भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य के अचानक पद छोड़ने से मोदी सरकार के आंतरिक कामकाज के तरीके पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं। विरल आचार्य ने कार्यकाल पूरा होने के करीब छह महीने पहले अपना पद छोड़ा है। मोदी सरकार में आरबीआई को यह 7 महीने के भीतर दूसरा बड़ा झटका लगा है। इससे पहले उर्जित पटेल ने भी समय से पहले आरबीआई के गवर्नर का पद छोड़ दिया था। विरल आचार्य ने 23 जनवरी 2017 को डिप्टी गवर्नर का पदभार संभाला था और उनका कार्यकाल तीन साल के लिए था।
Published: 24 Jun 2019, 3:40 PM IST
विरल आचार्य पहले बड़े अधिकारी नहीं हैं, जिन्होंने मोदी सरकार में इस्तीफा दिया है। पिछले पांच साल के दौरान मोदी सरकार में अहम पदों पर रहे सात बड़े अधिकारियों ने समय से पहले अचानक अपना पद छोड़ा है। इनमें से कुछ ने पद छोड़ने के पीछे निजी कारण बताए, तो वहीं कुछ अधिकारियों की सरकार से टकराव की खबरें भी आम हुईं। आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ अधिकारियों के नाम, जिन्होंने मोदी सरकार में समय से पहले अपना पद छोड़ा है।
सांख्यिकी आयोग के सदस्यों ने टकराव के बाद छोड़ा पद
इसी साल जनवरी में राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग (एनएससी) के दो स्वतंत्र सदस्यों पीसी मोहनन और जेवी मीनाक्षी ने इस्तीफा दिया। दोनों सदस्यों के इस्तीफे के पीछे लेबर फोर्स सर्वे के आंकड़ों को जारी करने को लेकर सरकार से टकराव को कारण बताया गया।
Published: 24 Jun 2019, 3:40 PM IST
उर्जित पटेल
आरबीआई गवर्नर पद पर रहे उर्जित पटेल ने दिसंबर 2018 में अपने पद से अचानक इस्तीफा दे दिया था। उनका कार्यकाल सितंबर 2019 में खत्म होने वाला था। हालांकि उर्जित पटेल ने इस्तीफे की वजह निजी कारणों को बताया, लेकिन चर्चा थी कि पटेल को आरबीआई कोष और इसकी स्वायत्तता को लेकर सरकार से जारी गतिरोध की वजह से इस्तीफा देना पड़ा। अर्थशास्त्री पटेल ने नोटबंदी से दो महीने पहले सितंबर 2016 में को आरबीआई के गवर्नर का पदभार संभाला था।
अरविंद सुब्रमण्यन
मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार रहे अरविंद सुब्रमण्यन ने जून 2018 में समय से पहले अपना पद छोड़ा दिया था। उनके पद छोड़ने से पहले ही तत्कालीन केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने फेसबुक पर पोस्ट लिखकर दावा किया था कि सुब्रमण्यन ने पारिवारिक कारणों की वजह से अमेरिका लौटने का निर्णय लिया है।
Published: 24 Jun 2019, 3:40 PM IST
सुरजीत भल्ला
मोदी सरकार में प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद के पार्ट-टाइम सदस्य रहे जाने माने अर्थशास्त्री सुरजीत भल्ला ने पिछले साल दिसंबर में अपने पद से इस्तीफा दिया था। उन्होंने ट्विटर के जरिये पद छोड़ने की जानकारी दी थी।
अरविंद पनगढ़िया
मोदी सरकार में अस्तित्व में आई नीति आयोग के पहले उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने जून 2017 में समय से पहले पद से इस्तीफा दिया था। पनगढ़िया को जनवरी 2015 में नीति आयोग का पहला उपाध्यक्ष बनाया गया था। भारतीय-अमरीकी अर्थशास्त्री पनगढ़िया ने इस्तीफे के पीछे कोलंबिया यूनिवर्सिटी की नौकरी को वजह बताते हुए कहा था कि कोलंबिया यूनिवर्सिटी उन्हें और एक्सटेंशन नहीं दे रहा।
Published: 24 Jun 2019, 3:40 PM IST
विजयलक्ष्मी जोशी
2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद काफी शोरशराबे के साथ शुरू किए गए स्वच्छ भारत अभियान का जब 2015 में एक साल पूरा होने को था, तभी अचानक से अभियान की प्रमुख रहीं आईएएस अधिकारी विजय लक्ष्मी जोशी ने पद से इस्तीफा दे दिया। इतना ही नहीं 1980 बैच की गुजरात कैडर की अधिकारी जोशी ने बाद में सेवा पूरी होने के तीन साल पहले ही स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति भी ले ली। हालांकि, उन्होंने इस्तीफे के पीछे निजी कारणों को वजह बताया था, लेकिन सूत्रों के अनुसार जोशी स्वच्छता अभियान में बिना किसी विमर्श और चर्चा के तय किए जा रहे लक्ष्यों और उससे मिशन को लेकर स्पष्टता न होने से नाराज बताई जा रही थीं।
Published: 24 Jun 2019, 3:40 PM IST
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: 24 Jun 2019, 3:40 PM IST