भारतीय शेयर बाजार में मंगलवार को लगातार तीसरे दिन गिरावट रही और बीएसई सेंसेक्स 220 अंक के नुकसान में रहा। मंगलवार का कारोबारी सत्र नुकसान वाला रहा है। करीब सभी सूचकांक लाल निशान में बंद हुए। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव 2024 अंतिम चरण में पहुंचने के कारण निवेशकों ने मुनाफावसूली शुरू कर दी है। सेंसेक्स 220 अंक या 0.29 प्रतिशत गिरकर 75,170 अंक और निफ्टी 44 अंक या 0.19 प्रतिशत गिरकर 22,888 अंक पर बंद हुआ।
बाजार में मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों पर ज्यादा दबाव देखा गया। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 466 अंक या 0.89 प्रतिशत गिरकर 52,294 अंक और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 144 अंक या 0.85 प्रतिशत गिरकर 16,875 अंक पर बंद हुआ। इंडिया विक्स में 4.31 प्रतिशत की तेजी देखने को मिली है और 24.19 अंक पर पहुंच गया है। ऑटो, आईटी, पीएसयू बैंक, मेटल, रियल्टी, एनर्जी, प्राइवेट बैंक, पीएसई और ऑयल एंड गैस इंडेक्स गिरकर बंद हुए हैं। फिन सर्विस, फार्मा, एफएमसीजी और मीडिया इंडेक्स बढ़कर बंद हुआ। सेंसेक्स के 30 में से 19 शेयर लाल निशान में बंद हुए।
पावर ग्रिड, टेक महिंद्रा, एनटीपीसी, भारती एयरटेल, टाटा मोटर्स और रिलायंस टॉप लूजर्स थे। वहीं, एशियन पेंट्स, विप्रो, एचयूएल, जेएसडब्ल्यू स्टील, बजाज फिनसर्व और एमएंडएम टॉप गेनर्स थे। एलकेपी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ टेक्निकल एनालिस्ट, रूपक डे का कहना है कि इंडेक्स में एक दायरे में कारोबार हो रहा है। 23,000 के आसपास काफी कॉल राइटिंग भी देखने को मिली है। वहीं, ऐसा ही कुछ 23,100 और 22,900 पर देखने को मिला। पुट राइटिंग में इनके मुकाबले थोड़ी कम हुई है। ऐसे में 22,950 और 23,000 का जोन एक मजबूत रुकावट के स्तर के तौर पर कार्य करेगा।
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एलआईसी के चेयरमैन सिद्धार्थ मोहंती ने कहा कि बीमाकर्ता स्वास्थ्य बीमा क्षेत्र में प्रवेश कर सकता है। ऐसा अवसर उपलब्ध होने पर अधिग्रहण का विकल्प तलाश सकते हैं। ऐसी उम्मीदें हैं कि बीमा अधिनियम में संशोधन करके समग्र लाइसेंस की अनुमति दी जा सकती है। बीमा अधिनियम 1938 और भारतीय बीमा नियामक विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) के नियमों के अनुसार किसी बीमाकर्ता को एक इकाई के तहत जीवन, सामान्य या स्वास्थ्य बीमा करने के लिए समग्र लाइसेंस की अनुमति नहीं है।
मोहंती ने वित्त वर्ष 2023-24 के वित्तीय आंकड़े साझा करते हुए कहा कि एलआईसी अग्नि और इंजीनियरिंग जैसे सामान्य बीमा में विशेषज्ञ नहीं है, लेकिन यह स्वास्थ्य बीमा कर सकता है।उन्होंने कहा, ‘‘ इस पर आंतरिक तौर पर काम जारी है... हम स्वास्थ्य बीमा के लिए अधिग्रहण का विकल्प तलाश सकते हैं।’’ एक संसदीय समिति ने फरवरी में देश में बीमा की पहुंच बढ़ाने के लिए एक इकाई के तहत जीवन, सामान्य या स्वास्थ्य बीमा करने के लिए बीमाकर्ता के लिए एक समग्र लाइसेंस शुरू करने का सुझाव दिया था। बीजेपी नेता जयंत सिन्हा के नेतृत्व वाली समिति ने सरकार को बीमा कंपनियों के लिए समग्र लाइसेंसिंग का प्रावधान शुरू करने और कानून में संबंधित संशोधन जल्द से जल्द करने का सुझाव दिया था।
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सार्वजनिक क्षेत्र की कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने मंगलवार को कोयला से रसायन कारोबार चलाने के लिए एक अनुषंगी इकाई भारत कोल गैसीफिकेशन एंड केमिकल्स लिमिटेड (बीसीजीसीएल) के गठन की घोषणा की। देश की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक सीआईएल ने बीएसई को दी सूचना में कहा कि नई इकाई में उसकी बहुलांश 51 प्रतिशत हिस्सेदारी है जबकि शेष 49 प्रतिशत हिस्सेदारी बीएचईएल के पास है। कोल इंडिया ने कोयला-से-रसायन व्यवसाय शुरू करने के लिए फरवरी में भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (बीएचईएल) के साथ एक संयुक्त उद्यम समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
दोनों कंपनियों के इस संयुक्त उद्यम के गठन के लिए नीति आयोग और निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) की मंजूरी मिल गई है। इसमें कहा गया है, ‘‘भारत कोल गैसीफिकेशन एंड केमिकल्स लिमिटेड का गठन कोयला-से-रसायन कारोबार के लिए मध्यवर्ती उत्पादों के रूप में अमोनिया एवं नाइट्रिक एसिड और अंतिम उत्पाद के रूप में अमोनियम नाइट्रेट का उत्पादन करने के लिए किया गया है।’’ इस बीच, कोल इंडिया लिमिटेड ने बर्दवान जिले में ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (ईसीएल) के सोनपुर बाजारी क्षेत्र में 13,052 करोड़ रुपये की कोयला-से-सिंथेटिक प्राकृतिक गैस परियोजना लगाने के लिए गेल के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।
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आयकर विभाग ने मंगलवार को करदाताओं से आग्रह किया कि जिन्होंने अभी तक अपने पैन को आधार से लिंक नहीं किया है, वे 31 मई की समय सीमा से पहले ऐसा कर लें, अन्यथा उन्हें अधिक कर का भुगतान करना पड़ेगा। आयकर विभाग ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “उच्च दर पर कर कटौती से बचने के लिए कृपया 31 मई, 2024 से पहले अपने पैन को आधार से लिंक करें, यदि आपने पहले से नहीं किया है।” आगे कहा, “31 मई तक अपने पैन को आधार से जोड़ना यह सुनिश्चित करता है कि आपको 31 मार्च, 2024 से पहले किए गए लेनदेन के लिए निष्क्रिय पैन के कारण आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 206एए और 206सीसी के तहत उच्च कर कटौती/कर संग्रह का सामना नहीं करना पड़ेगा।“
टीडीएस उच्च दर पर काटा जाता है, जब कटौतीकर्ता (जिसका कर काटा गया है) का पैन आधार के साथ लिंक नहीं किया गया है। ऐसा मौजूदा नियमों के कारण है कि कोई भी पैन जो आधार से लिंक नहीं है, वह निष्क्रिय पैन बन जाता है। 23 अप्रैल, 2024 को केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कटौतीकर्ताओं/संग्राहकों (जो स्रोत पर कर काटते हैं) की शिकायतों को हल करने के लिए एक परिपत्र जारी किया था। सीबीडीटी ने कहा, “ऐसे मामलों में चूंकि कटौती/संग्रह उच्च दर पर नहीं किया गया है, इसलिए विभाग द्वारा अधिनियम की धारा 200ए या धारा 206सीबी के तहत टीडीएस/टीसीएस विवरणों की प्रोसेसिंग करते समय कटौतीकर्ताओं/संग्राहकों के खिलाफ मांग उठाई गई है, क्योंकि मामला बन सकता है।”
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स्पाइसजेट की ओर से मंगलवार को केएएल एयरवेज और कलानिधि मारन के 1,323 करोड़ रुपये के हर्जाने के दावे को खारिज कर दिया गया। साथ ही कहा कि ये दावे न केवल कानूनी रूप से कमजोर हैं, बल्कि आर्बिट्रल ट्रिब्यूनल और दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा रद्द किए गए पुराने दावों को भी दोहराते हैं। एयरलाइन की ओर से बयान में कहा गया कि केएएल एयरवेज और कलानिधि मारन की ओर से मध्यस्थता कार्यवाही के दौरान 1,300 करोड़ से ज्यादा के हर्जाने की मांग की गई थी।
इस दावे को उस समय सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की ओर से समीक्षा के बाद खारिज कर दिया गया था। इसके बाद केएल एयरवेज और कलानिधि मारन की ओर से सिंगल जज बेंच वाली दिल्ली हाई कोर्ट में भी अपील करते हुए समान राशि के हर्जाने की मांग की गई, लेकिन अदालत द्वारा दावे को खारिज कर दिया गया। एयरलाइन के प्रवक्ता ने कहा कि इसके बाद आगे उनकी ओर से अपीलीय क्षेत्राधिकार के समक्ष कोई अपील नहीं लगाई गई। इस मामले में अभी कोई दम नहीं है। ये दावा केवल सनसनीखेज और जनता को गुमराह करने के लिए किया गया है।
प्रवक्ता ने आगे कहा कि दिल्ली हाई कोर्ट की ब्रांच ने 17 मई को स्पाइसजेट और अजय सिंह के पक्ष में फैसला सुनाया। इसके बाद स्पाइसजेट 450 करोड़ रुपये का रिफंड लेने का प्रयास करेगी। सोमवार को केएएल एयरवेज और मारन की ओर से कहा गया था कि वे स्पाइसजेट और उसके प्रमुख अजय सिंह से 1,323 करोड़ रुपये के हर्जाने को लेकर चले आ रहे विवाद में हाल ही में आए दिल्ली हाई कोर्ट के निर्णय को चुनौती देंगे। केएएल एयरवेज और मारन ने अपनी कानूनी टीम से सलाह करने के बाद इस निर्णय को चुनौती देने का फैसला किया है। उनका मानना है कि फैसले में कुछ खामियां हैं और इसकी आगे जांच होनी चाहिए।
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