देश की आर्थिक स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। कई सेक्टर मंदी की मार झेल रहे हैं। ऑटो, रियल एस्टेट के बाद मंदी की मार कताई उद्योग तक पहुंच गई है। यह उद्योग अब तक के सबसे बड़े संकट से गुजर रहा है। देश की करीब एक-तहाई कताई मिलें बंद हो चुकी हैं। थोड़ी बहुत जो चल रही हैं वो भारी घाटे का सामना कर रही हैं। आलम ये है कि अब हजारों लोगों की नौकरियों पर खतरे का बादल मंडराने लगा है।
Published: 20 Aug 2019, 11:48 AM IST
नॉर्दर्न इंडिया टेक्सटाइल मिल्स एसोसिएशन के अनुसार राज्य और केंद्रीय जीएसटी और अन्य करों की वजह से भारतीय यार्न वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा के लायक नहीं रह गया है। अप्रैल से जून की तिमाही में कॉटन यार्न के निर्यात में साल-दर-साल 34.6 फीसदी की गिरावट आई है। जून में तो इसमें 50 फीसदी तक की गिरावट आ चुकी है।
Published: 20 Aug 2019, 11:48 AM IST
बता दें कि भारतीय टेक्सटाइल इंडस्ट्री में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से करीब 10 करोड़ लोगों को रोजगार मिलता है। टेक्सटाइल इंडस्ट्री कृषि के बाद सबसे ज्यादा रोजगार देने वाला सेक्टर है। ऐसे में बड़े पैमाने पर लोगों के बेरोजगार होने की आशंका है।
Published: 20 Aug 2019, 11:48 AM IST
दरअसल इस सेक्टर की सबसे बड़ी समस्या यह है कि इन्हें पैसे नहीं मिलते ऊंची ब्याज दर पर कर्ज लेना पड़ता है। कच्चे माल की भी लागत काफी ऊंची रहती है। वहीं कपड़ों और यार्न के सस्ते आयात से बी यह सेक्टर तबाह हो रहा है। भारतीय मिलों को ऊंचे कच्चे माल की वजह से प्रति किलो 20 से 25 रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसके अलावा श्रीलंका, बांग्लादेश, इंडोनेशिया जैसे देशों के सस्ते कपड़ा आयात की दोहरी मार पड़ रही है।
गौरतलब है कि 2014 लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी ने हर साल करोड़ों नौकरियां देने का वादा किया था। लेकिन सत्ता में आने के बाद बीजेपी सरकार अपने वादे पर अमल करने में पूरी तरह नाकाम रही। इतना ही नहीं नौकरी पिछले कई साल से देश के लोगों की सबसे बड़ी चिंता बनी हुई है। वहीं देश की खराब आर्थिक हालात ने मोदी सरकार के लिए मुश्किलें और बढ़ा दी है।
Published: 20 Aug 2019, 11:48 AM IST
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: 20 Aug 2019, 11:48 AM IST