कोरोना वायरस का प्रकोप भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए कहर साबित हो रहा है। लॉकडाउन के बाद देश में बेरोजगारी लगातार बढ़ रही है। कोविड-19 संकट के बीच, 23.97 लोगों ने कहा कि लॉकडाउन लागू होने के बाद उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया। आईएएनएस-सीवोटर द्वारा 1,723 लोगों पर किए गए सर्वे से यह जानकारी मिली।
Published: 24 Jul 2020, 8:52 AM IST
कुल 8.15 प्रतिशत लोगों ने कहा कि लॉकडाउन शुरू होने के बाद वे पहले की सैलेरी या आय पर काम कर रहे हैं। वहीं 8.28 प्रतिशत लोगों ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान उन्होंने वेतन में कटौती का सामना किया। वहीं 3.23 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे लॉकडाउन से पहले फुल-टाइम जॉब करते थे और अब पार्ट टाइम जॉब करते हैं।
Published: 24 Jul 2020, 8:52 AM IST
वहीं कम से कम 7.59 प्रतिशत लोगों ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान वे वेतन बिना अवकाश का सामना कर रहे थे या फिर उनका काम रूक गया था और लॉकडाउन के दौरान उनके पास कोई आय नहीं था। इसबीच, 27.72 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे इस दौरान सरकार और उसके नियोक्ता के नियम के अंदर काम कर रहे थे।
Published: 24 Jul 2020, 8:52 AM IST
केवल 2.66 प्रतिशत लोगों ने स्वीकार किया कि वे घर से काम नहीं कर रहे थे, लेकिन लॉकडाउन के दौरान पूरी सैलरी ले रहे थे। हालांकि 2.32 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे घर से काम नहीं कर रहे थे और उन्हें कम सैलरी मिल रही थे।
Published: 24 Jul 2020, 8:52 AM IST
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Published: 24 Jul 2020, 8:52 AM IST