बुधवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए केंद्रीय बजट में ग्रामीण नौकरी गारंटी योजना, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के लिए बजटीय आवंटन में 30 प्रतिशत की कटौती की गई है। इसे घटाकर अब 61,032.65 करोड़ रुपये कर दिया गया है। यह 2022-23 के संशोधित अनुमान 89,154.65 करोड़ रुपये से 30 फीसदी कम है। यह योजना के बजटीय आवंटन में दूसरी सीधी कटौती है। 2022-23 के बजट में भी मनरेगा के बजटीय आवंटन में 98,000 करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान से 25 प्रतिशत की कटौती कर 73,000 करोड़ रुपये कर दिया गया था।
नौकरी गारंटी योजना देश भर के ग्रामीण परिवार को हर वित्तीय वर्ष में 100 दिनों का वेतन आधारित रोजगार प्रदान करती है। मनरेगा को 2005 में संसदीय अधिनियम के माध्यम से पेश किया गया था, और महिलाओं के लिए एक तिहाई ग्रामीण नौकरियों को निर्धारित किया गया था।
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केंद्रीय बजट में नई कर व्यवस्था को आगे बढ़ाने और उच्च मूल्य वाली बीमा पॉलिसियों पर कर लाभ में कटौती के बाद जीवन बीमा शेयरों में भारी बिकवाली हुई। बीएसई पर, एलआईसी 8 प्रतिशत से अधिक नीचे था, एचडीएफसी लाइफ 10 प्रतिशत से अधिक नीचे आया, मैक्स फाइनेंशियल 9 प्रतिशत से अधिक नीचे रहा, एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस 9 प्रतिशत से अधिक नीचे आया, जबकि आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस 10 प्रतिशत से अधिक नीचे आ गया।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि बजट में नई कर व्यवस्था को आगे बढ़ाने के कारण जीवन बीमा कंपनियों में भारी बिकवाली देखने को मिली है, जिससे बीमा उत्पाद कर-बचत के साधन के रूप में कम आकर्षक बन गए हैं।
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2023-24 के केंद्रीय बजट में खाद्य और सार्वजनिक वितरण के लिए बजटीय आवंटन को 30 प्रतिशत घटाकर 2,05,513 करोड़ रुपये कर दिया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बुधवार को पेश बजट के मुताबिक 2023-24 के लिए बजटीय अनुमान 2,05,513 करोड़ रुपये है, जो 2022-23 के संशोधित अनुमान 2,96,303 करोड़ रुपये से 30 फीसदी कम है।
केंद्र ने पहले ही प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को बंद कर दिया है, जिसे कोरोना काल के दौरान मार्च 2020 में शुरू किया था, जिसके तहत सरकार ने 31 दिसंबर, 2022 तक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत पात्रता के अलावा, प्रत्येक राशन कार्ड धारक को अतिरिक्त 5 किलो मुफ्त खाद्यान्न प्रदान किया। इस योजना को 1 जनवरी, 2023 से बंद कर दिया गया था।
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कर रियायतों और छूट के बेहतर लक्ष्य के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने धारा 54 और 54एफ के तहत आवासीय घरों में निवेश पर पूंजीगत लाभ से कटौती को 10 करोड़ रुपये तक सीमित कर दिया। उन्होंने कहा कि इसी तरह के इरादे से एक और प्रस्ताव बहुत अधिक मूल्य वाली बीमा पॉलिसियों की आय से आयकर छूट को सीमित करना है। वाटरफील्ड एडवाइजर्स के बिजनेस एडवाइजरी सर्विसेज के वाइस प्रेसिडेंट विशाल येओले ने कहा कि बजट में धारा 54 और धारा 54एफ के तहत अधिकतम कटौती को 10 करोड़ रुपये तक सीमित करने का प्रस्ताव किया गया है।
येओला ने कहा कि, अब तक, ऐसी कोई सीमा नहीं थी और आम तौर पर, हाई-नेट-वर्थ इंडिविजुअल्स (एचएनआई) और अल्ट्रा हाई-नेट-वर्थ इंडिविजुअल्स (यूएचएनआई) इस अवसर का उपयोग अपनी कैपिटल गेन टैक्स देनदारी को कम करने के लिए करते थे। इन छूट वर्गों का मूल उद्देश्य हमेशा आवास क्षेत्र को प्रोत्साहित करना और आवास की कमी को कम करना रहा है। यह महसूस किया गया था कि छूट अभीष्ट उद्देश्य को प्राप्त नहीं कर रही थी और अब एचएनआई/यूएचएनआई को उत्पन्न होने वाले पूंजीगत लाभ कर पर उपलब्ध आर्ब्रिटेज को काफी हद तक सीमित करने का प्रस्ताव है।
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अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद से भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी को झटका लगाने का दौर जारी है। बुधवार को अडानी की नेटवर्थ में एक बार फिर बड़ी गिरावट आई और वे अरबपतियों की लिस्ट में खिसककर सीधे 15वें नंबर पर पहुंच गए। बता दें कि हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप को लेकर बीते 24 जनवरी को अपनी रिपोर्ट पब्लिश की थी, जिसमें ग्रुप पर कर्ज को लेकर भी दावे किए गए थे। इस रिपोर्ट के आने के बाद से ही अडानी ग्रुप के शेयरों में गिरावट का दौर जारी है। अडानी ग्रुप द्वारा जारी सफाई का भी कोई असर होता नहीं दिख रहा है।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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