डेल टेक्नोलॉजीज मार्केट स्ट्रेटजी के तहत अपनी सेल्स टीम में कुछ कर्मचारियों की छंटनी करेगी। हालांकि, कंपनी ने इसकी पुष्टि नहीं की है कि ये छंटनी इस साल की शुरुआत में घोषित 6,650 नौकरियों की कटौती का हिस्सा हैं या इसके अतिरिक्त है। डेल ने पुष्टि की है कि वह अपने कोर सेल्स टीमों के बीच नौकरियों में कटौती करेगा, वे नए पार्टनर के नेतृत्व वाले मॉडल को अपनाएंगे, जो चैनल के माध्यम से स्टोरेज प्रोडक्ट्स को बेचने के लिए अपने डायरेक्ट सेल्स फोर्स को अधिक भुगतान करता है। डेल के एक प्रवक्ता के हवाले से कहा गया, "हमारी सेल्स टीम के कुछ कर्मचारी कंपनी छोड़ देंगे। हमने इस फैसले को लेने से पहले काफी सोच-विचार किया है। हम प्रभावित कर्मचारियों का समर्थन करेंगे।"
प्रवक्ता ने कहा, "हम हमेशा प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए अपने बिजनेस का आकलन करते रहते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि हम अपने कस्टमर्स और पार्टनर्स को बेस्ट इनोवेशन, वैल्यू और सर्विस प्रदान करने के लिए तैयार हैं।" फरवरी में, डेल ने 6,500 कर्मचारियों, यानी तत्कालीन 133,000 मजबूत कार्यबल के लगभग 5 प्रतिशत को निकाल दिया था। पार्टनर्स को यह कहते हुए सुना गया कि वे इस छंटनी को डेल पर दोगुना प्रभाव डालने और बिक्री वृद्धि बढ़ाने के अवसर के रूप में देखते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, नौकरी में कटौती का नया राउंड डेल के को-सीओओ चक व्हिटेन के अचानक इस्तीफा देने के दो हफ्ते बाद आया है। अपने वित्तीय वर्ष 2024 की पहली तिमाही के वित्तीय परिणामों में, डेल ने 20 प्रतिशत कम, 20.9 बिलियन डॉलर का राजस्व दर्ज किया और 1.1 बिलियन डॉलर की परिचालन आय उत्पन्न की। व्हिटन ने कहा था, "चैलेंजिंग इकॉनोमिक बैकडॉप में हमने अच्छा प्रदर्शन किया। हमने मूल्य निर्धारण अनुशासन बनाए रखा, ऑपरेटिंग खर्च कम किया और हमारी सप्लाई चेन सामान्य होने के बाद भी प्रतिस्पर्धियों से आगे अच्छा प्रदर्शन करती रही।"
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इंडियन बैंक के शेयरों में आज 8 अगस्त को 13 फीसदी से अधिक की दमदार रैली आई है। यह स्टॉक 13.51 फीसदी की बढ़त के साथ 394 रुपये के भाव पर बंद हुआ है। इंट्राडे में स्टॉक ने आज 409.60 रुपये के अपने 5 साल के हाई को छू लिया। पिछले एक महीने में इस स्टॉक में 27 फीसदी की तेजी आई है। FY24 की पहली तिमाही में इंडियन बैंक ने बेहतर नतीजे दर्ज किए हैं। कंपनी का नेट प्रॉफिट सालाना आधार पर 41 फीसदी बढ़कर 1709 करोड़ रुपये हो गया है।
जून तिमाही में बैंक की नेट इंटरेस्ट इनकम (NII) में 26 फीसदी की सालाना बढ़ोतरी हुई है और यह 5,703 करोड़ रुपये रहा। इसके साथ ही ट्रेजरी लाभ के साथ-साथ क्रेडिट लागत में कमी आई है। यही वजह है कि बैंक को तिमाही के दौरान मजबूत मुनाफा हुआ है। नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NII) एक साल पहले की तिमाही के 3.1 फीसदी से बढ़कर 3.61 फीसदी हो गया। बैंक का एडवांस सालाना आधार पर 13 फीसदी बढ़कर 4.79 ट्रिलियन रुपये हो गया। बैंक ने खास तौर पर रिटेल, एग्रीकल्चर और कॉर्पोरेट सेगमेंट में अच्छी लोन ग्रोथ दर्ज की है।
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वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड ने सोमवार को शेयर बाजारों को सूचित किया कि उसकी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी पेटीएम पेमेंट्स सर्विसेज लिमिटेड (पीपीएसएल) ने एस.आर. बाटलीबोई एंड एसोसिएट्स को इसका ऑडिटर नियुक्त किया है। वैधानिक लेखा परीक्षकों ने कोई चिंता या मुद्दा नहीं उठाया है। दरअसल यह एस.आर. बाटलीबोई एंड एसोसिएट्स को ऑडिटर नियुक्त करने के होल्डिंग कंपनी ओसीएल के फैसले में उसके साथ है। कंपनी की फाइलिंग के अनुसार, पीपीएसएल के निदेशक मंडल ने मेसर्स प्राइस वॉटरहाउस चार्टर्ड अकाउंटेंट्स एलएलपी के इस्तीफे को नोट कर लिया है और उनके योगदान के लिए उसकी सराहना की है। पीडब्ल्यूसी ने कंपनी को लिखे अपने पत्र में कहा, ''हम समझते हैं कि होल्डिंग कंपनी स्तर पर ऑडिटरों में बदलाव हुआ है। नतीजतन, समूह की ऑडिट प्रक्रिया में तालमेल लाने और स्थिरता बनाए रखने के लिए पीपीएसएल के ऑडिटर को एक महत्वपूर्ण सहायक कंपनी होने के नाते होल्डिंग कंपनी के ऑडिटर के साथ संरेखित करने की आपकी समझने योग्य प्रथा को ध्यान में रखते हुए हम पीपीएसएल के वैधानिक लेखा परीक्षक के रूप में अपना इस्तीफा देते हैं। ।
इसके साथ ही एस.आर. बाटलीबोई एंड एसोसिएट्स 7 अगस्त से कंपनी का आधिकारिक ऑडिटर बन गया। इससे पहले मार्च में, शेयर बाजारों को दी गई जानकारी में कंपनी ने कहा था कि वह अपने मौजूदा वैधानिक ऑडिटर पीडब्ल्यूसी के पांच साल के कार्यकाल के पूरा होने के बाद आगामी एजीएम में अनुमोदन के लिए अपने शेयरधारकों को एसआरबी को नए ऑडिटर के रूप में प्रस्तावित करेगी। कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 139 (2) के तहत, एक सूचीबद्ध कंपनी को पांच साल की अवधि पूरी होने के बाद लेखा परीक्षकों को बदलने की सिफारिश करनी होती है।
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बाजार में एक महत्वपूर्ण निकट अवधि का रुझान पिछले आठ कारोबारी सत्रों के दौरान एफआईआई द्वारा 10,437 करोड़ रुपये की निरंतर बिक्री है, जो इसी अवधि में डीआईआई द्वारा 10,860 करोड़ रुपये की निरंतर खरीद से मेल खाती है। यह बात जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार ने कही। उन्होंने कहा, यह समझना महत्वपूर्ण है कि जहां एफआईआई गतिविधि डॉलर इंडेक्स और अमेरिकी बांड पैदावार जैसे बाहरी कारकों से प्रभावित होती है, वहीं डीआईआई गतिविधि मुख्य रूप से जीडीपी वृद्धि और कॉर्पोरेट आय जैसे घरेलू कारकों से निर्धारित होती है।
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