उत्तर प्रदेश में अपराध थमने का नाम नहीं ले रहा है। राज्या में अपरण के बाद हत्या आम हो चली है। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में 25 जुलाई को गायब हुए वकील धर्मेंद्र चौधरी का शव आधी जली हालत में गोदाम में मिला। शव मिलने के बाद हड़कंप मच गया है। परिजन सवाल पूछ रहे हैं कि आखिर पुलिस इस हत्या को क्यों नहीं रोक पाई। उधर, पुलिस इस मामले में खुद का बचाव करती दिख रही है। बुलंदशहर के एसएसपी ने बताया, "25 जुलाई की रात को धर्मेंद्र अपने दोस्त विक्की के यहां खाना खाने गए थे। विक्की ने धर्मेंद्र से ब्याज पर पैसे लिए थे और उनका 70-80 लाख का लेनदेन था।"
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बुलंदशहर में वकील की हत्या पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने योगी सरकार को घेरा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “उत्तर प्रदेश में जंगलराज फैलता जा रहा है। क्राइम और कोरोना कंट्रोल से बाहर है। बुलंदशहर में श्री धर्मेन्द्र चौधरी जी का 8 दिन पहले अपहरण हुआ था। कल उनकी लाश मिली। कानपुर, गोरखपुर, बुलंदशहर। हर घटना में कानून व्यवस्था की सुस्ती है और जंगलराज के लक्षण हैं। पता नहीं सरकार कब तक सोएगी?”
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इससे पहले 28 जुलाई को कानपुर देहात में अपहरण करने के बाद हत्या का एक मामला सामने आया था। पुलिस अधीक्षक अनुराग वत्स ने बताया था कि कानपुर देहात निवासी बृजेश पाल हाइवे किनारे नेशनल धर्मकांटे पर काम करता थे। 15-16 जुलाई की रात उनका अपहरण हो गया और अगले दिन बृजेश पाल के ही मोबाइल नंबर से घर पर फिरौती का फोन आया और पांच दिन का समय दिया गया। इसके बाद जब मामला संज्ञान में आया तो पुलिस पूरे मामले की खोजबीन में जुट गई। एसपी का दावा है कि मैनेजर के दोस्त ने नींद की गोलियां डालकर कोल्ड ड्रिंक पिलाई थी। इसके बाद कार में ही रस्सी से गलाघोंट कर हत्या कर दी थी और परिजनों से रकम वसूलना चाहता था।
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