डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये में शुक्रवार को भी गिरवाट का सिलसिला जारी रहा। रुपया, डॉलर के मुकाबले रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया। एक डॉलर की कीमत 81 रुपये के पार पहुंच गई। शुक्रवार को रुपये में कारोबार 81 के स्तर के पार शुरू हुआ। शुरुआती कारोबार में ही डॉलर के मुकाबले रुपया 39 पैसे टूटकर 81.18 के निम्न स्तर पर पहुंच गया। हालांकि बाद में स्थिति थोड़ी सुधरी और कारोबार के अंत में यह 80.98 रुपये प्रति डॉलर के भाव पर बंद हुआ। बीएसई में लिस्टेड सभी कंपनियों का मार्केट कैप घटकर 276.6 लाख करोड़ रुपये रह जाने से लगभग 5 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
इससे पहले गुरुवार को रुपया 83 पैसे की बड़ी गिरावट के साथ 80.79 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर बंद हुआ था। रुपये में यह 7 महीने की सबसे बड़ी एकदिनी गिरावट थी। रुपया पहली बार 20 जुलाई को डॉलर के मुकाबले फिसलकर 80 के पार 80.05 के स्तर पर बंद हुआ था। इस साल अब तक रुपये में करीब 8.48 फीसदी की गिरावट आई है।
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शेयर बाजार में शुक्रवार को लगातार तीसरे तीन भारी गिरावट दर्ज की गई। बीएसई सेंसेक्स 1,000 अंक से ज्यादा लुढ़ककर बंद हुआ। सेंसेक्स 1,020.80 अंक यानी 1.73 फीसदी की गिरावट के साथ 58,098.92 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 1,137.77 अंक तक गिर गया था। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 302.45 अंक यानी 1.72 फीसदी की गिरावट के साथ 17,327.35 अंक पर बंद हुआ।
सेंसेक्स के शेयरों में पावरग्रिड के शेयर में सबसे ज्यादा 7.93 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। महिंद्रा एंड महिंद्रा, भारतीय स्टेट बैंक, बजाज फिनसर्व, बजाज फाइनेंस, एनटीपीसी, एचडीएफसी और इंडसइंड बैंक के शेयर भी खास तौर से नुकसान में रहे।
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आरबीआई ने महाराष्ट्र के सोलापुर में स्थित द लक्ष्मी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड का लाइसेंस रद्द कर दिया है। इसके बाद अब यह बैंक कारोबार या लेन-देन समेत अन्य वित्तीय कार्य नहीं कर सकेगा। रिपोर्ट के मुताबिक, RBI ने पर्याप्त पूंजी की कमी का हवाला देते हुए गुरुवार को को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द किया। साथ ही केंद्रीय बैंक ने जमाकर्ताओं के खातों में जमा रकम से निकासी के दावों का लेकर भी तस्वीर साफ कर दी है। केंद्रीय बैंक ने इस संबंध में बयान जारी किया है। बयान में कहा गया है कि अब बैंक के जमाकर्ता 5,00,000 रुपये तक का दावा कर सकते हैं।
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केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी) ने फर्जी आईटीसी बिल जारी करने वाली 7 कंपनियों को लेकर खुसासा किया है। यह मामला छत्तीसगढ़ का है, जहां जीएसटी विभाग के अधिकारियों ने 68 करोड़ रुपये से ज्यादा की जीएसटी चोरी करने वाली इन कंपनियों पर बड़ी कार्रवाई की है। यह कंपनियां प्रदेश के साथ अन्य राज्यों के टैक्सपेयर्स को नकली आईटीसी बिल जारी कर रही थीं। रायपुर सीजीएसटी आयुक्तालय ने सात कंपनियों बिजोटिक डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, गोल्डन ट्रेडर्स, एआरएल ट्रेडिंग कंपनी, देवी ट्रेंडिंग कंपनी, बद्री एंटरप्राइजेज, कुमार ट्रेडर्स और सिंह ब्रदर्स के खिलाफ केस दर्ज किया है।
सीजीएसटी ने 68.04 करोड़ रुपये की कर चोरी का खुलासा किया है। केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर के प्रधान आयुक्त अतुल गुप्ता ने बताया कि यह फर्जी कंपनियां किसी सामान की आपर्ति किए बिना ही आईटीसी हासिल कर रही थीं।
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कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने केन्द्रीय कर्मचारियों के प्रमोशन के लिए न्यूनतम सेवा शर्त के नियम में बदलाव के संबंध में अधिसूचना जारी की। लाखों कर्मचारियों का इंतजार जल्द ही खत्म होने वाला है। 28 सितंबर को होने वाली कैबिनेट की बैठक में इसका ऐलान हो सकता है। त्योहारी सीजन की शुरुआत होते ही केंद्रीय कर्मचारियों को खुशखबरी मिल सकती है।
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