हरियाणा के फरीदाबाद की पुलिस ने क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराने के नाम पर लोगों से कथित धोखाधड़ी के आरोप में एक निजी बैंक के एक सहायक प्रबंधक और एक कर्मचारी सहित आठ लोगों को गिरफ्तार किया है। एक अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की पहचान दीपक, तुषार उर्फ गोल्डी, अक्षय, विनय उर्फ जॉनी, रूपक, मनीष, कुणाल और रवीश के रूप में हुई है।
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रवीश नोएडा का रहने वाला है और बाकी सभी आरोपी दिल्ली के रहने वाले हैं। गिरफ्तारी के साथ ही पुलिस ने साइबर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करने का दावा किया है। उनके कब्जे से दो डेबिट कार्ड, पांच मोबाइल फोन, चार फर्जी सिम कार्ड और 44,000 रुपये नकद भी जब्त किए गए हैं। पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि साइबर क्राइम थाना के एसीपी अभिमन्यु गोयत अपनी टीम के साथ उन लोगों पर नज़र रख रहे थे जो क्रेडिट कार्ड प्रदान करने के बहाने लोगों को धोखा देने में शामिल हैं।
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पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने अपराध की कार्यप्रणाली के बारे में बताते हुए कहा, "ये साइबर अपराधी लोगों को क्रेडिट कार्ड दिलाने के नाम पर फोन करते हैं और उनसे पूछते हैं कि क्या वे वर्तमान में किसी अन्य कार्ड का उपयोग कर रहे हैं। ये आरोपी कॉल करने वालों को आश्वासन देते थे कि उन्हें तुरंत ज्यादा लिमिट वाले क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराएंगे। बाद में वे पीड़ितों को एक लिंक भेजते थे जिसे क्लिक करने पर उन्हें एक निजी बैंक का लोगो दिखाई देता था जो उन्हें सुरक्षा की भाव देता था।'
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प्रवक्ता ने बताया कि बाद में ये आरोपी पीड़ितों द्वारा पहले से उपयोग किए जा रहे क्रेडिट कार्ड से एप्लिकेशन के माध्यम से 10 रुपये ट्रांसफर करने के लिए कहते थे। उन्होंने कहा कि एक बार जब कोई व्यक्ति उन्हें पैसे भेजता है, तो वे सभी खाता संख्या, कार्ड विवरण का पता लगा लेते थे और शेष राशि अपने खातों में स्थानांतरित कर लेते थे। यह पूरा मामला तब सामने आया जब इन साइबर बदमाशों ने इसी तरह से फरीदाबाद के एक निवासी से 53,040 रुपये की धोखाधड़ी की थी।
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पुलिस ने आईपीसी और आईटी अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत फरीदाबाद के साइबर अपराध थाने में मामला दर्ज किया था। पूछताछ के दौरान पुलिस को पता चला कि अक्षय गिरोह का सरगना है और दिल्ली में अपना कॉल सेंटर चलाता है। गिरफ्तार किए गए लोगों में से एक आरोपी एक निजी बैंक में सहायक प्रबंधक के रूप में काम करता है और एक अन्य निजी बैंक में कर्मचारी है।
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