भारत में परिवारों की शुद्ध बचत तीन साल में नौ लाख करोड़ रुपये से अधिक घटकर वित्त वर्ष 2022-23 में 14.16 लाख करोड़ रुपये रह गयी। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने मंगलवार को यह जानकारी दी। मंत्रालय की तरफ से जारी ताजा राष्ट्रीय खाता सांख्यिकी- 2024 के मुताबिक, वित्त वर्ष 2020-21 में परिवारों की शुद्ध बचत 23.29 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई थी लेकिन उसके बाद से इसमें लगातार गिरावट आ रही है।
वित्त वर्ष 2021-22 में परिवारों की शुद्ध बचत घटकर 17.12 लाख करोड़ रुपये रह गई। यह वित्त वर्ष 2022-23 में और भी कम होकर 14.16 लाख करोड़ रुपये पर आ गई जो पिछले पांच वर्षों का सबसे निचला स्तर है। इससे पहले शुद्ध घरेलू बचत का निचला स्तर वर्ष 2017-18 में 13.05 लाख करोड़ रुपये था। लेकिन यह 2018-19 में बढ़कर 14.92 लाख करोड़ रुपये और 2019-20 में 15.49 लाख करोड़ रुपये हो गया था।
सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि 2020-21 से लेकर 2022-23 के दौरान म्यूचुअल फंड में निवेश लगभग तिगुना होकर 1.79 लाख करोड़ रुपये हो गया जो 2020-21 में 64,084 करोड़ रुपये था। शेयरों और डिबेंचर में परिवारों का निवेश इस अवधि में 1.07 लाख करोड़ रुपये से लगभग दोगुना होकर 2022-23 में 2.06 लाख करोड़ रुपये हो गया।
आंकड़े बताते हैं कि परिवारों को बैंक ऋण भी इन तीन वर्षों में दोगुना होकर 2022-23 में 11.88 लाख करोड़ रुपये हो गया। यह 2020-21 में 6.05 लाख करोड़ रुपये और 2021-22 में 7.69 लाख करोड़ रुपये था। वित्तीय संस्थानों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की तरफ से परिवारों को दिया जाने वाला ऋण भी वित्त वर्ष 2020-21 में 93,723 करोड़ रुपये से चार गुना बढ़कर 2022-23 में 3.33 लाख करोड़ रुपये हो गया। वित्त वर्ष 2021-22 में यह 1.92 लाख करोड़ था।
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भारतीय शेयर बाजार में मंगलवार के कारोबारी सत्र में चौतरफा गिरावट हुई। मंदी का असर लार्ज कैप की अपेक्षा स्मॉल कैप और मिड कैप शेयर पर सबसे ज्यादा देखने को मिला। सेंसेक्स 383.69 अंक या 0.52 प्रतिशत गिरकर 73,511 अंक और निफ्टी 140.20 अंक या 0.62 प्रतिशत गिरकर 20,302 पर बंद हुआ। बाजार में मंदी की मार सबसे ज्यादा स्मॉल कैप और मिड कैप शेयरों पर पड़ी। निफ्टी स्मॉल 100 इंडेक्स 316.10 अंक या 1.89 प्रतिशत गिरकर 16,367 अंक और निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 987 अंक या 1.95 प्रतिशत के दबाव के साथ 49,674 अंक पर बंद हुआ।
सेक्टर के हिसाब से देखें तो आईटी और एफएमसीजी सेक्टर को छोड़कर करीब सभी इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए। सबसे ज्यादा गिरावट रियल्टी, मेटल और ऑटो सेक्टर में हुई। कारोबारी दिन में सेंसेक्स पैक में 19 शेयर लाल निशान और 11 शेयर हरे निशान में बंद हुए। बजाज ऑटो, पावर ग्रिड, ओएनजीसी, इंडसइंड बैंक और हिंडालको टॉप लूजर्स थे। वहीं, एचयूएल, टेक महिंद्रा, ब्रिटानिया, नेस्ले और टीसीएस टॉप गेनर की लिस्ट में शामिल थे।जियोजित फाइनेंसियल सर्विसेज के विनोद नायर ने कहा कि सकारात्मक वैश्विक संकेतों के बाद भी भारतीय बाजार में लोकसभा चुनाव में कम मतदान और प्रीमियम वैल्यूएशन के कारण मुनाफावसूली देखने को मिली। हालांकि, ग्रामीण मांग में सुधार के कारण एफएमसीजी शेयर बढ़त के साथ बंद हुए।
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श्रीलंका सरकार ने अडाणी ग्रीन एनर्जी के साथ 20 साल के लिए बिजली खरीद समझौते को मंजूरी दे दी है। यह समझौता पूर्वोत्तर क्षेत्र में 484 मेगावाट क्षमता की पवन ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने को लेकर है। ऊर्जा मंत्री कंचना विजयशेखरा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा है, ‘‘जो सहमति बनी है, उसके तहत भुगतान के वक्त उस समय की विनिमय दर पर स्थानीय रुपये में 0.0826 अमेरिकी डॉलर प्रति किलो वाट घंटे की दर से शुल्क दर का भुगतान किया जाएगा।’’ उन्होंने कहा कि खरीद लागत ऊर्जा की मौजूदा औसत लागत 39.02 श्रीलंकाई रुपये प्रति किलोवाट घंटे से कम होगी।
आधिकारिक बयान अनुसार, मन्नार और पूनेरिन में 484 मेगावाट के पवन बिजलीघर के विकास को मार्च, 2022 में ही मंत्रिमंडल की मंजूरी मिल चुकी थी। भारत की अडाणी ग्रीन एनर्जी लि. के साथ समझौते की मंजूरी के बाद, कंपनी के परियोजना प्रस्ताव का मूल्यांकन करने के लिए मंत्रिमंडल ने एक वार्ता समिति नियुक्त की थी। मंत्री ने कहा, ‘‘समिति की सिफारिशों के आधार पर मंत्रिमंडल ने अंतिम कीमत 8.26 अमेरिकी डॉलर स्वीकार करने के लिए बिजली और बिजली मंत्री के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।’’
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पूंजी बाजार नियामक सेबी ने स्टॉक ब्रोकरों से समुचित प्रतिक्रिया न मिलने का हवाला देते हुए इक्विटी डेरिवेटिव खंड में कारोबारी घंटे बढ़ाने के नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। एनएसई के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) आशीष कुमार चौहान ने नतीजों पर विश्लेषकों के साथ चर्चा में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, ‘‘वर्तमान में कारोबारी घंटे बढ़ाने की कोई योजना नहीं है क्योंकि सेबी ने हमारा आवेदन वापस कर दिया है। स्टॉक ब्रोकरों से सेबी को ऐसी प्रतिक्रिया नहीं मिली, जैसी वह चाहता था। लिहाजा विस्तारित समय योजना को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है।’’
एनएसई ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) से इक्विटी डेरिवेटिव खंड में चरणबद्ध तरीके से कारोबार का समय बढ़ाने का आग्रह किया था। इसके पीछे मकसद यह था कि वैश्विक सूचना प्रवाह से रातों-रात पैदा होने वाले जोखिम को कम किया जा सके। एनएसई के मुख्य कारोबार विकास अधिकारी श्रीराम कृष्णन ने सितंबर में पीटीआई-भाषा को बताया था कि एक्सचेंज नियमित कारोबारी सत्र खत्म होने के बाद शाम छह बजे से रात नौ बजे तक एक और सत्र की योजना बना रहा था। इसपर मिली प्रतिक्रिया के आधार पर कारोबारी समय को धीरे-धीरे रात 11.55 बजे तक बढ़ाने का प्रस्ताव था।
बाजार नियामक ने वर्ष 2018 में शेयर बाजारों को इक्विटी डेरिवेटिव खंड में अपने कारोबारी घंटे को सुबह नौ बजे से रात 11.50 बजे के बीच निर्धारित करने की अनुमति दी थी। यह जिंस डेरिवेटिव खंड के कारोबारी घंटों के समान था, जो वर्तमान में सुबह 10 बजे से रात 11.55 बजे के बीच निर्धारित है।
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केंद्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत आने वाले दूरसंचार विभाग ने मंगलवार को कहा कि उसके द्वारा साइबर क्राइम और फाइनेंसियल फ्रॉड में इस्तेमाल होने वाले कई मोबाइल नंबर और 20 मोबाइल हैंडसेट को ब्लॉक कर दिया गया है। दूरसंचार विभाग द्वारा एक्स पर किए गए पोस्ट में लिखा गया कि कई मोबाइल नंबर और 20 मोबाइल हैंडसेट को ब्लॉक कर दिया गया है। इनका इस्तेमाल साइबर क्राइम और फाइनेंसियल फ्रॉड को अंजाम देने के लिए किया जा रहा था। सरकारी एजेंसियों की ओर से ये कदम तब उठाया गया, जब कुछ दिनों पहले बेंगलुरु की कारोबारी अदिति चोपड़ा ने एक पेचीदा वित्तीय जालसाजी के बारे में एक्स पर पोस्ट किया था।
पोस्ट में उन्होंने बताया कि वह एक सुनियोजित जालसाजी का शिकार हुई हैं, जिसमें वित्तीय धोखाधड़ी करने के लिए एसएमएस का उपयोग किया गया था। दूरसंचार विभाग ने उनकी पोस्ट को टैग करते हुए लोगों को कहा कि अगर कोई भी ऐसा फ्रॉड आपके सामने आए तो उसे चक्षु पोर्टल पर रिपोर्ट करें। मार्च में दूरसंचार विभाग की ओर से नागरिकों के लिए एक एडवाइजरी जारी की गई थी। इसमें बताया कि दूरसंचार विभाग के प्रतिनिधि बनकर जालसाज लोगों को कॉल कर उनका मोबाइल नंबर बंद करने की धमकी दे रहे हैं। इसके अलावा एक अन्य एडवाइजरी में विभाग ने कहा था कि (प्लस 92) कोड से आए विदेशी नंबरों से जालसाज सरकारी अधिकारी बनकर व्हाट्सएप कॉल के जरिए धोखाधड़ी को अंजाम दे रहे हैं। ऐसे जालसाजों से सावधान रहना चाहिए।
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