पिछले 24 घंटे में बिहार में बाढ़ की वजह से 42 लोगों की मौत हो गई, जिससे राज्य में इस वर्ष बाढ़ से हो रही मौतों का आंकड़ा बढ़कर 482 पहुंच गया है। राज्य के 19 जिलों के लगभग 1 करोड़ 70 लाख लोग बाढ़ की चपेट में है। राज्य का अररिया जिला बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। जिले में इस विभीषिका से अब तक 95 लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य के सीतामढ़ी, पूर्णिया, कटिहार, पश्चिमी चंपारण और पूर्वी चंपारण में भी बड़ी संख्या में लोगों की जानें गई हैं। इनके अलावा दरभंगा, मधुबनी, मधेपुरा, किशनगंज, गोपालगंज, सुपौल, सारण, मुजफ्फरपुर, सहरसा और खगड़िया में भी जान-माल का नुकसान हुआ है।
बाढ़ से हुई तबाही का जायजा लेने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शनिवार को बिहार दौरे पर गए थे। राज्य के पूर्णिया, अररिया, किशनगंज और कटिहार जिले का हवाई सर्वेक्षण करने के बाद पीएम मोदी और राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूर्णिया हवाई अड्डे पर ही अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक कर राहत और बचाव कार्यों की जानकारी ली। बैठक के बाद मोदी ने बाढ़ राहत के लिए राज्य को 500 करोड़ रुपये की मदद देने का ऐलान किया। हालांकि, बाढ़ की विभीषिका और उससे हुई तबाही को देखते हुए कई लोग केंद्र की इस मदद को नाकाफी बता रहे हैं।
राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 222 राहत शिविर बनाए गए हैं, जिनमें बाढ़ से विस्थापित हुए डेढ़ लाख से ज्यादा लोग मौजूद हैं।
आपदा प्रबंधन विभाग प्रभावित इलाकों में बचाव और राहत अभियान चला रहा है। लेकिन अभी भी कई जिलों के इलाके ऐसे हैं जहा राहत टीम नहीं पहुंच पाई हैं। इन इलाकों में लोगों के घर पूरी तरह से तबाह हो गए हैं। सड़कों के टूट जाने की वजह से प्रभावित क्षेत्रों में आवागमन पूरी तरह से ठप्प है।
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined