पंजाब के लिए नया सिरदर्द बनकर उभरे खालिस्तान समर्थक अलगाववादी नेता अमृतपाल सिंह अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर है। पंजाब पुलिस ने उसे गिरफ्तार करने के लिए पूरे राज्य में युद्ध स्तर पर अभियान छेड़ रखा है। बीएसएपंजाब पुलिस की कई टीमों को इस काम में लगाया गया है और बीएसएफ और सेना को भी अलर्ट कर दिया गया है। राज्य में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं।
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इस बीच पंजाब पुलिस के आईजी सुखचैन सिंह गिल ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि पंजाब पुलिस ने अब तक 114 लोगों को हिरासत में लिया है। वहीं अब तक अमृतपाल के करीबियों और उसके संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ से जुड़े लोगों से 10 हथियार बरामद किए गए हैं जिसमें सात 12 बोर की राइफल, दो 315 बोर की राइफल और एक 32 बोर की रिवाल्वर शामिल है। करीब 450 जिंदा कारतूस भी बरामद किए गए हैं। अमृतपाल और उसके साथियों से जुड़े चार वाहन भी जब्त किये गए हैं।
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लेकिन अमृतपाल सिंह के करीबियों के पास से जो हथियार बरामद हुए हैं, उनमें से कई पर लिखे AKF ने पुलिस समेत खुफिया एजेंसियों के कान खड़े कर दिए हैं। शुरुआती जांच के बाद पुलिस का कहना है कि AKF का अर्थ आनंदपुर खालसा फौज हो सकता है। एजेंसियों का दावा है कि अमृतपाल सिंह, ‘आनंदपुर खालसा फौज’ के नाम से अपनी एक निजी सेना तैयार करने में जुटा था और इसी उद्देश्य से तमाम अत्याधुनिक हथियार जुटा रहा था। आईजी गिल ने भी कहा कि हथियारों के मामले में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का एंगल और फॉरेन फंडिंग की बात की जांच की जा रही है।
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वहीं, पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार किए गए अमृतपाल सिंह के चाचा हरजीत सिंह, अमृतपाल सिंह के कथित सलाहकार दलजीत सिंह कलसी, भगवंत सिंह, गुरमीत सिंह और पी बजेका शामिल हैं। इन सभी को एक विशेष विमान से पंजाब से करीब 2500 किलोमीटर दूर असम शिफ्ट किया गया है। पंजाब पुलिस ने इन सब पर रासुका भी लगाया है। पंजाब पुलिस का कहना है कि आशंका है कि अमृतपाल सिंह के समर्थक हंगामा कर सकते हैं। इसी को देखते हुए परिवार के सदस्यों को असम ले जाया गया है, क्योंकि वहां पंजाबी समुदाय की आबादी काफी कम है, इसलिए उपद्रव की आशंका भी कम है।
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इस बीच अमृतपाल का पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से कनेक्शन जुड़ने लगा है। भारतीय खुफिया एजेंसियों का कहना है कि अमृतपाल साल 2012 में ट्रक ड्राइवर की नौकरी करने दुबई गया था। वहीं वह पाकिस्तान में बैठे खालिस्तान समर्थक लखबीर सिंह रोड के भाई जसवंत सिंह रोड और आतंकी परमजीत सिंह पम्मा के संपर्क में आया। खुफिया एजेंसियों को शक है कि उन्होंने ही अमृतपाल का संपर्क आईएसआई से कराया, जिसने उसे पंजाब में खालिस्तान मूवमेंट को दोबारा खड़ा करने के लिए फंडिंग और तमाम मदद दी।
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