अडानी समूह की कंपनियों ने कहा है कि उन्हें रिश्वतखोरी के किसी भी आरोप पर अमेरिकी न्याय विभाग (डीओजे) से कोई नोटिस नहीं मिला है। इससे पहले जेपी मॉर्गन की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि भारत में नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में उच्च स्तर की पारदर्शिता को देखते हुए अडानी समूह के लिए रिश्वतखोरी की गुंजाइश "लगभग असंभव" दिखती है। अडानी समूह ने शेयर बाजार को बताया कि उन्हें "आरोप के संबंध में न्याय विभाग से कोई नोटिस नहीं मिला है" और इस संबंध में मीडिया में आई "रिपोर्ट झूठी है"।
ब्लूमबर्ग ने पिछले सप्ताह बताया था कि अमेरिकी अटॉर्नी कार्यालय और डीओजे के अभियोजक संभावित रिश्वतखोरी की जांच के लिए अडानी समूह की इकाई और एज़्योर पावर ग्लोबल पर नजर रख रहे हैं। एक अलग फाइलिंग में अडानी ग्रीन एनर्जी ने भी शेयर बाजार को बताया कि उसे कोई नोटिस नहीं मिला है, लेकिन "एक तीसरे पक्ष द्वारा अमेरिका के भ्रष्टाचार रोधी कानूनों के संभावित उल्लंघन की अमेरिका के न्याय विभाग द्वारा जांच के बारे में जानकारी है"। अडानी ग्रीन ने फाइलिंग में कहा, “कंपनी का उक्त तीसरे पक्ष के साथ कोई संबंध नहीं है और इसलिए वह वर्तमान में अमेरिका की जाँच के दायरे पर टिप्पणी करने में असमर्थ है कि कंपनी या उसके किसी कर्मचारी के खिलाफ तीसरे पक्ष के साथ कंपनी के कथित लेनदेन के संबंध में जाँच चल रही है या उसका नाम आ रहा है।“
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भारत में 2000 के दशक की शुरुआत से आर्थिक असमानता लगातार बढ़ रही है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022-23 में देश की सबसे अमीर एक प्रतिशत आबादी की आय में हिस्सेदारी बढ़कर 22.6 प्रतिशत हो गई है। वहीं संपत्ति में उनकी हिस्सेदारी बढ़कर 40.1 प्रतिशत हो गई है। ‘भारत में आमदनी और संपदा में असमानता, 1922-2023: अरबपति राज का उदय’ शीर्षक वाली रिपोर्ट कहती है कि 2014-15 और 2022-23 के बीच शीर्ष स्तर की असमानता में वृद्धि विशेष रूप से धन के केंद्रित होने से पता चलती है।
यह रिपोर्ट थॉमस पिकेटी (पेरिस स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स एंड वर्ल्ड इनइक्वलिटी लैब), लुकास चांसल (हार्वर्ड कैनेडी स्कूल एंड वर्ल्ड इनइक्वलिटी लैब) और नितिन कुमार भारती (न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी और वर्ल्ड इनइक्वलिटी लैब) द्वारा लिखी गई है। रिपोर्ट के अनुसार, “2022-23 तक सबसे अमीर एक प्रतिशत लोगों का आय और संपदा में हिस्सा ऐतिहासिक उच्चस्तर क्रमश: 22.6 प्रतिशत और 40.1 प्रतिशत पर था। भारत की शीर्ष एक प्रतिशत आमदनी हिस्सेदारी दुनिया में सबसे अधिक है। यह दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील और अमेरिका से भी अधिक है।”
रिपोर्ट में कहा गया कि शुद्ध संपत्ति के नजरिये से भारतीय आयकर प्रणाली प्रतिगामी नजर आती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में आर्थिक आंकड़ों की गुणवत्ता काफी खराब है और हाल ही में इसमें गिरावट देखी गई है। इसमें कहा गया है कि भारत में सबसे अमीर एक प्रतिशत आबादी का आमदनी में हिस्सा ऊंचे स्तर पर है। यह संभवत: सिर्फ पेरू, यमन और कुछ अन्य देशों से ही कम है।
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खाने-पीने के सामान की ऑनलाइन आपूर्ति करने वाली कंपनी जोमैटो ने शाकाहारी उत्पादों की आपूर्ति के लिए एक अलग सेवा शुरू करने और राइडर के ड्रेस हरे रंग का रखने को लेकर हो रही आलोचना के बीच बुधवार को कहा कि उसके सभी कर्मचारी पहले की तरह सिर्फ लाल रंग की वेशभूषा में ही नजर आएंगे। जोमैटो के मुख्य कार्यपालक अधिकारी दीपिंदर गोयल ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि शाकाहारी उत्पादों की आपूर्ति करने वाले कर्मचारियों को हरे रंग की वेशभूषा पहनाने का विचार छोड़ा जा रहा है और सभी आपूर्तिकर्ता लाल रंग की वेशभूषा में ही रहेंगे। हालांकि कंपनी के ऐप पर ये दोनों खंड अलग-अलग नजर आते रहेंगे।
गोयल ने कहा, "हम शाकाहारी ग्राहकों के लिए एक अलग दस्ता शुरू करना जारी रख रहे हैं लेकिन हमने वेशभूषा के रंग के आधार पर फर्क को हटाने का फैसला किया है। हमारे सामान्य दस्ते और शाकाहारी दस्ते दोनों के ही सदस्य लाल रंग की वेशभूषा में ही रहेंगे।" दरअसल शाकाहारी उत्पादों की आपूर्ति के लिए एक अलग दस्ता बनाने के जोमैटो के फैसले का सोशल मीडिया पर विरोध होने लगा था। लोगों का कहना था कि लाल और हरे रंग के आधार पर आपूर्तिकर्ताओं को आवासीय सोसाइटी के भीतर घुसने देने को लेकर विवाद हो सकता है। इसी के बाद जोमैटो ने इस फैसले में बदलाव किया है।
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खाद्य क्षेत्र में भारत की सबसे बड़ी एफएमसीजी कंपनियों में से एक, अदाणी विल्मर ने एचएसएम (हिंदी भाषी बाजार) में मनाए जाने वाले उत्सव के रंगों और उत्साह को प्रतिबिंबित करने के लिए 'होली के रंग, फॉर्च्यून के संग' नामक एक अभियान शुरू किया है। खाद्य तेल, बेसन, बासमती चावल, आटा, दालें, चीनी और पोहा सहित फॉर्च्यून की प्रीमियम पेशकशों को प्रदर्शित करने के लिए तैयार किए गए ब्रांड ने होली का जश्न मनाने के लिए एक जीवंत और मनोरम 70 सेकंड की डिजिटल फिल्म के साथ अभियान शुरू किया।
ओगिल्वी इंडिया द्वारा परिकल्पित यह फिल्म तरह-तरह के रंगों के जरिए त्योहार की जीवंतता को स्पष्ट रूप से चित्रित करती है और देशभर में जोरदार और उत्साहपूर्ण समारोहों को प्रदर्शित करती है। फिल्म सड़कों से लेकर रसोई तक के रंगीन उत्सवों के सार को दर्शाती है, जहां पारंपरिक होली व्यंजन, जैसे 'गुजिया' और 'खस्ता मठरी' फॉर्च्यून उत्पादों का उपयोग कर तैयार किए जाते हैं। इनमें कच्ची घानी सरसों, सोयाबीन और सूरजमुखी के तेल शामिल हैं। इसका समापन इस संदेश के साथ होता है, "तो आप भी अपने ढंग से होली मनाइए और फॉर्च्यून से त्योहार की रौनक बढ़ाइए! क्योंकि फॉर्च्यून के हर रंग में है कुछ खास #फॉर्च्यूनवालीहोली।"
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एसएएएस उत्पाद आधारित वित्तीय प्रौद्योगिकी सॉफ्टवेयर समाधान उपलब्ध कराने वाली ट्रस्ट फिनटेक लि. ने अपने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के लिए मूल्य दायरा 95-101 रुपये प्रति शेयर तय किया है। कंपनी ने बुधवार को बयान में यह जानकारी दी। कंपनी का आईपीओ 26 मार्च को खुलकर 28 मार्च को बंद होगा। एंकर (बड़े) निवेशक शुक्रवार को शेयरों के लिए बोली लगा सकेंगे।
आईपीओ में बुक बिल्डिंग मार्ग से 10 रुपये अंकित मूल्य के 62.82 लाख नए शेयर जारी किए जाएंगे। कंपनी के शेयर एनएसई के लघु एवं मझोले उपक्रम मंच इमर्ज पर सूचीबद्ध होंगे। मूल्य दायरे के ऊपरी स्तर पर कंपनी 63.45 करोड़ रुपये की राशि जुटा सकेगी। निवेशक न्यूनतम 1,200 शेयर और उसके बाद इसके गुणक में बोली लगा सकेंगे।
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