कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा पर लगे नाबालिग लड़की के यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच कर रहे अपराध अन्वेषण विभाग (सीआईडी) ने आरोपपत्र में कहा है कि बीजेपी नेता और तीन अन्य आरोपियों ने कथित पीड़िता और उसकी मां को चुप रहने के लिए पैसे दिए थे।
येदियुरप्पा (81) पर यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की धारा 8 (यौन उत्पीड़न के लिए सजा) और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354ए (यौन उत्पीड़न), 204 (साक्ष्य के रूप में दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को नष्ट करने) तथा 214 (अपराधी की जांच के बदले में उपहार की पेशकश) के तहत आरोप लगाए गए हैं।
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बेंगलुरू में गुरुवार को पॉक्सो मामलों के लिए 'फास्ट ट्रैक कोर्ट-एक' में दाखिल आरोपपत्र में येदियुरप्पा के सहयोगियों और तीन अन्य सह-आरोपियों अरुण वाई एम, रुद्रेश एम और जी मारिस्वामी पर आईपीसी की धारा 204 और 214 के तहत आरोप लगाए गए हैं। आरोपपत्र के अनुसार, इस वर्ष 2 फरवरी को पूर्वाह्न करीब सवा 11 बजे 17 वर्षीय कथित पीड़िता अपनी 54 वर्षीय मां (शिकायतकर्ता) के साथ डॉलर्स कॉलोनी स्थित येदियुरप्पा के आवास पर पिछले मामले और अन्य मुद्दों में न्याय दिलाने की गुहार लगाने गई थी।
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नाबालिग लड़की पहले भी यौन उत्पीड़न का शिकार हो चुकी है। आरोपपत्र के मुताबिक, येदियुरप्पा ने नाबालिग लड़की की मां से बात करते हुए अपने बायें हाथ से पीड़िता की दायें हाथ की कलाई पकड़ी हुई थी। आरोपपत्र में बताया गया कि इसके बाद येदियुरप्पा ने नाबालिग लड़की को हॉल के बगल में एक बैठक कक्ष में बुलाया और दरवाजा बंद कर दिया। फिर उन्होंने पीड़िता से पूछा कि क्या उसे उस व्यक्ति का चेहरा याद है, जिसने पूर्व में उसका यौन शोषण किया था, जिस पर पीड़िता ने दो बार जवाब दिया कि उसे याद है।
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सीआईडी ने आरोप लगाया कि इसके बाद येदियुरप्पा ने पीड़िता से पूछा कि उस वक्त उसकी क्या उम्र थी, जिस पर लड़की ने जवाब दिया साढ़े छह वर्ष। आरोपपत्र के मुताबिक, इसी वक्त येदियुरप्पा ने लड़की से यौन उत्पीड़न का कथित प्रयास किया। आरोपपत्र के मुताबिक, डरी-सहमी पीड़िता ने येदियुरप्पा का हाथ झटका, दूर हटी और उनसे दरवाजा खोलने को कहा। येदियुरप्पा ने तब दरवाजा खोल दिया और जब पीड़िता बाहर निकल रही थी तो उन्होंने अपने जेब से कुछ पैसे निकालकर पीड़िता के हाथ में थमा दिये।
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आरोपपत्र में बताया गया कि बाहर आकर येदियुरप्पा ने पीड़िता की मां से कहा कि वह इस मामले में उनकी मदद नहीं कर सकते और उन्होंने अपनी जेब से कुछ पैसे निकालकर उन्हें जाने के लिए कह दिया। पीड़िता की मां ने 20 फरवरी को अपने फेसबुक खाते पर घटना से संबंधित एक वीडियो पोस्ट किया, जिसके बाद येदियुरप्पा के कहने पर अन्य आरोपियों अरुण, रुद्रेश और मारिस्वामी पीड़िता के घर जाकर मां-बेटी दोनों को बीजेपी नेता के आवास पर ले आए।
आरोपपत्र के अनुसार, अरुण ने यह सुनिश्चित किया कि पीड़िता की मां अपने फेसबुक खाते और अपने आईफोन की गैलरी से वीडियो को डिलीट करे। येदियुरप्पा के निर्देश पर रुद्रेश ने कथित पीड़िता को दो लाख रुपये नकद दिए। बेंगलुरु की एक अदालत ने इस वर्ष 14 मार्च को येदियुरप्पा के खिलाफ दर्ज मुकदमे में 13 जून को उनके खिलाफ गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।
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