अनिल अंबानी ने रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) की वार्षिक आमसभा में कहा, "भारतीय रिजर्व बैंक ने अप्रैल में सभी बैंकों से दूरसंचार पर सचेत रहने को कहा था। अब बैंक कोई कर्ज नहीं दे रहे हैं।"
एक अनुमान के मुताबिक टेलीकॉम सेक्टर करीब 6 लाख करोड़ के बैड लोन यानी चुकाए नहीं गए कर्जों से घिरा हुआ है। इसके अलावा भी बैंकों पर 8 से 10 लाख करोड़ तक के एनपीए का बोझ है।
अनिल अंबानी ने कहा कि, "टेलीकॉम सेक्टर ने स्वर्गीय धीरूभाई अंबानी के विजन और नजरिए के अनुसार देश को बदलने का काम किया है। इस सेक्टर ने देश के एक अरब लोगों को मोबाइल सुविधा प्रदान की है, जिसमें एक मात्र विजेता उपभोक्ता हैं।"
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अंबानी ने हालांकि कहा कि आज प्रतिस्पर्धा के तौर-तरीकों में बहुत गिरावट आई है, जिस कारण कुछ विदेशी ऑपरेटरों ने देश छोड़ दिया है। अनिल ने कहा, "पिछले वर्ष के दौरान एक के बाद एक ऑपरेटर को घटती कीमतों का सामना करना पड़ा और उन्हें भारी नुकसान हुआ। उन्होंने इसे एक सेक्टर का सृजनात्मक विनाश कहता हूं।" उन्होंने कहा कि दूरसंचार क्षेत्र को खर्च के लिए और सर्विस की क्वालिटी बनाए रखने के लिए साल में कम से कम एक लाख करोड़ करोड़ रुपये की जरूरत है।
अनिल अंबानी ने कहा, "दूसरंचार क्षेत्र एकाधिकार, अल्पाधिकार की ओर बढ़ रहा है। क्या उपभोक्ता यही चाहते हैं? जहां तक आरकॉम का सवाल है, हमारे पास एक परिवर्तन कार्यक्रम है और वह चल रहा है।"
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