स्पेसएक्स की इंजीनियर एशले फोल्ज ने एलन मस्क द्वारा संचालित एयरोस्पेस कंपनी पर वेतन भेदभाव का आरोप लगाते हुए मुकदमा दायर किया है। आरोप है कि महिला और अल्पसंख्यक कर्मचारियों को पुरुष और श्वेत कर्मचारियों की तुलना में कम वेतन दिया जा रहा है।
फोल्ज ने अपने प्रस्तावित क्लास-एक्शन मुकदमे में कहा कि उन्हें बेस-लेवल इंजीनियर के रूप में 92,000 डॉलर के वेतन पर नियुक्त किया गया था, हालांकि समान या कम अनुभव वाले पुरुषों को 115,000 डॉलर तक की पेशकश की गई। एशले को सितंबर 2022 में स्पेसएक्स में प्रोपल्शन इंजीनियर के रूप में नियुक्त किया गया था।
मुकदमे में तर्क दिया गया कि मस्क और कंपनी के अधिकारियों के पास उनके भेदभावपूर्ण वेतन के लिए कोई वैध जस्टिफिकेशन नहीं है। फोल्ज ने खुद को स्पेसएक्स की कुछ महिला इंजीनियरों में से एक बताया। उन्हें वेतन गैप के बारे में तब पता चला जब कैलिफोर्निया का पे ट्रांसपेरेंसी एक्ट लागू हुआ।
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भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को लगातार चौथी पॉलिसी मीटिंग में विकास पर फोकस करते हुए प्रमुख लेंडिंग रेट को बरकरार रखा, जबकि मुद्रास्फीति फिलहाल इसके टारगेट से ऊपर है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, "एमपीसी (मौद्रिक नीति समिति) ने रेपो दर - जिस दर पर केंद्रीय बैंक दूसरे बैंकों को लोन देता है - को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखने के लिए सर्वसम्मति से मतदान किया।"
एमपीसी ने यह भी निर्णय लिया कि स्टैंडिंग डिपोजिट फैसेलिटी (एसडीएफ) और मार्जिनल स्टैंडिंग फैसेलिटी (एमएसएफ) दरों को भी क्रमशः 6.25 प्रतिशत और 6.75 प्रतिशत पर छोड़ दिया गया है।
दास ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "दुनिया भर में मुद्रास्फीति कम हो रही है, लेकिन कई प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के टारगेट से ऊपर है। सॉवरेन बांड की यील्ड बढ़ी है, अमेरिकी डॉलर मजबूत हुआ है और इक्विटी बाजार में सुधार हुआ है।" साथ ही गवर्नर दास ने कहा, 'मुद्रास्फीति को 4 प्रतिशत पर लाने की कोशिश हो रही है।''
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भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने रेपो रेट को 6.5 फीसदी से नहीं बदला है, लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसमें कटौती अगले 12 महीने तक नहीं होगी। रेपो रेट वह दर है जिस पर आरबीआई बैंकों को कर्ज देता है।
एमपीसी ने 4-6 अक्टूबर को हुई अपनी बैठक में वित्त वर्ष 2024 के लिए मुद्रास्फीति 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है और इसके फैसले की घोषणा आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को की।
दास ने कहा कि एमपीसी ने सर्वसम्मति से रेपो रेट 6.5 प्रतिशत पर रखने का फैसला किया और वित्त वर्ष 2024 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 6.5 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया। जहां तक मुद्रास्फीति का संबंध है, संभावित कृषि उपज सहित विभिन्न घरेलू मुद्दों को ध्यान में रखते हुए एमपीसी का पूर्वानुमान 2023-24 के लिए 5.4 प्रतिशत था।
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सकारात्मक वैश्विक संकेतों से निफ्टी में शुक्रवार को भी लगातार दूसरे दिन बढ़त जारी रही। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के रिटेल रिसर्च प्रमुख दीपक जसानी ने कहा, निफ्टी 0.55 फीसदी या 107.8 अंक ऊपर 19653.5 पर बंद हुआ। हालांकि एनएसई पर वॉल्यूम कई सप्ताह के निचले स्तर पर था। जसानी ने कहा कि व्यापक बाजार सूचकांक निफ्टी के अनुरूप बढ़े, जबकि एडवांस डिक्लाइन रेशियो बढ़कर 1.88:1 हो गया।
अमेरिकी नौकरियों के बाजार पर शुक्रवार को आने वाली रिपोर्ट से पहले वैश्विक शेयरों में तेजी आई। अर्थशास्त्रियों को लगता है कि अगस्त में नौकरियों की संख्या 187,000 से सितंबर में घट कर 163,000 हो जाएंगी। उन्होंने कहा, निवेशकों को चिंता है कि अमेरिकी नौकरी बाजार के बहुत मजबूत होने से मुद्रास्फीति पर दबाव बढ़ सकता है और अमेरिकी फेड पर लंबे समय तक दरें ऊंची रखने का खतरा मंडरा सकता है।
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देश में लगभग 65 लाख सब्सक्राइबर्स के साथ, स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स कमोबेश इंडियन मार्केट में अपना कारोबार बढ़ाने में असफल हो रहा है। ग्लोबल एसेट मैनेजमेंट फर्म अलायंसबर्नस्टीन के एनालिस्ट का हवाला देते हुए टेकक्रंच ने शुक्रवार को रिपोर्ट दी कि भारत में नेटफ्लिक्स की धीमी ग्रोथ मुख्य रूप से लोकल कंटेंट की कमी के कारण है।
एनालिस्ट ने कथित तौर पर कहा कि भारत में नेटफ्लिक्स द्वारा पेश किए गए केवल 12 प्रतिशत टाइटल्स लोकल कंटेंट थे। इसकी तुलना में, अमेजन प्राइम वीडियो की लगभग 60 प्रतिशत पेशकश देश में घरेलू भाषाओं में थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में प्राइम वीडियो के लगभग 2 करोड़ सब्सक्राइबर्स हैं और डिज्नी प्लस हॉटस्टार 40 मिलियन से ज्यादा सब्सक्राइबर्स के साथ बाजार पर हावी है।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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