भारत में वर्षों से आयोजित हो रही मिस इंडिया, मिस्टर इंडिया, मिसेज इंडिया जैसी अनगिनत सौंदर्य प्रतियोगिताओं की फेहरिस्त में मिस ट्रांसक्वीन इंडिया का नाम भी जुड़ गया है। ट्रांसजेंडर महिलाओं की भागीदारी वाली इस सौंदर्य प्रतियोगिता का आयोजन दिल्ली के पास गुड़गांव में हुआ।
कोलकाता की रहने वाली 26 साल का नितिशा बिस्वास पहली मिस ट्रांसक्वीन बनीं। मणिपुर की 23 साल की लोईलोई पहली रनरअप और चेन्नै की 24 साल की रागाया दूसरी रनरअप रहीं। मिस ट्रांस सेक्सुअल ऑस्ट्रेलिया इंटरनेशनल लेटिसिया फिलिसिया रवीना ने विजेताओं को ताज पहनाया। प्रतियोगिता की विजेता नितिशा बिस्वास को थाईलैंड में होने वाले मिस इंटरनेशनल ट्रांस्कवीन में भारत का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिलेगा। मिस ट्रांसक्वीन इंडिया प्रतियोगिता में देश के अलग-अलग जगहों से उम्मीदवार हिस्सा लेने पहुंचे थे। इस प्रतियोगिता में 1500 से अधिक ट्रांसजेंडर्स ने हिस्सा लिया था। प्रतियोगिता के तीन राउंड्स के बाद 8 बेहतरीन उम्मीदवारों को चुना गया था।
इस अवसर पर शो के निर्देशक शाइन सोनी ने कहा कि यह प्रगतिशील भारत की दिशा में एक आगे बढ़ा हुआ कदम है। सौंदर्य विशेषज्ञ अवलीन खोखर ने कहा कि इस तरह की प्रतियोगिता से तीसरे लिंग को सशक्त बनाया जा सकता है। यह एक सच्चाई है कि भारत में ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों को अक्सर भेदभाव का सामना करना पड़ता है और इस वजह से वे शिक्षा और नौकरियों के मौकों से वंचित रह जाते है। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या इस तरह की प्रतियोगिताएं उन्हें मुख्यधारा का हिस्सा बनाने में मदद करेंगी और क्या उन्हें वह नागरिक गरिमा मिल पाएगी जिसकी वे हकदार हैं?
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