्ट में यह निष्कर्ष निकाला गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि आईटी नियम 2021 ‘ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग’ और अवैध सट्टेबाजी तथा जुए की प्रथाओं के बीच अंतर करता है। हालांकि, इसके साथ ही रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि भारतीय कानून का अनुपालन करने वाले वैध ऑनलाइन गेमिंग मंचों को श्वेत सूची में डालने के लिए एक पंजीकरण तंत्र की जरूरत है।
सुरक्षा एवं वैज्ञानिक तकनीकी अनुसंधान संघ (एसएएसटीआरए) की रिपोर्ट में कहा गया है कि अवैध ऑनलाइन जुए तथा सट्टेबाजी से भारतीय नागरिकों के साइबर सुरक्षा हमलों और असुरक्षित ऑनलाइन माहौल की चपेट में आने की आशंका बढ़ जाती है। वे भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी खतरा बनकर उभरे हैं क्योंकि अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुआ खिलाने वाली वेबसाइट धनशोधन तथा आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए ‘‘माध्यम’’ के रूप में काम करती हैं।’’ इसमें कहा गया कि वर्तमान कानूनी तथा नियामकीय ढांचा वैध व गैरकानूनी गतिविधियों के बीच पर्याप्त अंतर नहीं करता, जिसके कारण अवैध मंच अक्सर धनशोधन सहित अतिरिक्त अवैध गतिविधियों को बढ़ावा देते हैं।
रिपोर्ट कहती है कि भारत में सट्टेबाजी और जुए के बाजार का आकार या इन गतिविधियों से उत्पन्न राजस्व का कोई आधिकारिक अनुमान नहीं है। हालांकि, इंटरनेशनल सेंटर फॉर स्पोर्ट्स सिक्योरिटी की 2017 की एक रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया कि भारत में अवैध सट्टेबाजी और जुआ बाजार करीब 150 अरब अमेरिकी डॉलर या लगभग 10 लाख करोड़ रुपये का है।रिपोर्ट में सरकार से ऑनलाइन गेमिंग बिचौलियों के लिए आईटी नियम 2021 को लागू करने की सिफारिश की गई है ताकि वैध ऑनलाइन गेमिंग तथा सट्टेबाजी व जुए के बीच कानून में अंतर उत्पन्न किया जा सके। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय ने ऑनलाइन गेमिंग को विनियमित करने के लिए दिशानिर्देश तैयार कर लिए हैं, लेकिन अभी तक उन्हें लागू नहीं किया गया है।रिपोर्ट में वित्त पर संसद की स्थायी समिति की 59वीं रिपोर्ट का उल्लेख भी किया गया जिसमें कहा गया था कि अवैध जुआ ऐप सुरक्षा के लिए खतरा उत्पन्न करते हैं।
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