अपराध

उत्तर प्रदेश: अपहरण के बाद हत्या से फिर दहला कानपुर, मांगी गई थी 20 लाख रुपये की फिरौती

बृजेश पाल का 15-16 जुलाई की रात अपहरण हो गया और अगले दिन बृजेश के ही मोबाइल नंबर से घर पर फिरौती का फोन आया और पांच दिन का समय दिया गया। इसके बाद जब मामला संज्ञान में आया तो पुलिस पूरे मामले की खोजबीन में जुट गई।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया (बृजेश पाल के परिजन)

उत्तर प्रदेश में अपहरण के बाद हत्या की वारदात रुक नहीं रही है। कानपुर और गोरखपुर के बाद अब कानपुर देहात में अपहरण करने के बाद हत्या का एक मामला मंगलवार को सामने आया है। पुलिस अधीक्षक अनुराग वत्स ने बताया कि उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात निवासी बृजेश पाल हाइवे किनारे नेशनल धर्मकांटे पर काम करता थे। 15-16 जुलाई की रात उनका अपहरण हो गया और अगले दिन बृजेश पाल के ही मोबाइल नंबर से घर पर फिरौती का फोन आया और पांच दिन का समय दिया गया। इसके बाद जब मामला संज्ञान में आया तो पुलिस पूरे मामले की खोजबीन में जुट गई। एसपी का दावा है कि मैनेजर के दोस्त ने नींद की गोलियां डालकर कोल्ड ड्रिंक पिलाई थी। इसके बाद कार में ही रस्सी से गलाघोंट कर हत्या कर दी थी और परिजनों से रकम वसूलना चाहता था।

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घटना के खुलासे में 12 टीमें लगाई गई थीं। टीमों ने बृजेश के दोस्त कन्हाखेड़ा देवराहट निवासी सुबोध सचान को हिरासत में लिया। उससे पूछताछ करने पर घटना का खुलासा हो गया। उसने कोल्ड ड्रिंक में नींद की गोलियां मिलाकर पिलाने के बाद गला घोंट कर हत्या करने की बात कबूल की।

उन्होंने बताया कि पूरे घटनाक्रम को अंजाम सिर्फ सुबोध ने ही दिया है। उसने कुंए में शव फेंकने के बाद रुपये मांगे थे। सुबोध के पास दो ट्रक हैं, उन पर लोन है। उसे रुपयों की जरूरत थी। इसके चलते उसने दोस्त की ही हत्या करके उसके परिजनों से रकम वसूलने की घिनौनी योजना बनाई थी।

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बृजेश पाल कानपुर-झांसी राजमार्ग पर स्थित नेशनल धर्मकांटा में मैनेजर थे। 16 जुलाई की रात वह धर्मकांटा से संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गए थे। सुबह चचेरे भाई सर्वेश ने उसके नंबर पर फोन किया तो उसे पांच दिन का समय देकर 20 लाख रुपये की फिरौती का इंतजाम करने के लिए कहा गया। इसके बाद से उसका फोन लगातार बंद था। एसपी अनुराग वत्स ने खुद घटनास्थल देखने के बाद एएसपी की अगुवाई में सर्विलांस सहित 11 टीमें बृजेश की खोज में लगाई थीं।

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