टाटा संस द्वारा हाल में अधिग्रहित एयर इंडिया को आखिरकार आधिकारिक तौर पर अपना पूर्णकालिक प्रमुख मिल गया है। टाटा संस के प्रमुख एन. चंद्रशेखरन को ही एयर इंडिया का चेयरमैन नियुक्त किया गया है।
घटनाक्रम से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि सोमवार को टाटा समूह की बोर्ड बैठक में एयर इंडिया के अध्यक्ष पद के लिए चंद्रशेखरन के नाम पर मुहर लगाई गई। टाटा संस द्वारा हाल ही में एयर इंडिया का अधिग्रहण किया गया था, जिसके बाद इसके चेयरमैन की खोज जारी थी। हालांकि अब बोर्ड बैठक में इस शीर्ष पद पर नियुक्ति को मंजूरी दे दी गई है।
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देश में फिर बढ़ी थोक महंगाई, फरवरी में 13.11 फीसदी दर्ज
ईंधन, खाद्य सामग्री, विनिर्मित उत्पादों की ऊंची कीमत के कारण फरवरी में देश की थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर बढ़कर 13.11 प्रतिशत हो गयी। जनवरी में महंगाई दर 12.96 प्रतिशत थी। ईंधन, प्राथमिक वस्तुओं, विनिर्मित उत्पादों के लगातार बढ़ते दाम से महंगाई दर फरवरी में भी दहाई अंकों में रही। दिसंबर 2021 में महंगाई दर 14.27 प्रतिशत रही थी और जनवरी में इसमें हल्की राहत मिली थी।
वार्षिक आधार पर महंगाई दर में तेज बढ़ोतरी हुई है। इससे पहले फरवरी 2021 में महंगाई दर 4.83 प्रतिशत थी। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक फरवरी में ईंधन की कीमतों में सर्वाधिक 31.50 प्रतिशत की तेजी देखी गई। इस दौरान प्राथमिक वस्तुओं के थोक दाम 13.39 प्रतिशत और विनिर्मित उत्पादों के दाम 9.84 प्रतिशत बढ़े। फरवरी 2022 में दाल, अनाज, गेहूं, सब्जी, फल, आलू, अंडा, मांस, मछली और तिलहन के दाम भी चढ़ गए जबकि प्याज की थोक कीमत में गिरावट देखी गयी। खनिज, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस , पेट्रोल, एलपीजी, कपड़ा आदि के दाम भी फरवरी में बढ़ गए।
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देश की 60 फीसदी से अधिक मंझोली कंपनियां गत साल साइबर हमले की शिकार हुई लेकिन इससे भी अधिक हैरानी की बात यह है कि इनमें से अधिकतर कंपनियों को हमले का पता तब चला, जब उनका डाटा या तो ऑनलाइन लीक हो गया, या उन्हें ग्राहकों और मीडिया से इसकी जानकारी मिली।
सोफोस इंडिया एंड सार्क की सोमवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, सर्वेक्षण में शामिल 19 प्रतिशत कंपनियों ने कहा कि उन्हें साइबर हमले के दो सप्ताह के भीतर उसकी जानकारी मिली लेकिन 22 प्रतिशत कंपनियों का कहना है कि उन्हें हमले की जानकारी मिलने में तीन से चार सप्ताह का समय लग गया। कई कंपनियों को बाहरी स्रोतों से खुद पर हुए साइबल हमले का पता चला।
सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार, 50 फीसदी कंपनियों ने कहा कि उन्हें साइबर हमले की जानकारी तब मिली जब वे अपना डाटा या सिस्टम खोल नहीं पाये, 19 फीसदी कंपनियों को साइबर हमलावरों ने खुद ही हमले की जानकारी दी और 40 फीसदी कंपनियां ऐसी थीं, जिन्हें हमले की जानकारी मीडिया के जरिये, ग्राहक के जरिये या ऑनलाइन मिली। साइबर हमले की शिकार हुई 23 फीसदी कंपनियों को उससे उबरने में एक माह से अधिक समय लग गया।
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गहरे आपूर्ति संकट के कारण कच्चे तेल की कीमतों में आयी तूफानी तेजी को रोकने के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन का संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब से बातचीत करने का प्रयास अब तक असफल रहा है। द गार्डियन की रिपोर्ट के अनुसार, जो बाइडेन को अभी सऊदी अरब के शहजादे मोहम्मद बिन सलमान और यूएई के शहजादे शेख मोहम्मद बिन जायेद अल नाह्यान की रजामंदी की सख्त जरूरत है लेकिन दोनों अभी तक बाइडेन से फोन पर बातचीत करने के लिए भी राजी नहीं हुए हैं।
बाइडेन दोनों देशों से बात करके उन्हें अपना कच्चा तेल उत्पादन बढ़ाने के लिए सहमत करना चाहते हैं ताकि रूस के तेल निर्यात पर लगाए गए प्रतिबंध का असर ज्यादा दिनों तक बाजार पर हावी न रहे। इससे पहले वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट में भी कहा गया था कि दोनों देशों के शासक अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन से फोन पर बातचीत के लिए तैयार नहीं हैं।
द गार्डियन की रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त अरब अमीरात ने यह दिखाने के लिये उसका समर्थन अमेरिका के लिये कितना जरूरी है, चंद दिनों पहले यह घोषणा की कि वह उत्पादन बढ़ाने के पक्ष में है। उसकी इस घोषणा के तत्काल बाद अगले दिन कच्चे तेल के दाम 13 फीसदी लुढ़क गये।
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टेक अरबपति एलन मस्क ने कहा है कि उनकी इलेक्ट्रिक कार निर्माण फर्म टेस्ला और रॉकेट कंपनी स्पेसएक्स कच्चे माल के साथ-साथ रसद में महत्वपूर्ण मुद्रास्फीति के दबाव का सामना कर रही है। मस्क ने रविवार को एक ट्वीट में कहा कि टेस्ला और स्पेसएक्स कच्चे माल और रसद में हालिया मुद्रास्फीति दबाव देख रहे हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि उनकी कंपनियां 'अकेली नहीं हैं', क्योंकि यूक्रेन-रूस संघर्ष ने 2008 के बाद से कमोडिटी की कीमतें अपने उच्चतम स्तर पर भेज दी हैं।
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यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के कारण निकल की बढ़ती कीमतों ने मस्क और अन्य वाहन निर्माताओं के जल्द ही सस्ती इलेक्ट्रिक कारों को पेश करने के सपने को झटका दिया है।
रिपोर्टों में कहा गया है कि कच्चे माल की बढ़ती लागत ने मस्क और अन्य वाहन निर्माताओं की अधिक किफायती इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) पेश करने की योजना को बाधित किया है।
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