भाविश अग्रवाल के नेतृत्व वाली ओला इलेक्ट्रिक के शेयर में लगातार गिरावट जारी है। कंपनी का शेयर मंगलवार को 8.5 प्रतिशत गिरकर अपने अब तक के सबसे निचले स्तर 74.18 पर बंद हुआ। दिन के दौरान शेयर ने 73.84 रुपये का न्यूनतम स्तर छुआ। मंगलवार को बंद हुए भाव के मुताबिक, ओला इलेक्ट्रिक का शेयर अपने ऑल-टाइम हाई 157.47 रुपये से 53.2 प्रतिशत नीचे फिसल गया है। दोपहिया ईवी कंपनी द्वारा 8 नवंबर को वित्त वर्ष 25 की दूसरी तिमाही के नतीजे जारी किए जाएंगे। कंपनी द्वारा स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा गया कि ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लिमिटेड के निदेशक मंडल की बैठक शुक्रवार, 8 नवंबर, 2024 को होने वाली है, जिसमें कंपनी के 30 सितंबर, 2024 को समाप्त तिमाही और छमाही के अनऑडिटेड स्टैंडअलोन और कंसोलिडेटेड वित्तीय परिणामों का अनुमोदन किया जाएगा।
बाजार के जानकारों के मुताबिक, अपने इश्यू प्राइस 76 रुपये प्रति शेयर के नीचे जाने के बाद शेयर 70 रुपये तक फिसल सकता है। एक्सपर्ट्स ने आगे कहा कि शेयर में लगातार कमजोरी देखी जा रही है और कमजोर रहने तक निवेशकों को इस काउंटर से दूर रहना चाहिए। ओला इलेक्ट्रिक का शेयर अपने अब तक के इतिहास में पहली बार 29 अक्टूबर को 76 रुपये के नीचे गया था। ओला इलेक्ट्रिक के शेयर इस साल अगस्त में शेयर बाजार में लिस्ट हुए थे। लिस्टिंग के बाद, ओला इलेक्ट्रिक में तेज रैली देखी गई और दोपहिया ईवी कंपनी के शेयर ने 157.40 रुपये का ऑल-टाइम हाई बनाया था। इसके बाद से शेयर में लगातार गिरावट देखी जा रही है।
बाजार विशेषज्ञों के मुताबिक, अगर ओला का शेयर कुछ दिनों तक अपने आईपीओ मूल्य 76 रुपये से नीचे रहता है, तो संस्थागत निवेशकों और खुदरा निवेशकों की बिकवाली के कारण इसमें और गिरावट देखने को मिल सकती है। उन्होंने आगे कहा कि शेयरों में हर स्तर पर बिकवाली देखी जा रही है। लगातार कमजोरी के कारण निवेशकों को इस शेयर से दूर रहना चाहिए और मजबूत फंडामेंटल वाली कंपनियों में निवेश करना चाहिए। ओला इलेक्ट्रिक के शेयरों में कमजोरी की वजह कंपनी के कमजोर बिक्री आंकड़े और खराब सर्विस को बताया जा रहा है।
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करवा चौथ, धनतेरस और दीपावली के बाद अब देश में चार दिवसीय छठ की शुरुआत हो रही है। त्योहारी सीजन में बिक्री पर नजर रखने वाले कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) की ओर से छठ पर्व पर अपेक्षित बिक्री के आंकड़े जारी किए गए हैं। कैट के अनुसार, इस साल छठ पर पूरे देश में 12,000 करोड़ रुपये का व्यापार होगा। इसके अलावा, करीब 15 करोड़ लोग छठ पूजा से जुड़े अनुष्ठानों में भाग लेंगे। विशेष रूप से बिहार और झारखंड के लोगों द्वारा मनाया जाने वाला यह पर्व दिल्ली में हर वर्ष बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। दिल्ली में पूर्वांचल के लोगों की अच्छी-खासी आबादी है, जो कि चांदनी चौक, सदर बाजार, मॉडल टाउन, अशोक विहार, शालीमार बाग, पीतमपुरा, रानी बाग, उत्तम नगर, तिलक नगर में बसती है।
इसके अलावा, दिल्ली के कई दूसरे इलाकों में भी छठ के दौरान खरीदारी के लिए खास कर पूजा से जुड़े सामान के लिए लोग बाजारों की तरफ रुख कर रहे हैं। बिहार, झारखंड और दिल्ली के अलावा, देश के कई दूसरे राज्यों में इस पर्व की चकाचौंध देखने को मिल रही है। कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया ने कहा कि बिहार और झारखंड के अलावा छठ पूजा पूर्वी उत्तर प्रदेश, दिल्ली, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, राजस्थान, छत्तीसगढ़, विदर्भ और मध्य प्रदेश में भी बड़े उत्साह के साथ मनाई जाती है।
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भारतीय शेयर बाजार मंगलवार को अमेरिकी चुनाव के नतीजों को लेकर अनिश्चितता के बीच बढ़त के साथ बंद हुआ। कारोबार के अंत में एफएमसीजी और मीडिया को छोड़कर सभी सेक्टर में खरीदारी देखने को मिली। सुबह के कारोबार में बाजार सीमित दायरे में खुला था। दोपहर डेढ़ बजे के बाद बाजार में तेजी शुरू हुई। बीएसई का सेंसेक्स 694.39 अंक या 0.88 प्रतिशत चढ़कर बंद हुआ। वहीं, दूसरी ओर एनएसई का निफ्टी 217.95 अंक या 0.91 प्रतिशत चढ़ने के बाद 24,213.30 पर बंद हुआ। निफ्टी बैंक 992 अंक या 1.94 प्रतिशत चढ़ने के बाद 52,207.25 पर आ गया। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स कारोबार के अंत में 330.90 अंक या 0.59 प्रतिशत चढ़ने के बाद 56,115.45 पर बंद हुआ। निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 78.80 अंक या 0.43 प्रतिशत चढ़ने के बाद 18,503.45 पर बंद हुआ।
निफ्टी के ऑटो, आईटी, पीएसयू बैंक, फाइनेंशियल सर्विस, फार्मा, मेटल और रियलिटी सेक्टर में खरीदारी देखने को मिली। सेंसेक्स पैक में जेएसडब्ल्यू स्टील, टाटा स्टील, एक्सिस बैंक, इंडसइंड बैंक, एचडीएफसी बैंक, एसबीआई, कोटक बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, बजाज फाइनेंस और टाटा मोटर्स टॉप गेनर्स रहे। वहीं, आईटीसी, भारती एयरटेल, एशियन पेंट्स, एलएंडटी और सन फार्मा टॉप लूजर्स रहे। बाजार का रुझान सकारात्मक रहा। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर 2,476 शेयर्स हरे, 1,473 शेयर लाल निशान पर कारोबार कर रहे थे। वहीं, 109 शेयर में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं रहा।
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वैश्विक बाजारों के मजबूत रुख तथा आभूषण एवं फुटकर विक्रेताओं की ताजा लिवाली के बीच राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में मंगलवार को सोने की कीमत 200 रुपये की तेजी के साथ 81,300 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई। अखिल भारतीय सर्राफा संघ ने यह जानकारी दी।राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार को 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत रिकॉर्ड ऊंचाई से 1,300 रुपये घटकर 81,100 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गई थी।
मंगलवार को चांदी की कीमत 1,800 रुपये उछलकर 96,700 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई। पिछले सत्र में यह 94,900 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी। 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत 200 रुपये बढ़कर 80,900 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई, जबकि सोमवार को इसका भाव 80,700 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। कारोबारियों ने कहा कि घरेलू बाजारों में स्थानीय आभूषण और खुदरा विक्रेताओं की मांग में तेजी के कारण सोने की कीमतों में तेजी आई है।
एलकेपी सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष शोध विश्लेषक (जिंस और मुद्रा) जतिन त्रिवेदी ने कहा, ‘‘इसके अतिरिक्त, यदि सात नवंबर को अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर में कटौती करने का फैसला आता है तो पूरे सप्ताह सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव रहने की उम्मीद है।’’अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कॉमेक्स सोना वायदा 1.50 डॉलर प्रति औंस या 0.05 प्रतिशत बढ़कर 2,747.70 डॉलर प्रति औंस हो गया। एशियाई बाजार में कॉमेक्स चांदी वायदा का भाव 0.37 प्रतिशत बढ़कर 32.73 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था।
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भारत में शादियों का सीजन 12 नवंबर से शुरू होकर 16 दिसंबर तक चलेगा। शादी के इस सीजन में 48 लाख शादियों से लगभग 6 लाख करोड़ रुपये का कारोबार होने की उम्मीद है, जो पिछले साल 35 लाख शादियों से दर्ज 4.25 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े से 41 फीसदी अधिक है। यह जानकारी कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) की एक स्टडी से सामने आई है। पिछले वर्ष 11 शुभ तिथियों की तुलना में इस वर्ष सीजन में 18 तिथियां होंगी, जिससे व्यापार में वृद्धि होने की उम्मीद है।
कैट के अनुमानों के अनुसार अकेले दिल्ली में इस वर्ष 4.5 लाख शादियों के माध्यम से 1.5 लाख करोड़ रुपये का कारोबार होने की उम्मीद है। कैट का अनुमान है कि 10 लाख शादियों में प्रति शादी 3 लाख रुपये खर्च होंगे और 10 लाख शादियों में प्रति शादी 6 लाख रुपये खर्च होंगे। इसी तरह 10 लाख शादियों में प्रति शादी 10 लाख रुपये खर्च होंगे और 10 लाख शादियों में प्रति शादी 15 लाख रुपये खर्च होंगे। 7 लाख शादियों में प्रति शादी 25 लाख रुपये खर्च होंगे, 50,000 शादियों में प्रति शादी 50 लाख रुपये खर्च होंगे और 50,000 शादियों में प्रति शादी 1 करोड़ रुपये या उससे अधिक खर्च होंगे।
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