सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के आदेश को दरकिनार करते हुए तमिलनाडू के तूतीकोरिन में वेदांता समूह के स्टरलाइट प्लांट को फिर से शुरू किये जाने वाली याचिका को ख़ारिज कर कर दिया है। हालांकि कोर्ट ने वेदांता समूह की इस याचिका को मद्रास हाई कोर्ट में लेकर जाने की स्वतंत्रता दे दी है। इस मामले की सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति आर एफ नरिमन ने कहा कि एनजीटी के पास इस प्लांट को फिर से शुरू कराने का कोई अधिकार नहीं है।
गौरतलब है कि मई 2018 में तमिलनाडू के तूतीकोरिन में वेदांता समूह के स्टरलाइट कॉपर प्लांट को बंद कराने के लिए वहां के स्थानीय लोगों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया था इस दौरान पुलिस फायरिंग में एक दर्जन लोगों की मौत हो गई थी और तकरीबन 3 दर्जन से ज्यादा लोग घायल हुए थे। दरअसल, कॉपर फैक्ट्री से हो रहे प्रदूषण के कारण तूतीकोरिन का ग्राउंड वॉटर भी प्रदूषित हो रहा था। साथ ही यहां पीने के पानी की समस्या भी बढ़ चुकी थी।
2018 में तमिलनाडू सरकार ने तर्क देते हुए कहा था कि मार्च 2013 में गैस लीक का मामला सामने आने के बाद उस वक़्त मुख्यमंत्री जे जयललिता ने प्लांट को बंद करने का आदेश दिया था लेकिन कंपनी एनजीटी के पास चली गई. वहां से सरकार का आदेश निरस्त हुआ तो सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया है।
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