यूक्रेन पर रूस के हमले के विरोध में कई नामी गिरामी कंपनियों ने रूस से अपना कारोबार समेट लिया है और इन कंपनियों की सूची में अब नया नाम स्टारबक्स, मैकडोनाल्ड और कोका कोला का भी जुड़ गया है। रिपोर्ट के मुताबिक केएफसी और बर्गर किंग ने भी रूस में अपने उत्पाद की बिक्री रोक दी है।
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, मैक डोनाल्ड ने कहा है कि वह रूस में अपने 850 रेस्टोरेंट को अस्थायी रूप से बंद कर रहा है। स्टारबक्स ने भी अपने 100 कॉपी शॉप बंद करने की बात की है। कोका कोला ने भी कहा है कि वह रूस में अपना पूरा कारोबार बंद कर रहा है। कंपनी की कुल राजस्व प्राप्ति में रूस के कारोबार का योगदान महज दो प्रतिशत है। कोका कोला ने रूस के बॉटलिंग और वितरण कारोबार में करीब 20 प्रतिशत हिस्सेदारी ली हुई है। कंपनी ने कहा है कि उसकी संवेदना यूक्रेन में हो रही त्रासदपूर्ण घटना को झेलने वालों के प्रति है।
पेप्सी ने भी कहा है कि वह रूस में पेप्सी और अन्य वैश्विक ब्रांडों के उत्पादन और बिक्री को रोक रहा है और साथ ही अपने पूंजीगत व्यय और विज्ञापनों को भी बंद कर रहा है। स्टारबक्स ने कहा है कि वह रूस में अपने कारोबार को बंद करने की योजना बना रहा है और वह अपने उत्पादों की खेप को रूस आने से रोकेगा। लॉरियल ने भी कहा है कि रूस में अपने सभी स्टोर बंद कर रहा है और साथ ही उनकी ऑनलाइन बिक्री बंद कर रहा है। हेनेकन ने भी रूस में बीयर का उत्पादन और उसकी बिक्री बुधवार से बंद कर दी है।
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रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच विदेशी बाजारों से मिले मिश्रित संकेतों के बीच ऊर्जा, रिएल्टी और वाहन समूहों में हुई भारी लिवाली से घरेलू शेयर बाजार लगातार दूसरे दिन तेज छलांग लगाकर बुधवार को हरे निशान में बंद हुये। बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक 2.29 प्रतिशत यानी 1,223 अंक की भारी बढ़त के साथ 54,647 अंक पर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 2.1 प्रतिशत यानी 332 अंक की तेजी के साथ 16345 अंक पर बंद हुआ।
बीएसई की मंझोली और छोटी कंपनियों में भी निवेशकों ने जमकर पैसा लगाया जिससे बीएसई का मिडकैप 2.37 प्रतिशत और स्मॉलकैप 2.16 प्रतिशत की तेजी में बंद हुआ। बीएसई का कुल 2,657 कंपनियों में तेजी रही जबकि 684 कंपनियों को ही बिकवाली का दबाव झेलना पड़ा। सेंसेक्स की 30 कंपनियों में से 25 कंपनियां हरे निशान में रहीं और पांच कंपनियां लाल निशान में रहीं। एशियन पेंट्स सेंसेक्स की सबसे कमाऊ कंपनी रही। एशियन पेंट्स के अलावा रिलायंस और बजाज फाइनेंस के शेयरों के दाम में भी पांच फीसदी से अधिक का उछाल देखा गया। निफ्टी की 50 में से 40 कंपनियां बढ़त में और शेष 10 गिरावट में रहीं। निफ्टी मी डिया औररिएल्टी में सर्वाधिक तेजी रही।
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रूस के कच्चे तेल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के बाद अमेरिका तेल की कीमतों में आई तेजी को रोकने के मकसद से संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब से बातचीत करने का असफल प्रयास कर रहा है। वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक दोनों देशों के शासक अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन से फोन पर बातचीत के लिए भी तैयार नहीं हो रहे हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति यूक्रेन को लेकर अंतर्राष्ट्रीय समर्थन बनाने की कोशिश करना चाह रहे हैं और साथ ही कच्चे तेल की कीमतों पर लगाम लगाने के लिए दोनों देशों के साथ बातचीत करना चाह रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि सऊदी अरब के शहजादे मोहम्मद बिन सलमान और यूएई के शहजादे शेख मोहम्मद बिन जायेद अल नाह्यान दोनों ने हाल के सप्ताहों में बाइडेन से बात करने के अमेरिका के आग्रह को ठुकरा दिया है।
सऊदी अरब और यूएई के अधिकारी पिछले कुछ दिनों से खाड़ी में अमेरिका की नीति का मुखर विरोध कर रहे हैं। दोनों देशों के शासकों ने एक तरह से अमेरिका को यह संकेत दे दिया है कि जब तक यमन और अन्य जगहों पर अमेरिका उनका समर्थन नहीं करेगा, तो वे भी कच्चे तेल की कीमतों पर लगाम लगाने के लिये कुछ नहीं करेंगे।
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माइक्रोसॉफ्ट ने हाल ही में कहा कि वह 'रूस में माइक्रोसॉफ्ट प्रोडक्टस और सेवाओं की सभी नई बिक्री' को निलंबित कर रहा है। माइक्रोसॉफ्ट के अध्यक्ष ब्रैड स्मिथ ने कहा, "इसके अलावा, हम अमेरिका, यूरोपीय संघ और यूके सरकारों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं और लॉकस्टेप में काम कर रहे हैं और हम सरकारी प्रतिबंधों के निर्णयों के अनुपालन में रूस में अपने व्यापार के कई पहलुओं को रोक रहे हैं।
इसके अलावा, चार बड़ी परामर्श फर्मो (डेलॉइट, केपीएमजी, ईवाई और पीडब्ल्यूसी) ने घोषणा की है कि वे यूक्रेन पर मॉस्को के आक्रमण के खिलाफ रूस और बेलारूस में परिचालन बंद कर रहे हैं। केपीएमजी इंटरनेशनल के एक प्रवक्ता ने कहा कि यूक्रेन पर रूसी सरकार के चल रहे सैन्य हमले का जवाब देने के लिए अन्य वैश्विक व्यवसायों के साथ उनकी जिम्मेदारी है।
इससे पहले, मास्टरकार्ड, वीजा और पेपाल जैसे फिनटेक और डिजिटल भुगतान दिग्गजों ने इस क्षेत्र से बाहर निकलने की योजना की घोषणा की है।
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यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद लगाए गए पश्चिमी प्रतिबंधों के कारण वैश्विक ऊर्जा कीमतों में तेजी आई है और यूरोप में उपभोक्ताओं का विश्वास गिर गया है। सीएनएन ने बताया कि रूस को पश्चिमी वित्तीय बाजारों से अलग किया जा रहा है। अर्थशास्त्रियों को उम्मीद है कि इससे यूरोप की अर्थव्यवस्था को नुकसान होगा। बार्कलेज के विश्लेषकों ने इस वर्ष के लिए अपने यूरोजोन के विकास के अनुमान को 1.7 प्रतिशत अंक घटाकर 2.4 प्रतिशत कर दिया है। पूरे महाद्वीप में निजी खपत, निवेश और निर्यात सभी धीमी गति से बढ़ने की उम्मीद है।
इसी समय, ऊर्जा और अन्य वस्तुओं जैसे गेहूं और धातु की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं। सीएनएन ने बताया कि बार्कलेज ने अपने 2022 यूरोजोन मुद्रास्फीति पूवार्नुमान को 1.9 प्रतिशत अंक बढ़ाकर 5.6 प्रतिशत कर दिया है। दूसरे शब्दों में, युद्ध गतिरोध को भड़का रहा है, जो उच्च मुद्रास्फीति और कमजोर आर्थिक विकास की अवधि का वर्णन करता है। सबसे ताजा उदाहरण 1970 का दशक है, जब ऊर्जा आपूर्ति के झटके ने विकसित अर्थव्यवस्थाओं को प्रभावित किया। सीएनएन ने बताया कि यूरोप अब मुद्रास्फीति के कारण मंदी से भी बदतर स्थिति का सामना कर सकता है। नियंत्रण से बाहर मुद्रास्फीति के साथ मंदी संभावित है।
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