उत्तर प्रदेश की पुलिस एक बार फिर गंभीर आरोपों के घेरे में है। इस बार खाकी पर दाग उन्नाव जिले में लगा है। दरअसल जिले के सदर कोतवाली इलाके में रेलवे क्रासिंग के पास गुरुवार शाम एक पत्रकार सूरज पांडेय का शव बरामद हुआ, जिससे इलाके में हड़कंप मच गया है। मामले में परिवार ने एक महिला दरोगा और सिपाही पर धमकाने और हत्या का आरोप लगाया है।
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मामले में पत्रकार सूरज पांडेय की मां लक्ष्मी देवी ने महिला दरोगा सुनीता चौरसिया, सिपाही अमर सिंह सहित कुछ अन्य लोगों पर सूरज को धमकाने, हत्या का षड्यंत्र रचने और आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का आरोप लगाया है। जिसके बाद सदर कोतवाली में उनकी तहरीर पर पुलिस ने महिला दरोगा और सिपाही सहित अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है।
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इस मामले में उन्नाव सीओ सिटी गौरव त्रिपाठी ने बताया कि पत्रकार का शव गुरुवार शाम रहस्यमय परिस्थितियों में सदर कोतवाली के पास रेल की पटरियों पर मिला था। बाद में देर रात शव का पोस्टमार्टम किया गया। उन्होंने कहा कि महिला सब-इंस्पेक्टर और कांस्टेबल के खिलाफ केस दर्ज किया गया है और मामले में जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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माना जा रहा है कि पत्रकार सूरज पांडे ने खुदकुशी की है। सूरज पांडे का शव सदर कोतवाली क्षेत्र में शराब मिल के पीछे रेलवे ट्रैक पर क्षत-विक्षत हालत में मिला था। पिता के अनुसार महिला दरोगा की सूरज से मित्रता थी। उन्होंने सिपाही की मदद से सूरज की हत्या कराने का महिला दरोगा पर आरोप लगाया है। पुलिस ने सूरज के मोबाइल की कॉल डिटेल के आधार पर जांच शुरू कर दी है।
फिलहाल पत्रकार की संदिग्ध मौत की जांच पुलिस कर रही है, लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि जब मामले में खुद पुलिस विभाग के कर्मी ही आरोपी हैं तो ऐसे में क्या निष्पक्ष जांच सम्भव है?
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