बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर प्रदर्शनों और हिंसा के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफा देने और देश छोड़ने के कारण भारत-बांग्लादेश व्यापार सोमवार दोपहर से रोक दिया गया है। बांग्लादेश सरकार ने रविवार को एक अधिसूचना के जरिये जरूरी सेवाओं को छोड़कर तीन दिवसीय व्यापार अवकाश की घोषणा की थी। पश्चिम बंगाल निर्यातक समन्वय समिति के सचिव उज्जल साहा ने कहा कि उनके भूमि बंदरगाहों पर बांग्लादेशी सीमा शुल्क से मंजूरी नहीं मिलने के कारण सभी निर्यात और आयात गतिविधियां ठप हो गई हैं। उन्होंने कहा, ‘‘सुबह कुछ हलचल हुई थी, लेकिन बाद में गतिविधियां बंद हो गईं।’’
पिछले दो दिनों में बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद व्यापार बाधित हुआ है। हसीना ने सोमवार को इस्तीफा दे दिया और देश छोड़ दिया। साहा ने कहा, ‘‘बांग्लादेश सरकार ने आवश्यक सेवाओं को छोड़कर तीन दिन के लिए पूर्ण छुट्टी की घोषणा की है और इसलिए बांग्लादेश की सीमाएं व्यापार के लिए बंद हैं।’’
बेनापोल सीएंडएफ स्टाफ एसोसिएशन के महासचिव साजिदुर रहमान ने कहा कि सुबह कुछ हलचल हुई, लेकिन प्रधानमंत्री के इस्तीफे और देश से चले जाने की खबर के बाद कारोबार पूरी तरह रुक गया। पश्चिम बंगाल में पेट्रापोल सीमा के दूसरी ओर बांग्लादेश में बेनापोल स्थित है।पेट्रापोल के अधिकारियों ने हालांकि कहा कि सरकार की ओर से व्यापार पर किसी तरह की रोक नहीं लगाई गई है।
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अमेरिका में मंदी की आहट के चलते सोमवार को वैश्विक बाजारों के साथ भारतीय बाजारों में बड़ी गिरावट देखने को मिली। सेंसेक्स 2,222 अंक या 2.74 प्रतिशत गिरकर 78,759 और निफ्टी 662 अंक या 2.68 प्रतिशत गिरकर 24,055 पर बंद हुआ। बाजार में गिरावट के कारण बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का मार्केट कैप कम होकर 441 लाख करोड़ रुपए रह गया, जो कि पिछले कारोबारी सत्र में 457 लाख करोड़ रुपए था। इस तरह निवेशकों को 16 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
छोटे और मझोले शेयरों में गिरावट का सबसे ज्यादा असर देखा गया। निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 858 अंक या 4.57 प्रतिशत गिरकर 17,942 पर था और निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 2,056 अंक या 3.55 प्रतिशत गिरकर 55,857 पर बंद हुआ। सभी इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए हैं। सबसे ज्यादा गिरावट पीएसयू बैंक, मेटल, रियल्टी, एनर्जी, इन्फ्रा, ऑटो और आईटी इंडेक्स में थी। सेंसेक्स में 30 में से 28 शेयर लाल निशान में बंद हुए हैं। टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, एसबीआई, पावर ग्रिड, मारुति सुजुकी, जेएसडब्ल्यू स्टील, इन्फोसिस, एलएंडटी और टेक महिंद्रा टॉप लूजर्स थे। एचयूएल और नेस्ले ही केवल हरे निशान में बंद हुए हैं।
बाजार के जानकारों का कहना है कि अमेरिका में मंदी की आहट और खराब जॉब डेटा एवं जापानी येन के बढ़ने के कारण बाजारों में अस्थिरता का माहौल है। इस कारण से भारतीय बाजारों में भारी बिकवाली देखी गई है। हालांकि, निफ्टी 24,000 के करीब आकर बंद हुआ है। स्वास्तिका इन्वेस्टमार्ट के रिसर्च हेड संतोष मीणा का कहना है कि वैश्विक बाजारों से लगातार आ रही खराब खबरों के कारण गिरावट देखने को मिली है। जापान की ओर से ब्याज दरें बढ़ा दी गई है और जिसके कारण दुनियाभर में लगा जापान का पैसा वापस वहां की अर्थव्यवस्था में जाने की उम्मीद है। वहीं, अमेरिका में भी जॉब डेटा खराब आया, जिसके कारण बाजार में बिकवाली देखने को मिल रही है।
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देश की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की ओर से सोमवार को कहा गया कि कर्फ्यू और हिंसा के चलते कंपनी ने बांग्लादेश में अपने ऑफिस 7 अगस्त तक बंद रखने का फैसला किया है। एलआईसी की ओर से नियामक फाइलिंग में कहा गया कि बांग्लादेश में राजनीतिक स्थिति को देखते हुए कंपनी की बांग्लादेशी इकाई (एलआईसी ऑफ बांग्लादेश लिमिटेड) के ऑफिस को 5 से लेकर 7 अगस्त तक बंद रखने का फैसला किया गया है। एलआईसी की ओर से आगे कहा गया कि बांग्लादेश सरकार की ओर से 5 से लेकर 7 अगस्त तक कर्फ्यू का ऐलान किया गया है।
बांग्लादेश में नौकरियों में आरक्षण को लेकर बीते एक महीने से छात्रों की ओर से प्रदर्शन किया जा रहा है। इस कारण देशभर में हिंसा हो रही है। बांग्लादेश में हिंसा के चलते वहां की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। देश को चलाने के लिए एक अंतरिम सरकार का गठन कर दिया गया है। सैकड़ों प्रदर्शनकारियों के ढाका में प्रधानमंत्री के आधिकारिक निवास गोनो भवन में प्रवेश करने के बाद शेख हसीना "सुरक्षित स्थान" के लिए रवाना हो गई हैं।
बांग्लादेश के बड़े अखबारों में एक 'द डेली स्टार' की ओर से दी गई जानकारी में बताया गया कि पिछले तीन हफ्तों में सरकार के खिलाफ होने वाले इस प्रदर्शन में 300 से ज्यादा लोग मारे गए हैं। बता दें कि छात्रों की ओर से यह प्रदर्शन पाकिस्तान के खिलाफ स्वतंत्रता आंदोलन में स्वतंत्रता सेनानियों के रिश्तेदारों को नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण को लेकर हो रहा है। यह प्रदर्शन बांग्लादेशी सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश के बाद शुरू हुए, जिसमें इस आरक्षण को घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया था।
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अमेरिका में मंदी की आहट से वैश्विक बाजारों में सोमवार को 10 प्रतिशत तक की बड़ी गिरावट देखने को मिली। एशिया के ज्यादातर बाजारों में दबाव के साथ कारोबार हो रहा है। जापान के शेयर बाजार में गिरावट का सबसे ज्यादा असर देखा जा रहा है। बेंचमार्क निक्केई 10 प्रतिशत फिसल गया है। सोल के बाजार 8 प्रतिशत, ताइपे 4.5 प्रतिशत, जकार्ता 2 प्रतिशत, हांगकांग 1.43 प्रतिशत और शंघाई के बाजार में करीब एक प्रतिशत की गिरावट है। दक्षिण कोरियाई न्यू एजेंसी योनहाप ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि गिरावट के साथ स्थानीय शेयर बाजार के बेंचमार्क केओएसपीआई 200 में पांच मिनट के लिए कारोबार रोक दिया गया।
दुनिया के सबसे बड़े शेयर बाजार अमेरिका में भी बड़ी गिरावट देखी जा रही है। पिछले हफ्ते शुक्रवार को डाओ 1.51 प्रतिशत से अधिक की गिरावट के साथ बंद हुआ था, यह लगातार दूसरा दिन था, जब डाओ में गिरावट देखने को मिली। अमेरिकी में गिरावट का कारण निराशाजनक जॉब डेटा का आना है, जिसने दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के मंदी में जाने का संकेत दिया है। वैश्विक बाजारों में गिरावट का असर भारतीय शेयर बाजार में भी सोमवार को देखने को मिला। दोपहर 12 बजे सेंसेक्स 2,331 अंक या 2.88 प्रतिशत गिरकर 78,650 और निफ्टी 682 अंक या 2.76 प्रतिशत फिसलकर 24,035 पर था।
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देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में 17 हजार करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। एलआईसी घरेलू शेयर बाजार में सबसे बड़ा संस्थागत निवेशक है। उसने यह खरीदारी ऐसे समय पर की जब शेयर बाजार में तेजी माहौल था और बड़ी संख्या में खुदरा निवेशक और घरेलू संस्थागत निवेशक बाजार में निवेश कर रहे थे। अप्रैल-जून की अवधि में म्यूचुअल फंडों ने 1.1 लाख करोड़ रुपये, बीमा कंपनियों ने 5,035 करोड़ रुपये और बैंकों ने 628 करोड़ रुपये की शुद्ध खरीदारी की। खुदरा निवेशकों ने 39,278 करोड़ रुपये की खरीदारी की है। हालांकि, विदेशी निवेशकों ने तिमाही के दौरान 8,495 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली की।
इससे पहले एलआईसी ने जनवरी-मार्च तिमाही में 44,500 करोड़ रुपये और अक्टूबर-दिसंबर (2023) तिमाही में 6,260 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे थे। जानकारी के अनुसार, एलआईसी की ओर से जून तिमाही में अपने पोर्टफोलियो में 11 नये शेयरों को शामिल किया और पहले से मौजूद 89 शेयरों में हिस्सेदारी बढ़ाई। जून तिमाही के आखिर में एलआईसी के पोर्टफोलियो में 321 शेयर थे। संयुक्त रूप से इनकी वैल्यू 15.71 लाख करोड़ रुपये थी। मार्च तिमाही के आखिर में एलआईसी के पोर्टफोलियो में 333 कंपनियां थीं, जिनकी वैल्यू करीब 14.29 लाख करोड़ रुपये थी।
आंकड़ों के मुताबिक, एलआईसी ने इन्फोसिस, एलटीआई मांइडट्री, एल एंड टी, एशियन पेंट्स, कोटक महिंद्रा बैंक, बजाज फाइनेंस, आईसीआईसीआई बैंक और ऑयल इंडिया जैसे शेयरों में हिस्सेदारी बढ़ाई है। वहीं, टाटा पावर, सीमेंस, हिंडालको, भारती एयरटेल, हीरोमोटोकॉर्प और एचडीएफसी एएमसी जैसे शेयरों में हिस्सेदारी घटाई है। वहीं, आरईसी, डालमिया भारत, पूनावाला फिनकॉर्प, इंडिया टूरिज्म डेवलपमेंट और टेक्समैको रेल एंड इंजीनियरिंग लिमिटेड के साथ अन्य कंपनियों को पोर्टफोलियो में पहली बार जोड़ा है।
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