कर्नाटक के बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे में एक मार्च को हुए विस्फोट के मामले की संयुक्त जांच कर रहे राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और केंद्रीय अपराध शाखा (सीसीबी) ने बेल्लारी जिले के कौल बाजार से एक कपड़ा व्यापारी और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के एक कार्यकर्ता को हिरासत में लिया है।
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सूत्रों ने शुक्रवार को जानकारी देते हुए बताया कि जांच दल को संदेह है कि हिरासत में लिए गए दोनों आरोपियों में से एक प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) का सक्रिय सदस्य और साजिश का हिस्सा है। जांच दल का मानना है कि उसकी (पीएफआई कार्यकर्ता) कुछ आतंकी संगठनों से नजदीकियां भी थीं। माना जा रहा है कि पीएफआई कार्यकर्ता ने ही बम लगाने वाले व्यक्ति सहित कई लोगों को 'बरगलाया' था।
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पुलिस ने बताया कि एक मार्च को एक व्यक्ति कैफे में आया और एक बैग को वहां रख दिया, जिसमें एक संवर्धित विस्फोटक उपकरण (आईईडी) लगा हुआ था। पुलिस के मुताबिक, आईईडी में एक घंटे का टाइमर सेट था और एक घंटे बाद हुए विस्फोट में 10 लोग घायल हुए थे। एनआईए ने संदिग्ध का पता लगाने में मदद करने वाले को 10 लाख रुपये देने की पेशकश की है, जिसकी तस्वीरें सीसीटीवी में दर्ज हो गई हैं।
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सूत्रों ने बताया कि इस बीच जांच दल को यह पता चला कि जिस व्यक्ति ने एक मार्च को रामेश्वरम कैफे में बम रखा था, उसने बेंगलुरु से तुमकुरु, बेल्लारी, बीदर और फिर भटकल की यात्रा की थी। शहर की बसों और बस स्टैंड पर लगे कैमरों में दर्ज सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि आरोपी अपनी पहचान छिपाने और जांचकर्ताओं को गुमराह करने के लिए बार-बार अपने कपड़े बदलता था। इस बीच हादसे के बाद से बंद रामेश्वरम कैफे शुक्रवार को फिर से खुल गया।
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