नोएडा के निठारी कांड के आरोपी मोनिंदर सिंह पंढेर को इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा सभी आरोपों से मुक्त कर दिए जाने के बाद शुक्रवार को वह ग्रेटर नोएडा की जेल से रिहा कर दिया गया। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सोमवार को मोनिंदर सिंह पंढेर को दो मामलों और उसके घरेलू सहायक सुरेंद्र कोली, जो सनसनीखेज मामले में मुख्य आरोपी है, को 12 मामलों में बरी कर दिया था।
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बलात्कार और हत्या के दोषी सुरेंद्र कोली और मोनिंदर सिंह पंढेर को सबूतों के अभाव में उच्च न्यायालय ने बरी कर दिया था। पूरी दुनिया में सुर्खियां बटोरने वाले निठारी कांड का अभियुक्त मोनिंदर सिंह पंढेर शुक्रवार को गौतमबुद्ध नगर की लुक्सर जेल से रिहा हो गया। लगभग 18 साल बाद वह खुली हवा में सांस लेगा।
नवरात्रि के मौके पर जेल से रिहा होने से उसके घर में दशहरे में ही दिवाली मनाई जा रही है। निठारी कांड में सीबीआई की विशेष अदालत ने मोनिंदर सिंह पंढेर और सुरेंद्र कोली को मौत की सजा सुनाई थी। लेकिन, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उसे रिहा करने का आदेश दिया था। हाईकोर्ट के फैसले के बाद शुक्रवार को उसे जेल से रिहा कर दिया गया।
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दरअसल, 7 मई 2006 को निठारी की एक युवती को पंढेर ने नौकरी दिलाने के बहाने बुलाया था। इसके बाद युवती वापस घर नहीं लौटी। युवती के पिता ने नोएडा के सेक्टर-20 थाने में गुमशुदगी का केस दर्ज कराया था। इसके बाद 29 दिसंबर 2006 को निठारी में मोनिंदर सिंह पंढेर की कोठी के पीछे नाले में पुलिस को 19 बच्चों और महिलाओं के कंकाल मिले थे।
पुलिस ने मोनिंदर सिंह पंढेर और उसके नौकर सुरेंद्र कोली को गिरफ्तार किया था। बाद में निठारी कांड से संबंधित सभी मामले सीबीआई को स्थानांतरित कर दिए गए थे। वर्तमान में निठारी कांड मामले की शिकार महिलाओं, बच्चों और बच्चियों के ज्यादातर परिजन नोएडा छोड़कर अपने-अपने पैतृक गांव वापस जा चुके हैं। केवल चार लोग ही अब नोएडा में रह रहे हैं।
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गौरतलब है कि जून 2023 में मोनिंदर सिंह पंढेर को गाजियाबाद की डासना जेल से गौतमबुद्ध नगर की लुक्सर जेल में शिफ्ट किया गया था। जुलाई के महीने में उसका बेटा उससे मिलने आया था। उसके बाद से उससे परिवार का काई भी सदस्य मिलने नहीं आया। अब हाईकोर्ट के आदेश पर उसे जेल से रिहा कर दिया गया है।
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