अर्थतंत्र

अर्थजगतः जून में देश की बिजली खपत 152.38 अरब यूनिट पहुंची और अर्नब कुमार चौधरी बने RBI के नए कार्यकारी निदेशक

भारतीय शेयर बाजार के लिए सोमवार का कारोबारी सत्र काफी शानदार रहा। बाजार के दोनों सूचकांक अपने उच्चतम स्तरों के करीब आकर उछाल पर बंद हुए। प्रोडक्शन लिंक्ड इनसेंटिव (पीएलआई) स्कीम के कारण भारत के मोबाइल फोन निर्यात को बड़ा बूस्ट मिला है।

जून में देश की बिजली खपत 152.38 अरब यूनिट पहुंची
जून में देश की बिजली खपत 152.38 अरब यूनिट पहुंची  फोटोः सोशल मीडिया

जून में देश की बिजली खपत 9 प्रतिशत बढ़कर 152.38 अरब यूनिट पहुंची

देश में बिजली खपत जून में सालाना आधार पर करीब नौ प्रतिशत बढ़कर 152.38 अरब यूनिट रही। भीषण गर्मी के कारण घरों और दफ्तरों में एयर कंडीशनर और कूलर जैसे उपकरणों का अत्यधिक इस्तेमाल इसकी मुख्य वजह रही। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, जून 2023 में बिजली की खपत 140.27 अरब यूनिट थी। एक दिन में सर्वाधिक आपूर्ति (पूरी की गई अधिकतम मांग) भी जून 2024 में बढ़कर 245.41 गीगावाट (एक गीगावाट बराबर 1,000 मेगावाट) हो गई, जबकि एक साल पहले इसी महीने में यह 223.29 गीगावाट थी। इस साल मई में बिजली की अधिकतम मांग सर्वकालिक उच्च स्तर 250.20 गीगावाट पर पहुंच गई। इससे पहले, अबतक की अधिकतम मांग 243.27 गीगावाट सितंबर 2023 में रही थी।

इस वर्ष की शुरुआत में विद्युत मंत्रालय ने मई महीने के लिए दिन के समय 235 गीगावाट और शाम के समय 225 गीगावाट की अधिकतम विद्युत मांग का अनुमान लगाया था। जून 2024 के लिए दिन के समय 240 गीगावाट और शाम के समय 235 गीगावाट की अधिकतम विद्युत मांग का अनुमान था। मंत्रालय ने यह भी अनुमान लगाया है कि गर्मियों में बिजली की अधिकतम मांग 260 गीगावाट तक पहुंच सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि देश के कई हिस्सों में मानसूनी बारिश के आगमन के कारण जून के दूसरे पखवाड़े में चिलचिलाती गर्मी और उमस ने लोगों को एयर कंडीशनर और डेजर्ट कूलर जैसे शीतलन उपकरणों का अत्यधिक उपयोग करने के लिए मजबूर किया। उन्होंने बताया कि इससे देश में बिजली की खपत बढ़ने के साथ-साथ बिजली की मांग भी बढ़ी है।

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RBI ने अर्नब कुमार चौधरी को नया कार्यकारी निदेशक नियुक्त किया

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अर्नब कुमार चौधरी को कार्यकारी निदेशक नियुक्त किया है। उनकी नियुक्ति बुधवार से प्रभाव में आएगी। चौधरी डीआईसीजीसी सहित तीन विभागों को देखेंगे। कार्यकारी निदेशक के रूप में पदोन्नत होने से पहले, चौधरी पर्यवेक्षण विभाग में मुख्य महाप्रबंधक-प्रभारी के रूप में कार्यरत थे। रिजर्व बैंक ने एक बयान में कहा कि कार्यकारी निदेशक के रूप में, वह जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम (डीआईसीजीसी), विदेशी मुद्रा विभाग और अंतर्राष्ट्रीय विभाग को देखेंगे।

चौधरी एक चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं और उनके पास अर्थशास्त्र में मास्टर डिग्री है। वह आईआईबीएफ (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग एंड फाइनेंस) के प्रमाणित सहयोगी भी हैं। उन्हें भारतीय रिजर्व बैंक में तीन दशकों से अधिक का अनुभव है। उन्होंने वित्तीय संस्थाओं के पर्यवेक्षण के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर काम किया है। चौधरी ने कॉर्पोरेट रणनीति, बजट, लेखा और निर्गम विभाग के क्षेत्र में काम किया है। उन्होंने कई समितियों और कार्य समूहों के सदस्य के रूप में भी काम किया है और नीति निर्माण में योगदान दिया है।

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शेयर बाजार में तेजी, सेंसेक्स-निफ्टी भारी उछाल के साथ हुए बंद

भारतीय शेयर बाजार के लिए सोमवार का कारोबारी सत्र काफी शानदार रहा। बाजार अपने उच्चतम स्तरों के करीब आकर बंद हुआ है। सेंसेक्स 443 अंक या 0.56 प्रतिशत बढ़कर 79,476 और निफ्टी 131 अंक या 0.55 प्रतिशत की बढ़त के साथ 24,141 पर बंद हुआ। छोटे और मझोले शेयरों में लार्जकैप की अपेक्षा ज्यादा तेजी देखी गई। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 555 अंक या एक प्रतिशत बढ़कर 56,292 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 275 अंक या 1.51 प्रतिशत की तेजी के साथ 18,593 पर बंद हुआ। आईटी शेयरों ने दिन के दौरान बाजार को लीड किया। सेंसेक्स पैक में टेक महिंद्रा, विप्रो, अल्ट्राटेक सीमेंट, बजाज फाइनेंस, टीसीएस, इन्फोसिस, जेएसडब्ल्यू स्टील और एचडीएफसी बैंक टॉप गेनर्स थे। एनटीपीसी, एसबीआई, एलएंडटी, इंडसइंड बैंक, एक्सिस बैंक और बजाज फिनसर्व टॉप लूजर्स थे।

बाजार के जानकारों का कहना है कि अमेरिका में महंगाई कम होने के कारण निवेशकों को उम्मीद है कि फेड ब्याज दरें घटा सकती है। इसके कारण बाजार में तेजी का ट्रेंड देखने को मिला। खर्च में बढ़ोतरी होने की उम्मीद के कारण आईटी शेयरों ने भी तेज दौड़ लगाई। आने वाले समय में निवेशकों की निगाहें अमेरिका के जॉब डेटा और फेड स्पीच पर होंगी, जिससे बाजार की दिशा तय होगी। सेक्टर के हिसाब से देखें तो ऑटो, आईटी, फिन सर्विस, मीडिया और बैंकिंग इंडेक्स बढ़त के साथ बंद हुए हैं। रियल्टी और एनर्जी इंडेक्स पर दबाव देखा गया। सोमवार को बाजार की शुरुआत सपाट हुई थी। सेंसेक्स मामूली बढ़त के साथ 79,000 के ऊपर कारोबार कर रहा था। निफ्टी भी 24,000 के आसपास था।

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अब इन 4 आसियान देशों में यूपीआई से भेज सकेंगे पैसे

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोमवार को कहा कि उसने चार आसियान देशों के साथ प्रोजेक्ट नेक्सस ज्वाइन किया है। इसके तहत क्रॉस-बॉर्डर रिटेल पेमेंट के इंस्टेंट सेटलमेंट के लिए प्लेटफॉर्म बनाया जाएगा। आरबीआई ने अपने बयान में कहा कि बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स (बीआईएस) के इनोवेशन हब द्वारा परिकल्पित नेक्सस का उद्देश्य भारत के यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) को आसियान सदस्यों - मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर और थाईलैंड की तेज भुगतान प्रणालियों से जोड़ना है।

केंद्रीय बैंक ने अपने बयान में आगे कहा कि बीआईएस और इन चार देशों के केंद्रीय बैंक -- बैंक नेगारा मलेशिया (बीएनएम), बैंक ऑफ थाईलैंड (बीओटी), बैंगको सेंट्रल एनजी पिलिपिनास (बीएसपी), मौद्रिक प्राधिकरण सिंगापुर (एमएएस), और भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 30 जून, 2024 को स्विट्जरलैंड के बेसल में एग्रीमेंट साइन किया गया। इंडोनेशिया, जो कि शुरुआती चरण से जुड़ा हुआ है, स्पेशल ऑब्जर्वर के रूप में अपनी भूमिका निभाएगा। आरबीआई ने अपने बयान में कहा कि आने वाले समय में इस प्लेटफार्म को कई और देशों तक बढ़ाया जा सकता है। इसे 2026 तक लाइव किया जाएगा। नेक्सस रिटेल क्रॉस बॉर्डर में पेमेंट में बड़ी भूमिका निभाएगा। इससे भुगतान तेज और कम लागत पर किया जा सकेगा।

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पीएलआई के कारण मोबाइल निर्यात में बढ़ रहा भारत का दबदब

प्रोडक्शन लिंक्ड इनसेंटिव (पीएलआई) स्कीम के कारण भारत के मोबाइल फोन निर्यात को बड़ा बूस्ट मिला है। वित्त वर्ष 24 में भारत के मोबाइल निर्यात में इजाफा हुआ है। वहीं, चीन और वियतनाम का मोबाइल निर्यात घटा है। रेलवे, सूचना एवं प्रसारण और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि भारत का फोकस 'मेक इन इंडिया' मैन्युफैक्चरिंग पर है और पीएलआई स्कीम के अच्छे नतीजे आ रहे हैं। दिग्गज टेक्नोलॉजी कंपनी एप्पल लगातार भारत में आईफोन का प्रोडक्शन शिफ्ट कर रही है। इसमें राजनीतिक स्थिरता और इंडस्ट्री को सहयोग देने वाली सरकारी नीतियों की अहम भूमिका है। पिछले वित्त वर्ष में भारत ने अपना खोया हुआ आधा बाजार (40.5 प्रतिशत) चीन और वियतनाम से हासिल कर लिया है। चीन का मोबाइल निर्यात वित्त वर्ष 24 में 132.5 अरब डॉलर था, जो कि वित्त वर्ष 23 में 136.3 अरब डॉलर था।

दूसरी ओर वियतनाम का मोबाइल निर्यात वित्त वर्ष 24 में कम होकर 26.7 अरब डॉलर रह गया है, जो कि वित्त वर्ष 23 में 31.9 अरब डॉलर पर था। वहीं, भारत का मोबाइल एक्सपोर्ट वित्त वर्ष 24 में 16 अरब डॉलर हो गया है, जो कि वित्त वर्ष 23 में 11 अरब डॉलर था। इंडियन सेलुलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) के मुताबिक वित्त वर्ष 2014-15 में भारत में 18,900 करोड़ रुपये के मोबाइल फोन का प्रोडक्शन होता था, जो कि वित्त वर्ष 24 में बढ़कर 4.10 लाख करोड़ हो गया है। इसमें 2,000 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। अगले पांच वर्षों में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग 250 अरब डॉलर पर पहुंचने का अनुमान है। मौजूदा समय में भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात 125 से 130 अरब डॉलर के आसपास का है। इससे करीब 12 लाख लोगों को रोजगार मिल रहा है।

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