टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री को पद से हटाए जाने के बाद शुरू हुए विवाद में नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने सोमवार को अपना फैसला सुना दिया। एनसीएलटी है टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल के फैसले से साइरस मिस्त्री को बड़ा झटका लगा है। एनसीएलटी ने रतन टाटा संस के पक्ष में फैसला देते हुए मिस्त्री की याचिका को खारिज कर दिया है। सायरस मिस्त्री को कंपनी के चेयरमैन पद से हटाए जाने के बाद शुरू हुआ यह विवाद करीब 18 महीने से चल रहा था, जिस पर अब फैसला आने के बाद यह विवाद खत्म हो गया है।
साइरस मिस्त्री की तरफ से चेयरमैन पद से हटाए जाने के खिलाफ दायर इस याचिका पर फैसला देते हुए एनसीएलटी ने कहा कि साइरस मिस्त्री को कंपनी से जुड़ी संवेदनशील जानकारी लीक करने की वजह से पद से हटाया गया है। साइरस मिस्त्री ने टाटा संस के चैयरमैन पद पर रहते हुए ये जानकारियां आईटी डिपार्टमेंट और मीडिया में लीक की थी। एनसीएलटी ने अपने फैसले में कहा कि टाटा संस का निदेशक मंडल कार्यकारी अध्यक्ष को हटाने में सक्षम है और बोर्ड सदस्य से हटाए गए मिस्त्री अपना भरोसा खो चुके हैं।
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बता दें कि टाटा संस के बोर्ड ने 24 अक्टूबर, 2016 को साइरस मिस्त्री को कंपनी के चेयरमैन पद से तत्काल प्रभाव से हटा दिया था। इसके अलावा बोर्ड ने मिस्त्री को टाटा ग्रुप की अन्य कंपनियों के पद से भी हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। इसके बाद साइरस मिस्त्री ने समूह की 6 कंपनियों के बोर्ड से इस्तीफा देते हुए एनसीएलटी में याचिका दाखिल की थी।
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