सार्वजनिक क्षेत्र की भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने शुक्रवार को कहा कि उसका स्वास्थ्य बीमा क्षेत्र में कदम रखने कोई औपचारिक प्रस्ताव नहीं है। फिलहाल, जीवन बीमा कंपनियों को स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी जारी करने की अनुमति नहीं है। स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी को साधारण बीमा कंपनी या एकल स्वास्थ्य बीमा कंपनी ही बेच सकती हैं। एलआईसी ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा, "हम स्पष्ट करते हैं कि फिलहाल, ऐसा कोई औपचारिक प्रस्ताव (निजी स्वास्थ्य बीमा कंपनी के जरिये स्वास्थ्य बीमा का) नहीं लाया गया है।"
इसके साथ ही देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी ने कहा, "एलआईसी सामान्य तौर पर विभिन्न रणनीतिक अवसरों का मूल्यांकन और अन्वेषण करती है, तथा रणनीतिक साझेदारी और निवेश अवसरों सहित अपने कारोबार की वृद्धि और विस्तार के लिए नए विकल्पों का भी मूल्यांकन और अन्वेषण करती है।" उम्मीद है कि बीमा अधिनियम में संशोधन करके समग्र बीमा लाइसेंस की अनुमति दी जा सकती है। बीमा अधिनियम, 1938 और भारतीय बीमा विनियामक विकास प्राधिकरण (इरडा) के नियमों के अनुसार, किसी बीमाकर्ता को एक इकाई के तहत जीवन, साधारण या स्वास्थ्य बीमा करने के लिए समग्र लाइसेंसिंग की अनुमति नहीं है।
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टेस्ला के पक्षकारों की ओर से कंपनी के सीईओ एलन मस्क को दिए जाने वाले 56 अरब डॉलर (जिसकी अब वैल्यू 44.9 अरब डॉलर है) के पे पैकेज का समर्थन किया गया है। इसके अलावा पक्षकारों ने कंपनी को डेलावेयर से हटाकर टेक्सस में स्थानांतरित करने को लेकर भी सहमति दे दी। कंपनी ने बताया कि टेस्ला के बोर्ड की ओर से 2018 में 73 प्रतिशत वोट के साथ मस्क का पे पैकेज मंजूर कर दिया गया था। कंपनी की ओर से अप्रैल में मस्क को दिए जाने वाले इस पैकेज का वैल्यूशन 44.9 अरब डॉलर बताया गया था।
बता दें, टेस्ला के शेयर में इस वर्ष 25 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली है। इलेक्ट्रिक कार कंपनी द्वारा दिए गए बयान में कहा गया कि पक्षकारों की ओर से 2018 सीईओ परफॉर्मेंस अवार्ड और कंपनी को टेक्सस में स्थानांतरित करने को लेकर समर्थन किया गया है। बता दें, टेक्सस के पक्षकारों की ओर से समर्थित मस्क का पे पैकेज 100 प्रतिशत स्टॉक ऑप्शन के रूप में होगा। देर रात गुरुवार को हुई टेस्ला की बैठक में मस्क की ओर से सभी शेयरधारकों को भरोसा दिया गया कि वे कंपनी को छोड़कर नहीं जाएंगे और अगले 5 वर्षों तक कोई भी शेयर नहीं बेचेंगे। मस्क ने कंपनी के शेयरधारकों से कहा कि ये पैकेज नकद में नहीं है। मैं कंपनी को बिल्कुल भी छोड़कर नहीं जाऊंगा और मैं ऐसा बिल्कुल भी नहीं करना चाहता। अमेरिकी बाजार में गुरुवार के सत्र में टेस्ला का शेयर 2.92 प्रतिशत की तेजी के साथ करीब 182 डॉलर पर बंद हुआ। कंपनी का मार्केट कैप 570 अरब डॉलर के आसपास है।
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निर्यात के उत्साहजनक आंकड़ों के बीच शुक्रवार को एचडीएफसी बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज और महिंद्रा एंड महिंद्रा जैसी कंपनियों में लिवाली आने से लगातार तीसरे सत्र में भी तेजी जारी रही। इसके असर में घरेलू बाजारों के मानक सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी नए सर्वकालिक उच्च स्तर पर बंद हुए। बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित सूचकांक सेंसेक्स 181.87 अंक यानी 0.24 प्रतिशत चढ़कर 76,992.77 अंक के नए उच्च स्तर पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 270.4 अंक यानी 0.35 प्रतिशत चढ़कर 77,081.30 अंक पर पहुंच गया था।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का सूचकांक निफ्टी 66.70 अंक यानी 0.29 प्रतिशत की बढ़त के साथ 23,465.60 अंक के रिकॉर्ड स्तर पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 91.5 अंक बढ़कर 23,490.40 अंक के नए सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था।साप्ताहिक आधार पर बीएसई 299.41 अंक या 0.39 प्रतिशत चढ़ा, जबकि निफ्टी में 175.45 अंक या 0.75 प्रतिशत का उछाल आया। सेंसेक्स के समूह में शामिल कंपनियों में से महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाइटन, एचडीएफसी बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज, अल्ट्राटेक सीमेंट, बजाज फाइनेंस, एक्सिस बैंक, टाटा मोटर्स और एशियन पेंट्स के शेयरों में सबसे अधिक तेजी दर्ज की गई।
दूसरी तरफ टेक महिंद्रा, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, विप्रो, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, लार्सन एंड टूब्रो और भारतीय स्टेट बैंक के शेयरों में गिरावट का रुख देखा गया। घरेलू शेयर बाजार शुक्रवार को आए अनुकूल निर्यात आंकड़ों से भी प्रभावित हुआ। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, मई में वस्तु निर्यात नौ प्रतिशत बढ़कर 38.13 अरब डॉलर हो गया। इस दौरान देश का आयात 7.7 प्रतिशत बढ़कर 61.91 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया। व्यापक बाजार में बीएसई मिडकैप सूचकांक 1.18 प्रतिशत और स्मॉलकैप सूचकांक 1.03 प्रतिशत चढ़ा।
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भीषण गर्मी के प्रकोप के बीच खाद्य वस्तुओं और महंगे विनिर्मित वस्तुओं की कीमतें बढ़ने से मई के महीने में थोक मुद्रास्फीति बढ़कर 15 महीने के उच्चतम स्तर 2.61 प्रतिशत पर पहुंच गई।थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति लगातार तीन महीने से बढ़ रही है। अप्रैल में यह 1.26 प्रतिशत और मई 2023 में यह शून्य से 3.61 प्रतिशत नीचे रही थी।वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में कहा, ‘‘ मई 2024 में मुद्रास्फीति बढ़ने का मुख्य कारण खाद्य वस्तुओं, खाद्य उत्पादों के विनिर्माण, कच्चे तेल एवं प्राकृतिक गैस, खनिज तेल और अन्य विनिर्माण उत्पादों की कीमतों में वृद्धि रही।’’
थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) मई में 15 महीने के उच्चतम स्तर पर रही है। इसका पिछला उच्चतम स्तर फरवरी 2023 में देखा गया था, जब थोक मुद्रास्फीति 3.85 प्रतिशत थी।आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, मई में खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति 10 महीने के उच्च स्तर 9.82 प्रतिशत पर पहुंच गई। मई में सब्जियों की महंगाई दर 32.42 प्रतिशत रही, जो एक महीने पहले अप्रैल में 23.60 प्रतिशत थी। इसी तरह प्याज की महंगाई दर 58.05 प्रतिशत, जबकि आलू की महंगाई दर 64.05 प्रतिशत रही। दालों की महंगाई दर मई में 21.95 प्रतिशत रही।
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चिपमेकिंग उपकरण उद्योग अब भारत की ओर रुख कर रहा है। चीन और पश्चिम देशों के बीच तनाव के चलते ये कंपनियां अब भारत को चीन के विकल्प के रूप में देख रही है। अंतर्राष्ट्रीय चिप उद्योग समूह 'एसईएमआई' सितंबर में पहली बार भारत में अपनी सेमीकॉन प्रदर्शनी आयोजित करने के लिए तैयार है। निक्केई एशिया की रिपोर्ट के अनुसार, यह प्रदर्शनी पहले अमेरिका, जापान, यूरोप, ताइवान, दक्षिण कोरिया, चीन और दक्षिण पूर्व एशिया में आयोजित की जा चुकी है। प्रदर्शनी में टोक्यो इलेक्ट्रॉन, डिस्को, कैनन, टोक्यो सेइमित्सु और दाइफुकु सहित कई जापानी कंपनियों के भाग लेने की योजना है। टोक्यो इलेक्ट्रॉन चिपमेकिंग प्रक्रिया में वेफर डिपोजिशन, कोटिंग और अन्य कई उपकरण प्रदर्शित करेगा। इसके अतिरिक्त, एप्लाइड मैटेरियल्स, लैम रिसर्च और केएलए जैसी अमेरिका-आधारित कंपनियों के भी प्रदर्शनी में बड़े बूथ होंगे।
हाल के वर्षों में, अमेरिका के साथ तनाव के कारण, कंपनियों के चीन से बाहर जाने का रुख रहा है। एप्पल आईफोन और अन्य उत्पादों का उत्पादन चीन से भारत स्थानांतरित कर रहा है। मार्च में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1.25 लाख करोड़ रुपये की तीन सेमीकंडक्टर परियोजनाओं की आधारशिला रखी थी। टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड (टीईपीएल) द्वारा 91 हजार करोड़ रुपये के निवेश के साथ गुजरात के धोलेरा विशेष निवेश क्षेत्र (डीएसआईआर) में चिप निर्माण केंद्र की स्थापना की जा रही है। टीईपीएल की ओर से टेस्टिंग, मार्किंग और पैकेजिंग (टीएमपी) के लिए असम के मोरीगांव में आउटसोर्स सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्ट (ओएसएटी) सुविधा सेमीकंडक्टर असेंबली की स्थापना की जा रही है। इसमें 27 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। अप्रैल में केंद्रीय रेल और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि भारत ने चार सेमीकंडक्टर विनिर्माण इकाइयां चालू की हैं और पांच वर्षों में देश दुनिया के सबसे बड़े सेमीकंडक्टर केंद्रों में से एक बन जाएगा। हांगकांग स्थित काउंटरपॉइंट टेक्नोलॉजी मार्केट रिसर्च के अनुसार, भारत का सेमीकंडक्टर-संबंधित बाजार 2026 में 64 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा। यह 2019 के मुकाबले लगभग तीन गुना होगा।
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