शेयर बाजार में मंगलवार को भारी गिरावट से निवेशकों की 4.86 लाख करोड़ रुपये की पूंजी डूब गई। बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 736.37 अंक या 1.01 प्रतिशत टूटकर 72,012.05 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 815.07 अंक टूटकर 71,933.35 अंक पर आ गया था। शेयर बाजार में गिरावट से बीएसई की सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 4,86,777.98 करोड़ रुपये घटकर 3,73,92,545.45 करोड़ रुपये रह गया।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि बैंक ऑफ जापान (बीओजे) के 17 साल बाद ब्याज दरें बढ़ाने के फैसले के बाद एशियाई बाजारों की धारणा प्रभावित हुई। सेंसेक्स की कंपनियों में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज का शेयर 4.03 प्रतिशत गिर गया। इंडसइंड बैंक, विप्रो, नेस्ले, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, इन्फोसिस, पावर ग्रिड, आईटीसी, टेक महिंद्रा, टाटा मोटर्स और अल्ट्राटेक सीमेंट के शेयर भी नुकसान में रहे। वहीं बजाज फाइनेंस, कोटक महिंद्रा बैंक, एचडीएफसी बैंक, बजाज फिनसर्व, टाइटन और भारती एयरटेल के शेयर लाभ में रहे।
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भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के मंगलवार को जारी ‘अर्थव्यवस्था की स्थिति’ पर मार्च के बुलेटिन में कहा गया है कि भारत सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की आठ प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर को कायम रख सकता है या इससे भी आगे निकल सकता है। आरबीआई ने कहा कि देश का अनुकूल वृद्धि आर्थिक माहौल वृद्धि दर को आगे बढ़ाने का आधार बन सकता है। देश की आर्थिक वृद्धि दर 2021-24 की अवधि में औसतन आठ प्रतिशत से अधिक रही है।
आरबीआई के डिप्टी गवर्नर माइकल देबब्रत पात्रा की अगुवाई वाली एक टीम द्वारा लिखे गए लेख में कहा गया कि वैश्विक अर्थव्यवस्था गति खो रही है, कुछ सबसे मजूबत अर्थव्यवस्थाओं और उच्च आवृत्ति संकेतकों में वृद्धि धीमी हो रही है। यह आने वाले समय में चीजों के और सुस्त पड़ने का इशारा कर रहे हैं। भारत की 2023-24 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में वास्तविक जीडीपी वृद्धि छह तिमाहियों के उच्चतम स्तर पर थी। मजबूत रफ्तार, बेहतर अप्रत्यक्ष कर संग्रह और सब्सिडी में कमी की वजह से यह वृद्धि हासिल हो सकी है। लेख में कहा गया है कि संरचनात्मक मांग और कंपनियों तथा बैंकों का मजबूत बही-खाता आगे चलकर वृद्धि को और गति देने में भूमिका निभाएंगे।
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अडाणी समूह की अधिकांश कंपनियों ने अमेरिका में रिश्वतखोरी के आरोप की जांच को लेकर नोटिस मिलने से इनकार किया है लेकिन समूह की ही नवीकरणीय ऊर्जा कंपनी अडाणी ग्रीन एनर्जी ने इस जांच से अवगत होने की बात कही है। अडाणी ग्रीन एनर्जी ने मंगलवार को कहा कि एक असंबद्ध तीसरे पक्ष द्वारा अमेरिकी भ्रष्टाचार विरोधी कानूनों के संभावित उल्लंघन की जांच से वह परिचित है। हालांकि, कंपनी ने कथित तीसरे पक्ष के साथ कोई संबंध होने से इनकार किया है। देश के शेयर बाजारों ने अडाणी समूह की कंपनियों से उस मीडिया रिपोर्ट पर टिप्पणी करने को कहा था जिसमें अडाणी समूह की किसी इकाई के कथित तौर पर रिश्वतखोरी में शामिल होने की अमेरिका में जांच किए जाने की बात कही गई थी।
इस संदर्भ में समूह की 10 सूचीबद्ध कंपनियों ने शेयर बाजारों को अलग-अलग जवाब भेजा है। उन्होंने इस रिपोर्ट को ‘गलत’ बताते हुए कहा है कि उन्हें रिश्वतखोरी के आरोप पर अमेरिकी न्याय विभाग का कोई नोटिस नहीं मिला है। हालांकि, अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड ने एक सूचना में कहा कि उसे कोई नोटिस नहीं मिला है, लेकिन वह ‘तीसरे पक्ष द्वारा अमेरिकी भ्रष्टाचार विरोधी कानूनों के संभावित उल्लंघन की अमेरिका के न्याय विभाग द्वारा जांच के बारे में अवगत है।’’ कंपनी ने कहा, ‘‘हमारा उक्त तीसरे पक्ष के साथ कोई संबंध नहीं है और इस तरह अमेरिका की मौजूदा जांच के दायरे पर टिप्पणी करने में असमर्थ हैं कि कंपनी या उसका कोई भी कर्मी तीसरे पक्ष के साथ कथित लेनदेन के संबंध में है या उसके संपर्क में है।’’
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केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को कहा कि अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन 2026 में पटरियों पर दौड़ने लगेगी। मंत्री ने कहा, "भारत की पहली बुलेट ट्रेन 2026 में तैयार हो जाएगी और सूरत से एक सेक्शन में चलेगी।" उन्होंने कहा कि स्टेशनों के निर्माण में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है और समुद्री सुरंग पर काम शुरू हो गया है। इसी सुरंग से ट्रेन ठाणे से मुंबई पहुंचेगी।
रेल मंत्री ने मुंबई-अहमदाबाद 'बुलेट ट्रेन' कॉरिडोर का एक वीडियो साझा किया। इस कॉरिडोर के चालू होने से दोनों शहरों के बीच 508 किलोमीटर की दूरी का समय घटकर मात्र 2 घंटे रह जाएगा। मंत्री ने एक्स पर पोस्ट किया, "मोदी 3.0 में बुलेट ट्रेन के लिए तैयार रहें!" वीडियो में 1.08 लाख करोड़ रुपये के निवेश से बन रही अत्याधुनिक ट्रेन परियोजना की कुछ विशेषताओं पर प्रकाश डाला गया है।
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केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आयकर अधिकारियों को टीडीएस/ टीसीएस, अघोषित विदेशी आय या ईडी एवं जीएसटी आसूचना जैसी एजेंसियों से मिली सूचना से संबंधित मामलों में मौद्रिक सीमा के परे अपील दायर करने की अनुमति दे दी है। वर्ष 2019 में तय सीमा के तहत फिलहाल कर अधिकारी आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (आईटीएटी), उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय के समक्ष अपील दायर कर सकते हैं, अगर विवादित कर मांग क्रमशः 50 लाख रुपये, एक करोड़ रुपये और दो करोड़ रुपये से अधिक है।
आयकर विभाग की नियामकीय इकाई सीबीडीटी ने 15 मार्च के एक परिपत्र में कहा है कि अपील की यह मौद्रिक सीमा उन मामलों में लागू नहीं होगी जहां संबंधित मामले में विभाग ने अभियोग दायर किया है और मुकदमा लंबित है और सजा का आदेश पारित कर दिया गया है। ऐसे मामले जहां कर-आकलन किसी अन्य कानून के तहत कथित अपराध के संबंध में कानून प्रवर्तन एजेंसियों से मिली सूचनाओं पर आधारित है, वहां कर मांग के बावजूद अपील दायर की जाएगी।
यह मौद्रिक सीमा घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कराधान में स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस)/ स्रोत पर कर संग्रह (टीसीएस) से संबंधित विवादों या दोहरे कराधान बचाव समझौते के प्रावधानों से संबंधित विवादों से उत्पन्न मुकदमेबाजी पर लागू नहीं होगी। इसके साथ कर अधिकारियों को अघोषित विदेशी आय/ संपत्ति/ बैंक खातों के विवाद में कर मांग की परवाह किए बिना भी अपील करनी होगी। इस समय लगभग 35 लाख करोड़ रुपये की लगभग 2.7 करोड़ कर मांगों पर विभिन्न मंचों पर विवाद चल रहे हैं।
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