उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्यबल (एसटीएफ) ने अनामिका शुक्ला घोटाले के मुख्य मास्टरमाइंड पुष्पेंद्र उर्फ राज को गिरफ्तार कर लिया है। घोटाले में एक आवेदक के दस्तावेजों पर कई कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में कई अध्यापिकाएं पढ़ाती पाई गई थीं। एसटीएफ ने एक बयान में कहा कि पुष्पेंद्र के अलावा दो अन्य को भी गिरफ्तार किया गया है, जिनकी पहचान जौनपुर के आनंद और खीरी के रामनाथ के रूप में हुई है। पुलिस ने उनके पास से एक लाइसेंसी पिस्तौल और सात कारतूस, मोबाइल फोन और कुछ दस्तावेज बरामद किए हैं।
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यह अपने आप मे एक चकित करने वाला मामला है, जिसमें राज्य सरकार के स्कूलों में एक महिला अनामिका शुक्ला के शैक्षिक प्रमाण-पत्रों के आधार पर एक फर्जी अनामिका शुक्ला ने कई विद्यालयों में नौकरी जॉइन कर ली। असली अनामिका ने पात्रता परीक्षा पास की थी, लेकिन निजी कारणों से नौकरी जॉइन नहीं कर सकी थी। फर्जी अनामिका शुक्ला ने उसके दस्तावेजों का इस्तेमाल कर नौकरी जॉइन की और कई स्कूलों से लाखों रुपये वेतन हासिल कर लिए।
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इस घोटाले के सामने आने के बाद विपक्षी नेताओं ने सरकार पर हमले शुरू किए, जिसमें कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा प्रमुख रूप से शामिल रहीं। इसके बाद राज्य सरकार ने मामले की जांच एसटीएफ को सौंप दी। फर्जी अनामिका शुक्ला ने प्रयागराज, अमेठी, राय बरेली, वाराणसी, बागपत, कासगंज, सहारनपुर, अंबेडकर नगर और अलीगढ़ में स्थित केजीबीवी में असली अनामिका शुक्ला के दस्तावेजों पर नौकरी जॉइन की थी।
जांच में पता चला है कि असली अनामिका शुक्ला गोंडा की रहने वाली हैं, और उन्होंने 2017 में केजीबीवी में शिक्षिका के पद के लिए सुल्तानपुर, जौनपुर, मिर्जापुर, बस्ती और लखनऊ में आवेदन किया था। उन्हें सुल्तालपुर, जौनपुर और लखनऊ से काल आई थी, लेकिन स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण वह नौकरी जॉइन नहीं कर सकी थीं।
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