अर्थतंत्र

अर्थजगतः बजट घोषणा के बाद सेंसेक्स-निफ्टी गिरावट के साथ बंद और टाटा और एयरबस में बड़ा समझौता

सेब के आयात पर 100 प्रतिशत शुल्क और कृषि आदानों (इनपुट) को जीएसटी छूट की प्रमुख मांगों को केंद्रीय बजट में पूरा नहीं किए जाने से हिमाचल प्रदेश के किसान निराश हैं। आज केंद्रीय बजट में सोने-चांदी पर लगने वाली कस्टम ड्यूटी को घटाकर 6 प्रतिशत कर दिया गया।

बजट घोषणा के बाद सेंसेक्स-निफ्टी गिरावट के साथ बंद और टाटा और एयरबस में बड़ा समझौता
बजट घोषणा के बाद सेंसेक्स-निफ्टी गिरावट के साथ बंद और टाटा और एयरबस में बड़ा समझौता फोटोः PTI

बजट से शेयर बाजार को झटका, सेंसेक्स-निफ्टी गिरावट के साथ बंद

वायदा एवं विकल्प सौदों पर प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) बढ़ाने का मंगलवार को बजट में प्रावधान किए जाने से घरेलू शेयर बाजारों में भारी उतार-चढ़ाव रहा। हालांकि, मानक सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी आखिर में मामूली गिरावट के साथ बंद हुए। बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित सूचकांक सेंसेक्स एक समय 1,200 अंक से ज्यादा गोता लगा गया था। लेकिन बजट भाषण खत्म होने के बाद इसने धीरे-धीरे अपने नुकसान की काफी हद तक भरपाई कर ली। कारोबार के अंत में यह 73.04 अंक यानी 0.09 प्रतिशत की हल्की गिरावट के साथ 80,429.04 अंक पर बंद हुआ।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में वित्त वर्ष 2024-25 का बजट पेश करते हुए वायदा एवं विकल्प सौदों पर लगने वाले कर एसटीटी में बढ़ोतरी और इक्विटी निवेश पर दीर्घकालिक अवधि में होने वाले पूंजीगत लाभ पर कर को बढ़ाने की घोषणा की। बजट में इन कदमों की घोषणा होते ही शेयर बाजार में बड़े पैमाने पर गिरावट देखी जाने लगी। उस समय सेंसेक्स 1,277.76 अंक यानी 1.58 प्रतिशत तक टूटकर 79,224.32 अंक के निचले स्तर पर आ गया था।

हालांकि, कर रियायतों और सीमा शुल्क में कटौती ने टिकाऊ उपभोक्ता उत्पादों और दैनिक उपभोग वाले सामान बनाने वाली कंपनियों (एफएमसीजी) के शेयरों को बढ़ावा देने में मदद की, जिससे शेयर दिन के निचले स्तर से उबरने में सफल रहे। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का मानक सूचकांक निफ्टी 30.20 अंक यानी 0.12 प्रतिशत गिरकर 24,479.05 पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय निफ्टी 435.05 अंक यानी 1.77 प्रतिशत फिसलकर 24,074.20 पर आ गया था।

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टाटा और एयरबस में भारत में हेलिकॉप्टर निर्माण के लिए समझौता

टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड और एयरबस हेलिकॉप्टर्स ने मंगलवार को एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके तहत भारत में एक इंजन वाले एच125 हेलिकॉप्टर के लिए अंतिम निर्माण श्रृंखला (एफएएल) की स्थापना की जाएगी। इसे देश के एयरोस्पेस क्षेत्र को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। यह समझौता भारत में निजी क्षेत्र के हेलिकॉप्टर निर्माण संयंत्र स्थापित करने का पहला उदाहरण होगा। यह भारत और पड़ोसी देशों के लिए एयरबस के सबसे अधिक बिकने वाले एच125 हेलिकॉप्टर का विनिर्माण करेगा।

एयरबस और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (टीएएसएल) ने बयान में कहा कि दोनों पक्षों के बीच अनुबंध पर फर्नबोरो इंटरनेशनल एयरशो में हस्ताक्षर किए गए थे। एफएएल स्थापित करने की घोषणा 26 जनवरी को एयरबस के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) गुइलौमे फाउरी और टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने की थी। पहले ‘मेड इन इंडिया’ एच125 की आपूर्ति 2026 में शुरू होने की उम्मीद है। टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी और प्रबंध निदेशक सुकरन सिंह ने कहा, ‘‘हमें भारत में एच125 हेलिकॉप्टर के लिए अंतिम निर्माण श्रृंखला स्थापित करने के लिए एयरबस के साथ साझेदारी करके खुशी है।’’ उन्होंने कहा कि इससे भारत के बढ़ते हेलिकॉप्टर बाजार की संभावनाओं को का लाभ उठाने में मदद मिलेगी।

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हिमाचल प्रदेश के किसानों को खुश नहीं कर पाया बजट

सेब के आयात पर 100 प्रतिशत शुल्क और कृषि आदानों (इनपुट) को जीएसटी छूट की प्रमुख मांगों को केंद्रीय बजट में पूरा नहीं किए जाने से हिमाचल प्रदेश के किसान निराश हैं। फल सब्जी फूल उत्पादक संघ के अध्यक्ष हरीश चौहान ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के किसानों की उम्मीदें धराशायी हो गई हैं क्योंकि सस्ते सेब के आयात को रोकने के लिए सेब पर 100 प्रतिशत आयात शुल्क की उनकी मुख्य मांग को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए केंद्रीय बजट में हल नहीं किया गया है। उन्होंने एक वीडियो संदेश में कहा, ‘‘हम कृषि इनपुट और उपकरणों पर जीएसटी में छूट की मांग कर रहे हैं, लेकिन इस संबंध में कुछ नहीं किया गया है।’’

सेब की खेती मुख्य रूप से शिमला, मंडी, कुल्लू और किन्नौर जिलों और चंबा, सिरमौर, लाहौल और स्पीति, कांगड़ा और सोलन जिलों के कुछ इलाकों में 21 विधानसभा क्षेत्रों में फैले 1,15,680 हेक्टेयर क्षेत्र में की जाती है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, राज्य में सेब की अर्थव्यवस्था 5,000 करोड़ रुपये आंकी गई है। वर्तमान में सेब पर आयात शुल्क 50 प्रतिशत है। करीब तीन लाख से अधिक परिवार सीधे सेब उत्पादन से जुड़े हैं। चौहान ने कहा, ‘‘हालांकि, सब्जी उत्पादकों के लिए क्लस्टर में विपणन और कोल्ड चेन के लिए घोषित योजना का स्वागत है, लेकिन राज्य के किसानों के लिए इस योजना का लाभ उठाना मुश्किल होगा क्योंकि हिमाचल प्रदेश में भूमि जोत छोटी है और क्लस्टर बनाना मुश्किल है।’’

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बजट में सस्ता हुआ सोना और चांदी, ज्वेलरी शेयर चमके

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को बजट में सोने-चांदी पर आम लोगों को खुशखबरी दी। वित्त मंत्री ने सोने और चांदी पर लगने वाली कस्टम ड्यूटी को घटाकर 6 प्रतिशत कर दिया, जो कि पहले 15 प्रतिशत थी। सीतारमण ने संसद में अपने बजट भाषण में कहा कि सोने और कीमती धातु के आभूषणों में घरेलू वैल्यू एडिशन को बढ़ाने के लिए, मैं सोने और चांदी के सीमा शुल्क को घटाकर 6 प्रतिशत करने का प्रस्ताव करती हूं। सरकार की इस घोषणा के साथ एमसीएक्स पर 24 कैरेट सोने के 5 अगस्त, 2024 के कॉन्ट्रैक्ट का भाव 5.33 प्रतिशत गिरकर 68,840 रुपये हो गया।

वहीं, चांदी के 5 सितंबर, 2024 के कॉन्ट्रैक्ट का भाव 4.62 प्रतिशत गिरकर 85,079 रुपये प्रति किलो हो गया। वहीं, दूसरी तरफ ज्वेलरी शेयरों में तेजी देखी गई। दोपहर 2:30 बजे तक नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर टाइटन का शेयर 6.65 प्रतिशत, सेंको गोल्ड का शेयर 5.53 प्रतिशत, टीबीजेड का शेयर 11.71 प्रतिशत, पीसी ज्वेलर्स 5 प्रतिशत और राजेश एक्सपोर्ट्स का शेयर 6.79 प्रतिशत की तेजी के साथ कारोबार कर रहा था। बजट में टैक्स के मोर्चे पर भी आम आदमी को राहत दी गई है। नई टैक्स रिजीम में 3 से 7 लाख तक की आय पर 5 प्रतिशत टैक्स कर दिया गया है। वहीं, स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 75,000 रुपये कर दिया गया है।

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लंबी अवधि में शेयर बाजार में होगा ज्यादा फायदा, LTCG छूट बढ़ी

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को बजट पेश किया। वित्त मंत्री ने बजट में एक तरफ सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स (एसटीटी) में बढ़ोतरी की तो दूसरी तरफ लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर मिलने वाली छूट में भी इजाफा किया। वित्त मंत्री की ओर से फ्यूचर और ऑप्शन पर लगने वाली सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स (एसटीटी) को बढ़ाकर 0.02 प्रतिशत और 0.1 प्रतिशत कर दिया गया है। डेरिवेटिव सेगमेंट में ऑप्शन को सेल पर विक्रेता की ओर से 0.0625 प्रतिशत एसटीटी अदा किया जाएगा। वहीं, इस पर 0.125 प्रतिशत एसटीटी ऑप्शन खरीदार की ओर से दिया जाएगा। फाइनेंस बिल के मुताबिक नई दरें एक अक्टूबर से लागू होंगी।

वित्त मंत्री ने शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (एसटीसीजी) टैक्स को 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया है। वहीं, लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (एलटीसीजी) टैक्स को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत कर दिया गया है। साथ ही लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स की छूट सीमा में बढ़ोतरी कर 1.25 लाख रुपये प्रतिवर्ष कर दी गई है, जो कि पहले एक लाख रुपये थी। डिजर्व के सह-संस्थापक, वैभव पोरवाल का कहना है कि बजट में लंबी अवधि के निवेशकों को प्रोत्साहित किया गया है। निवेशकों को बाजार के हाल के रिएक्शन को छोड़कर लंबी अवधि का नजरिया रखना चाहिए। मौजूदा कर ढांचा लंबी अवधि के निवेश को बढ़ावा देता है।

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