राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में बुधवार को लगातार छठे कारोबारी सत्र में तेजी के साथ सोने और चांदी की कीमतें बुधवार को नए रिकॉर्ड उच्चस्तर पर पहुंच गईं। इसका मुख्य कारण त्योहारी और शादी-विवाहर के मौसम की मांग है। अखिल भारतीय सर्राफा संघ ने यह जानकारी दी। सोना 500 रुपये बढ़कर 81,500 रुपये प्रति 10 ग्राम के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया, जबकि चांदी 1,000 रुपये बढ़कर 1.02 लाख रुपये प्रति किलोग्राम हो गई। 99.9 प्रतिशत और 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमतें क्रमशः 500-500 रुपये बढ़कर 81,500 रुपये प्रति 10 ग्राम और 81,100 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गईं। चांदी 1,000 रुपये बढ़कर 1.02 लाख रुपये प्रति किलोग्राम के नए उच्चतम स्तर पर पहुंच गई, जो मंगलवार को 1.01 लाख रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी।
पिछले छह कारोबारी सत्रों में चांदी की कीमतों में 10,000 रुपये की तेजी आई है। 16 अक्टूबर से सोने में 2,850 रुपये प्रति 10 ग्राम की वृद्धि हुई है। एसकेआई कैपिटल के प्रबंध निदेशक, नरिंदर वाधवा के अनुसार, हाजिर बाजार और एमसीएक्स में चांदी की कीमतों का एक लाख रुपये तक पहुंचना, भारत में मौसमी मांग और पश्चिम एशिया संघर्ष से भू-राजनीतिक जोखिम जैसे कई अन्य कारकों का स्पष्ट प्रतिबिंब है। जुलाई में, सरकार द्वारा सोने और अन्य धातुओं पर मूल सीमा शुल्क में कटौती के बाद स्थानीय बाजारों में सोने और चांदी की कीमतों में सात प्रतिशत की तीव्र गिरावट आई थी।
हालांकि, चालू त्योहारों की वजह से, अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों और भू-राजनीतिक तनावों के कारण भारतीय उपभोक्ताओं की मांग बढ़ने से सर्राफा की कीमतों में उछाल आया। एमसीएक्स के वायदा कारोबार में दिसंबर डिलिवरी वाला सोने का अनुबंध 112 रुपये बढ़कर 78,768 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया। दिन के दौरान सोना 263 रुपये बढ़कर 78,919 रुपये प्रति 10 ग्राम के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया था।
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ओला इलेक्ट्रिक के शेयर में गिरावट का दौर जारी है। शेयर में लगातार कमजोरी देखी जा रही है। बुधवार को कारोबारी सत्र में शेयर 80 रुपये के नीचे भी फिसल गया। हालांकि, दिन के अंत में शेयर मामूली तेजी के साथ 81.76 रुपये पर बंद हुआ। कारोबारी सत्र में ओला इलेक्ट्रिक का शेयर गिरावट के साथ खुला था। शुरुआती कारोबार में ही शेयर ने 79.15 रुपये का न्यूनतम स्तर छुआ। इस दौरान शेयर ने 83 रुपये उच्चतम बनाया। ओला इलेक्ट्रिक के शेयर की लिस्टिंग अगस्त 2024 में हुई थी। लिस्टिंग के बाद शेयर में बड़ी तेजी देखी गई थी और शेयर ने 157 रुपये का उच्चतम स्तर बनाया था। इसके बाद से शेयर में लगातार गिरावट देखी जा रही है।
बुधवार के बंद के मुताबिक, शेयर अपने उच्चतम स्तर से करीब 48 प्रतिशत लुढ़क चुका है। आनंद राठी शेयर्स और स्टॉक ब्रोकर्स में सीनियर मैनेजर - टेक्निकल रिसर्च एनालिस्ट, जिगर एस पटेल ने कहा कि ओला इलेक्ट्रिक के लिए 76 रुपये एक सपोर्ट लेवल के तौर पर काम करेगा और वहीं, 86 एक रुकावट का स्तर है। अगर यह 86 रुपये के ऊपर बंद होता है तो 98 रुपये तक जा सकता है। छोटी अवधि में यह 84 रुपये से लेकर 98 रुपये तक की रेंज में रह सकता है। बाजार के अन्य जानकारों का कहना है कि ओला इलेक्ट्रिक में 86 रुपये का मजबूत सपोर्ट टूट गया है और अगला लक्ष्य 75 रुपये का है। साथ ही बताया कि काउंटर में ट्रेंड लगातार नकारात्मक बना हुआ है।
जानकारों ने आगे कहा कि लिस्टिंग के बाद 157 रुपये का उच्चतम स्तर छूने के बाद शेयर में लगातार गिरावट देखी जा रही है। अब यह आईपीओ प्राइस 76 रुपये के आसपास आ गया है। शेयर की स्थिति कमजोर बनी हुई है और हर स्तर पर बिकवाली देखी जा रही है। साथ ही कहा कि कमजोरी को देखते हुए निवेशकों को इस स्टॉक से दूर रहना चाहिए और मजबूत फंडामेंटल वाले शेयरों में निवेश करना चाहिए। ओला इलेक्ट्रिक के शेयर में गिरावट की वजह बिक्री में कमी आना और सर्विस से जुड़ी समस्या का होना है। सरकारी पोर्टल वाहन पर दी गई जानकारी के मुताबिक, ओला इलेक्ट्रिक की ओर से सितंबर में 24,665 ई-स्कूटर्स बेचे गए थे। अगस्त में यह आंकड़ा 27,587 था।
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उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के उस फैसले को बुधवार को खारिज कर दिया जिसमें उसने संकटग्रस्त शिक्षा प्रौद्योगिकी कंपनी बायजू के खिलाफ दिवाला कार्यवाही पर रोक लगा दी गई थी। प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने एनसीएलएटी के उस आदेश को भी पलट दिया, जिसमें बायजू को भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के साथ 158.9 करोड़ रुपये के बकाया भुगतान को मंजूरी दी गई थी। न्यायालय ने क्रिकेट बोर्ड को 158.9 करोड़ रुपये की निपटान राशि कर्जदाताओं की समिति के पास जमा करने का निर्देश दिया।
पीठ ने कहा कि अमेरिकी कंपनी ग्लास ट्रस्ट कंपनी एलएलसी ऋणदाता होने के नाते एनसीएलटी, एनसीएलएटी और उच्चतम न्यायालय में कॉरपोरेट दिवाला कार्यवाही से संबंधित मामलों में प्रभावित पक्ष के रूप में हस्तक्षेप करने का अधिकार रखती है। शीर्ष अदालत ने दिवाला अपीलीय न्यायाधिकरण एनसीएलएटी को अपनी अंतर्निहित शक्तियों का सहारा लेकर बायजू के खिलाफ दिवाला कार्यवाही को रोकने से जुड़े नियमों का उल्लंघन करने के लिए फटकार लगाई। पीठ ने कहा, ‘‘ एनसीएलएटी को डाकघर नहीं माना जा सकता जो कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) में पक्षों द्वारा प्रस्तुत वापसी आवेदन पर महज मुहर लगा देता है।’’ न्यायालय ने कहा कि प्रक्रिया वापस लेने संबंधी याचिका आईआरपी (दिवाला समाधान पेशेवर) द्वारा पेश की जानी चाहिए थी, न कि कॉरपोरेट देनदार या अन्य पक्षों द्वारा। मौजूदा परिस्थितियों में एनसीएलएटी ने विवेकाधीन शक्तियों का प्रयोग उचित नहीं था।
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सरकार ने उसना चावल और भूरा चावल को निर्यात शुल्क से छूट दे दी है। वित्त मंत्रालय की ओर से मंगलवार देर रात जारी अधिसूचना के अनुसार, उसना चावल, भूरा चावल (ब्राउन राइस) और धान पर निर्यात शुल्क 10 प्रतिशत से घटाकर ‘‘शून्य’’ कर दिया गया है। यह छूट 22 अक्टूबर से प्रभावी हो गई। सूत्रों ने बताया कि इस शुल्क कटौती पर निर्वाचन आयोग की मंजूरी मिल गई है, बशर्ते कि इससे कोई राजनीतिक लाभ न उठाया जाए। झारखंड और महाराष्ट्र में अगले महीने चुनाव होने वाले हैं।
सरकार ने पिछले महीने गैर-बासमती सफेद चावल को निर्यात शुल्क से छूट दे दी थी। इसके अलावा उसना चावल, भूरा चावल (ब्राउन राइस) और धान पर भी निर्यात शुल्क 20 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया था। वहीं निर्यात को बढ़ावा देने तथा किसानों की आय बढ़ाने के लिए बासमती चावल के न्यूनतम निर्यात मूल्य को भी समाप्त कर दिया गया है।
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स्थानीय शेयर बाजार में बुधवार को लगातार तीसरे दिन गिरावट रही और बीएसई सेंसेक्स 138 अंक से अधिक के नुकसान में रहा। विदेशी संस्थागत निवेशकों की पूंजी निकासी जारी रहने के बीच वाहन, औषधि और पूंजीगत सामान कंपनियों के शेयरों में मुनाफावसूली से बाजार में गिरावट आई। उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में बीएसई सेंसेक्स 138.74 अंक यानी 0.17 प्रतिशत की गिरावट के साथ 80,081.98 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान सेंसेक्स 80,000 के नीचे 79,891.68 अंक तक आ गया था। सेंसेक्स में शामिल तीस शेयरों में 22 नुकसान में रहे।नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 36.60 अंक यानी 0.15 प्रतिशत की गिरावट के साथ 24,435.50 अंक पर बंद हुआ।
सेंसेक्स के 30 शेयरों में से महिंद्रा एंड महिंद्रा, सन फार्मा, पावर ग्रिड, एनटीपीसी, अदाणी पोर्ट्स, लार्सन एंड टुब्रो, आईसीआईसीआई बैंक और टाइटन प्रमुख रूप से नुकसान में रहे।दूसरी तरफ, बजाज फाइनेंस के दूसरी तिमाही के वित्तीय परिणाम आने के बाद कंपनी का शेयर लगभग पांच प्रतिशत चढ़ गया। कंपनी का एकीकृत शुद्ध लाभ सितंबर, 2024 को समाप्त दूसरी तिमाही में 13 प्रतिशत बढ़कर 4,014 करोड़ रुपये रहा। लाभ में रहने वाले अन्य शेयरों में टेक महिंद्रा, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, एचडीएफसी बैंक, एचसीएल टेक्नोलॉजीज और बजाज फिनसर्व शामिल हैं। शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने मंगलवार को 3,978.61 करोड़ रुपये की बिकवाली की जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 5,869.06 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
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