उन्नाव रेप केस का आरोपी बीजेपी से निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की अपराधों की फेहरिस्त लंबी है। आम आदमी तो छोड़िए ‘सेंगर बंधुओं’ ने डीआईजी रैंक के अधिकारी तक को नहीं छोड़ा है। ये अधिकारी आज भी न्याय की गुहार लगा रहे हैं। डीआईजी रैंक के उत्तर प्रदेश कैडर के एक आईपीएस अधिकारी राम लाल वर्मा पर 'सेंगर बंधुओं' ने कभी चार गोलियां दाग दी थीं, जो उनके सीने और पेट में लगी थीं। लेकिन इस मामले में भी सेंगर बंधुओं पर कार्रवाई नहीं हुई।
Published: 03 Aug 2019, 1:30 PM IST
एनडीटीवी की खबर के मुताबकि ‘सेंगर बंधुओं’ का यूपी में खासा रसूख है और अपनी अपराधों को वो इसी के बल पर दबाते आए हैं। आईपीएस अफसर वर्मा के मामले में भी इन्हों ने अपने रसूख का फायदा उठाया और जानलेवा हमले के अहम दस्तावेज न सिर्फ गुम करवा दिए, बल्कि मामले की सुनवाई वर्षो तक टलवा दी।
Published: 03 Aug 2019, 1:30 PM IST
दरअसल साल 2004 में बतौर पुलिस अधीक्षक वर्मा ने जब उन्नाव के एक अवैध खनन स्थल पर दबिश देने पहुंचे थे, उसी दौरान विधायक कुलदीप सेंगर के छोटे भाई अतुल सेंगर और उसके गुर्गों ने आईपीएस वर्मा को गोली मार दी थी। उसके बाद कुलदीप सेंगर ने अपने राजनीतिक दबाव का फायदा उठाते हुए थाने से ही केस की महत्वपूर्ण डायरियां चोरी करवा दी। इसका असर यह हुआ कि आज तक आईपीएस अफसर की हत्या के प्रयास जैसे सनसनीखेज मामला होने के बाद भी आज भी इस केस की सुनवाई शुरू नहीं हो पाई है। इस घटना में आईपीएस अधिकारी राम लाल वर्मा की जान मुश्किल से बच पाई।
Published: 03 Aug 2019, 1:30 PM IST
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Published: 03 Aug 2019, 1:30 PM IST