उत्तर प्रदेश के सोनभद्र की एक एमपी-एमएलए अदालत ने शुक्रवार को दुद्धी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक रामदुलार गोंड को एक नाबालिग लड़की से नौ साल पहले बलात्कार करने के मामले में 25 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई। इस फैसले के बाद उनकी विधायकी चली जाएगी।
एमपी/एमएलए अदालत के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे) एहसान उल्लाह खान ने अभियुक्त पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया, जो पीड़िता के पुनर्वास के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।
Published: undefined
नवंबर 2014 में म्योरपुर थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था और आठ सालों की लंबी सुनवाई के बाद फैसला आया है। विशेष लोक अभियोजक (पॉक्सो) सत्य प्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि अदालत ने 12 दिसंबर को विधायक को दोषी करार दिया था और सजा सुनाने के लिए 15 दिसंबर की तारीख तय की थी। यह घटना 4 नवंबर 2014 की है, जिसमें भारतीय दंड संहिता की धाराओं 376 (दुष्कर्म), 506 (आपराधिक धमकी के लिए सजा) और बाल यौन अपराध संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो) के प्रावधानों के तहत विधायक पर मुकदमा दर्ज हुआ था।
Published: undefined
घटना के समय विधायक की पत्नी ग्राम प्रधान थीं। पीड़िता के भाई की तहरीर पर म्योरपुर थाना की पुलिस ने रामदुलार गोंड पर मामला दर्ज किया था। गोंड उस समय विधायक नहीं थे और मामले की सुनवाई पॉक्सो अदालत में चल रही थी।
गोंड के विधायक निर्वाचित होने के बाद मामले की सुनवाई सांसद/विधायक (एमपी/एमएलए) अदालत में स्थानांतरित कर दी गई। खचाखच भरी अदालत में जब विधायक गोंड को सजा सुनाई गई तो उनकी गर्दन झुकी हुई थी और वह उदास थे।
Published: undefined
दूसरी तरफ पीड़िता के भाई ने अदालत के निर्णय पर संतोष जताते हुए कहा कि लंबे संघर्ष के बाद अंततः उन्हें न्याय मिला।
ज्ञात हो कि जनप्रतिनिधित्व कानून के मुताबिक कोई भी जनप्रतिनिधि को दो या उससे अधिक साल की कैद होने पर ‘दोषसिद्धि’ की तिथि से सदन की सदस्यता के लिए अयोग्य माना जाएगा। इतना ही नहीं, सजा पूरी होने के बाद अगले छह साल के लिए वह सदन की सदस्यता के लिए पात्र नहीं होगा।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined