भारतीय जनाता पार्टी (बीजेपी) के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को 2017 के उन्नाव दुष्कर्म मामले में शुक्रवार को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है। इसके साथ ही सेंगर पर कोर्ट ने जुर्माना भी लगाया है। दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने कुलदीप सेंगर को दोषी माना और सजा का ऐलान करते हुए सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई। इसके साथ ही सेंगर पर 25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। इसमें से 10 लाख रुपये पीड़िता को दिए जाएंगे और 15 लाख रुपये अभियोजन को मिलेंगे। इसके साथ ही कोर्ट ने सीबीआई को पीड़िता और उसके परिवार को आवश्यक सुरक्षा प्रदान करने का आदेश दिया।
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पीड़िता और उसके परिवार को पहले ही एक साल के लिए घर मुहैया कराया गया है। अदालत ने कहा, "हम सीबीआई को हर खतरे के उपायों का आकलन करने और उसे रोकने के लिए हर संभव प्रयास करने के लिए कह रहे हैं।"
कोर्ट ने सेंगर को अपहरण और रेप का दोषी पाया। सजा पर बहस के दौरान सीबीआई ने कोर्ट से अधिकतम सजा की मांग की थी। बता दें कि 16 दिसंबर को दिल्ली की तीस हजारी अदालत ने सेंगर को धारा 376 और पॉक्सो के सेक्शन 6 के तहत दोषी ठहराया था। जबकि 17 दिसंबर को सजा पर बहस की गई थी।
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2017 में नाबालिग का किया था रेप
कुलदीप सिंह सेंगर से मिलने के लिए उसके घर के करीब रहने वाली एक 17 वर्षीय किशोरी एक महिला के साथ 4 जून 2017 को नौकरी मांगने के लिए पहुंची थी। जो महिला किशोरी को लेकर वहां गई थी उसका नाम शशि सिंह था। सेंगर ने 2017 में एक युवती का अपहरण करने के बाद उससे बलात्कार किया था। अदालत ने नौ अगस्त को विधायक और सिंह के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र, अपहरण, बलात्कार और पॉक्सो कानून से संबंधित धाराओं के तहत आरोप तय किए थे।
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थाने में पिता की मौत
इस मामले में पहले तो विधायक सेंगर के भाई अतुल ने पीड़िता के पिता को बेरहमी से पीटा, फिर उसे साजिश के तहत झूठे मामलों में फंसा कर पुलिस थाने भिजवा दिया। जहां उनकी हत्या कर दी गई। इस मामले में काफी वक्त बाद में अतुल को गिरफ्तार किया गया। जब विधायक सेंगर जेल चला गया, तब भी वो अपनी हरकतों से बाज नहीं आया। वो जेल में रहकर भी पीड़िता और उसके परिवार के खिलाफ साजिश रचता रहा।
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28 जुलाई को हुआ था पीड़िता का ऐक्सिडेंट
इस बीच पीड़ित युवती को कथित तौर पर मारने की भी कोशिश की गई। उनकी कार को 28 जुलाई में एक ट्रक ने टक्कर मार दी थी, जिसमें वह गंभीर रूप से जख्मी हो गई थी। दुर्घटना में युवती की 2 रिश्तेदार मारी गईं और उनके परिवार ने इसमें षड्यंत्र होने के आरोप लगाए थे। सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव बलात्कार मामले में दर्ज सभी पांच मामलों को एक अगस्त को उत्तर प्रदेश में लखनऊ की अदालत से दिल्ली की अदालत में स्थानांतरित किया था। सर्वोच्च अदालत ने निर्देश दिया था कि रोजाना आधार पर सुनवाई की जाए।
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