देश का विदेशी मुद्रा भंडार चार अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में 3.71 अरब डॉलर घटकर 701.18 अरब डॉलर रह गया। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। इससे पिछले सप्ताह देश का विदेशी मुद्रा भंडार 12.58 अरब डॉलर चढ़कर 704.88 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंचा था। भारतीय रिजर्व बैंक के शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, चार अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में मुद्रा भंडार का अहम हिस्सा मानी जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियां 3.51 अरब डॉलर घटकर 612.64 अरब डॉलर रह गईं।
डॉलर के संदर्भ में उल्लेखित विदेशी मुद्रा आस्तियों में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं की घट-बढ़ का प्रभाव शामिल होता है। समीक्षाधीन सप्ताह में स्वर्ण भंडार का मूल्य चार करोड़ डॉलर घटकर 65.75 अरब डॉलर रह गया। विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 12.3 करोड़ डॉलर घटकर 18.42 अरब डॉलर रह गया। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, आलोच्य सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के पास भारत का आरक्षित भंडार 3.5 करोड़ डॉलर घटकर 4.35 अरब डॉलर रहा।
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दिवंगत रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा अब ‘टाटा ट्रस्ट्स’ के चेयरमैन होंगे। यह विभिन्न परमार्थ-संस्थाओं का एक समूह है जो अप्रत्यक्ष रूप से 165 अरब अमेरिकी डॉलर के नमक से लेकर सॉफ्टवेयर बनाने वाले समूह को नियंत्रित करता है। उद्योगपति रतन टाटा (86) का बुधवार रात आयु संबंधी समस्याओं से निधन हो गया था जिसके बाद उनके उत्तराधिकारी की तलाश शुरू की गई।
टाटा ट्रस्ट्स में शामिल विभिन्न ट्रस्ट के न्यासियों ने शुक्रवार को मुंबई में एक संयुक्त बैठक की और टाटा ट्रस्ट्स के चेयरमैन रतन टाटा के निधन पर शोक व्यक्त किया। बैठक में न केवल टाटा समूह के लिए बल्कि राष्ट्र निर्माण में भी उनकी (रतन टाटा की) महत्वपूर्ण सेवाओं को याद किया। बयान में कहा गया, ‘‘ इसके तुरंत बाद हुई अलग-अलग बैठकों में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि नोएल नवल टाटा को टाटा ट्रस्ट्स और उसके तहत आने वाले अन्य सभी ट्रस्ट का चेयरमैन नियुक्त किया जाए। साथ ही उन्हें टाटा ट्रस्ट्स का चेयरमैन भी नामित किया जाए।’’ इसमें कहा गया कि उनकी नियुक्ति तत्काल प्रभावी होगी।
नोएल टाटा ने अपनी नियुक्ति पर कहा, ‘‘ मैं रतन एन. टाटा और टाटा समूह के संस्थापकों की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए तत्पर हूं। एक सदी से भी अधिक समय पहले स्थापित टाटा ट्रस्ट्स सामाजिक कल्याण के कार्यों का एक अद्वितीय जरिया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ इस अवसर पर हम अपनी विकासात्मक तथा परोपकारी पहल को आगे बढ़ाने और राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देने के लिए स्वयं को पुनः समर्पित करते हैं।’’
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भारतीय शेयर बाजार शुक्रवार के कारोबारी दिन लाल निशान में बंद हुआ है। बीएसई का सेंसेक्स कारोबार के अंत में 230.05 अंक या 0.28 प्रतिशत की गिरावट के बाद 81,381.36 पर बंद हुआ। एनएसई का निफ्टी 34.20 अंक या 0.14 प्रतिशत की गिरावट के बाद 24,964.25 पर बंद हुआ। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स कारोबार के अंत में 276.85 अंक या 0.47 प्रतिशत की तेजी के बाद 59,212.70 पर हरे निशान में बंद हुआ है। निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 25.36 अंक या 0.10 प्रतिशत गिरने के बाद 26,054.10 पर बंद हुआ। शुक्रवार के कारोबारी दिन निफ्टी के आईटी, पीएसयू बैंक, फार्मा, एमसीजी, मेटल, मीडिया और एनर्जी सेक्टर में ज्यादा खरीदारी देखी गई।
वहीं, ऑटो, फिन सर्विस, प्राइवेट बैंक सेक्टर पर दबाव रहा। सेंसेक्स पैक में एचसीएल टेक, टेक महिंद्रा, जेएसडब्ल्यू स्टील, एचयूएल, इंफोसिस, टाइटन कंपनी, विप्रो, सन फार्मा, एलएंडटी, एसबीआई, भारती एयरटेल, टाटा स्टील टॉप गेनर्स की लिस्ट में शामिल रहे। वहीं, टॉप लूजर्स की लिस्ट में एनटीपीसी, बजाज फाइनेंस, अल्ट्राटेक सीमेंट, एशियन पेंट्स, आईटीसी, एचडीएफसी बैंक, टीसीएस शामिल रहे। बाजार का रुझान सकारात्मक था। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर 2,146 शेयर हरे निशान, 1,747 शेयर लाल निशान और 118 शेयर बिना किसी बदलाव के बंद हुए। विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने 10 अक्टूबर को अपनी बिकवाली बढ़ा दी तथा उन्होंने 4,926 करोड़ रुपये मूल्य की इक्विटी बेची। दूसरी ओर, घरेलू संस्थागत निवेशकों ने भी अपनी खरीद बढ़ा दी तथा उन्होंने उसी दिन 3,878 करोड़ रुपये मूल्य की इक्विटी खरीदी।
बाजार के जानकारों के अनुसार, "निर्णायक गति के लिए नए ट्रिगर्स की कमी के कारण बाजार में उतार-चढ़ाव रहा। अमेरिकी कोर मुद्रास्फीति में अप्रत्याशित वृद्धि और परिणाम सीजन से पहले सतर्कता के कारण अमेरिकी 10-वर्षीय प्रतिफल में उछाल ने बाजार में धारणा को और मजबूत किया। मौजूदा भू-राजनीतिक चुनौतियों ने एफआईआई को किफायती बाजारों की ओर अपना ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रभावित किया।" शुक्रवार के कारोबारी दिन सुबह भारतीय शेयर बाजार लाल निशान पर खुले थे। 9 बजकर 19 मिनट पर सेंसेक्स 166.61 अंक या 0.20 प्रतिशत फिसलने के बाद 81,444.80 पर खुला। वहीं, एनएसई का निफ्टी 50.70 अंक या 0.20 प्रतिशत गिरने के बाद 24,947.75 पर कारोबार कर रहा था।
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आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने को तैयार यात्रा प्रौद्योगिकी मंच ओयो ने अपने शीर्ष नेतृत्व दल में पांच लोगों को शामिल करने की शुक्रवार को घोषणा की। सोनल सिन्हा को वैश्विक स्तर पर मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) और रचित श्रीवास्तव को यूरोप में ओयो वेकेशन होम्स का सीओओ नियुक्त किया गया है। इसके अलावा, शशांक जैन प्रौद्योगिकी तथा ऑनलाइन राजस्व प्रमुख का पदभार संभालेंगे और पंखुड़ी सखूजा ट्रॉम तथा फ्लेक्स-स्पेस व्यवसाय इनोव8 का नेतृत्व करेंगी। आशीष बाजपेयी को राजस्व तथा वैश्विक ओटीए (ऑनलाइन ट्रैवल एजेंसी) के प्रमुख के रूप में पदोन्नत किया गया है।
ओयो के संस्थापक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (समूह) रितेश अग्रवाल ने कहा, ‘‘ हम अपने वृद्धि उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के लिए तत्परता तथा निर्णायक कार्रवाई को अपनी रणनीति का मूल मानते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ हमारे नेतृत्व में लगातार भूमिकाएं बदली जा रही हैं और उनका विस्तार किया जा रहा है ताकि वे बाजार की बदलती गतिशीलता से आगे रह सकें और हमारे व्यवसाय को आगे बढ़ा सकें। मैं सोनल, रचित, शशांक, पंखुड़ी और आशीष को उनकी नई भूमिकाओं के लिए बधाई देता हूं। ओयो के साथ लंबे समय तक जुड़े रहने से वे ओयो और इसके मूल्यों को समझते हैं और हमारी सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।’’
कंपनी के अनुसार, ओयो के वैश्विक सीओओ एवं मुख्य उत्पाद अधिकारी अभिनव सिन्हा जनवरी 2025 से सलाहकार की भूमिका में आ जाएंगे। ओयो यूरोप के अध्यक्ष आयुष माथुर अपना स्वयं का स्टार्टअप शुरू करेंगे।
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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अपने आरोपपत्र में कहा है कि मंधाना इंडस्ट्रीज के प्रवर्तक पुरुषोत्तम मंधाना ने व्यावसायिक कर्जों का इस्तेमाल निजी लाभ के लिए किया और बैंक ऑफ बड़ौदा के नेतृत्व वाले कर्जदाता समूह को 975 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया। धनशोधन निवारक अधिनियम (पीएमएलए) से जुड़े मामलों के लिए गठित एक विशेष अदालत ने मंधाना और अन्य के खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला देखते हुए आरोपियों को 21 नवंबर को अदालत में उपस्थित रहने का निर्देश दिया।
वित्तीय जांच एजेंसी ईडी की तरफ से दाखिल आरोपपत्र में पुरुषोत्तम मंधाना, उनकी पत्नी प्रेमा और बेटे प्रियव्रत सहित 18 लोगों को आरोपी बनाया गया है। विशेष न्यायाधीश ए सी डागा ने एक अक्टूबर को आरोपपत्र का संज्ञान लेते हुए कहा कि पीएमएलए के तहत प्रथम दृष्टया मामला स्पष्ट रूप से बनता है। अदालत ने कहा, “ऐसा लगता है कि सभी आरोपी धनशोधन की इस प्रक्रिया में शामिल थे और उन्होंने आखिरकार इस पैसे को बेदाग बनाने की कोशिश की।” इसके बाद अदालत ने सभी आरोपियों को समन भेज दिया।
आरोपपत्र के मुताबिक, पालघर स्थित मंधाना इंडस्ट्रीज 1990 के दशक से ही कपड़ा निर्माण और कारोबार में सक्रिय है। कंपनी के पास महान सिंथेटिक टेक्सटाइल्स प्राइवेट लिमिटेड, बालाजी कॉरपोरेशन, गोल्डन सीम इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड और धूमकेतु फिनवेस्ट प्राइवेट लिमिटेड जैसी कई और फर्म भी हैं लेकिन उनमें कोई कारोबार नहीं किया गया। आरोपपत्र में कहा गया कि समूह ने व्यवसाय विस्तार और अन्य उद्देश्यों के लिए बैंक ऑफ बड़ौदा एवं अन्य बैंकों से कुल 21 ऋण लिए। मंधाना परिवार ने बैंक ऋण का इस्तेमाल व्यक्तिगत ऋण चुकाने, अचल संपत्तियां खरीदने और अन्य चीजों के अलावा शेयर खरीद के लिए किया।
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