नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की हालिया रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। राजधानी दिल्ली प्रदूषण के साथ-साथ चोरी के मामले में भी पहले स्थान पर है। एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक देश में सबसे ज्यादा चोरी की घटना में दिल्ली में होती है। एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक 2017 के दौरान जनवरी से लेकर दिसंबर तक देश में करीब 5,002 करोड़ रुपए की संपत्ति चोरी हुई। यानी हर दिन औसतन 14 करोड़ रुपए की संपत्ति की चोरी।
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इन आंकड़ों से साफ है कि पुलिस चोरी की घटनाओं पर लगाम लगाने में नाकाम साबित हो रही है। इतना ही नहीं चोरी हुई संपत्ति की रिकवरी यानी उसके वापस मिलने का आंकड़ा बेहद निराशाजनक ह,क्योंकि महज 26% मामलों में ही चोरी गई संपत्ति की रिकवरी हो सकी है। हैरानी की बात ये है कि पुलिस मोबाइल फोन, लैपटॉप जैसे आधुनिक गैजेट्स की रिकवरी बहुत कम कर पा रही है, जबकि गाय-भैंस जैसे पशुओं की चोरी के बाद रिकवरी इससे करीब दोगुनी है। रिपोर्ट के मुताबिक महज 18% चोरी की गई मोबाइल फोन और लैपटॉप जैसे गैजेट्स की ही रिकवरी हो पाती है।
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2017 में संपत्ति की चोरी के 7.39 लाख से ज्यादा मामले दर्ज किए गए। इस दौरान चोरी हुई संपत्ति की कीमत करीब 5002 करोड़ रुपए आंकी गई है। यानी हर दिन औसतन 14 करोड़ रुपए की संपत्ति चोरी हुई। इनमें सबसे ज्यादा कीमत वाहनों की है। दूसरे नंबर पर ज्वैलरी या आभूषणों की चोरी के मामले हैं।
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सबसे दिलचस्प आंकड़ा चोरी हुई संपत्ति की रिकवरी को लेकर है। 2017 में करीब 5,002 करोड़ की संपत्ति चोरी हुई, जिसमें से सिर्फ 26% की ही रिकवरी करने में कामयाबी मिल सकी है। यानी कि चोरी हुई 74% संपत्ति का कुछ पता नहीं चल सका। चौंकाने वाली बात यह है कि मोबाइल या लैपटॉप की रिकवरी से ज्यादा कामयाबी गाय-भैंस या अन्य पशुओं की रिकवरी में मिली है। रिकवरी में सबसे ज्यादा कामयाबी झपटमारी (91%) और एंटीक आइटम्स (73%) में मिली।
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देश की राजधानी दिल्ली चोरी के मामलों में भी देश में अव्वल रही है। 2017 में दिल्ली में चोरी के 1.61 लाख से ज्यादा मामले सामने आए। यह चोरी के कुल मामलों का 70% है। इसके बाद बेंगलुरू (10804 मामले) और मुंबई (9718 मामले) का नंबर है। 2017 में संपत्ति के खिलाफ अपराधों के 7.75 लाख से ज्यादा मामले दर्ज किए गए। यह देश में दर्ज हुए कुल अपराधों का 25.3% है। इन मामलों में 6.99 लाख से ज्यादा यानी करीब 90% चोरी और सेंधमारी के हैं।
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