दिल्ली में साल 2012 में हुए सामूहिक दुष्कर्म की शिकार हुई निर्भया के पिता ने शुक्रवार को पशु चिकित्सक के सामूहिक दुष्कर्म और हत्यारोपियों के मुठभेड़ में मार गिराए जाने को लेकर तेलांगना पुलिस की पीठ थपथपाई है। उन्होंने कहा, "मेरा मानना है कि उन्होंने बहुत की अच्छा काम किया। अगर वे भाग जाते तो यह सवाल उठता कि पुलिस ने उन्हें भागने कैसे दिया। वहीं उन्हें दोबारा गिरफ्तार करना भी मुश्किल होता। अगर वे गिरफ्तार हो भी जाते तो उन्हें सजा देने की पूरी प्रक्रिया में बहुत अधिक समय लग जाता।"
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25 वर्षीय पशु चिकित्सक के साथ 27 नवंबर की रात शमशाबाद में आउटर रिंग रोड के पास दो ट्रक ड्राइवरों और दो क्लीनरों ने सामूहिक दुष्कर्म किया था। इसके बाद चारों ने घटनास्थल से 28 किलोमीटर दूर शादनगर शहर के पास शव ले जाकर उसे आग के हवाले कर दिया था।
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पुलिस चारों आरोपियों को शुक्रवार की सुबह को घटना को दोबारा रीक्रिएट करने के लिए घटनास्थल पर लेकर आई थी। कथित तौर पर चारों आरोपियों ने वहां से भागने की कोशिश की थी, जिसके बाद पुलिस मुठभेड़ में वे मारे गए।
वहीं पीड़िता के पिता का भी कहना है कि उनकी बेटी को आखिरकार न्याय मिला।
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