यूपी पुलिस पर हिरासत में मौतों के लेकर सवाल उठते रहे हैं। इसी बीच अल्ताफ की मौत ने पुलिस हिरासत में होने वाली मौतों को लेकर फिर से बहस छेड़ दी है। एक आंकड़े के मुताबिक बीते 20 सालों में देश में 1888 लोगों की मौत पुलिस हिरासत में हुई है। लेकिन सिर्फ 26 पुलिसवाले ही इसके दोषी साबित हुए हैं।
Published: 16 Nov 2021, 1:16 PM IST
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ोंं से पता चलता है कि देशभर में पिछले 20 सालों हिरासत में मौत मामले में सिर्फ 893 पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामले दर्ज हुए हैं। जिनमें से 358 के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किए गए। लेकिन सिर्फ 26 पुलिसकर्मी ही दोषी साबित हुए हैं।
Published: 16 Nov 2021, 1:16 PM IST
एनसीआरबी की डेटा के मुताबिक हिरासत में हुई मौत मामले में 2006 में सबसे ज्यादा 11 पुलिसकर्मियों को दोषी ठहराया गया था। इसमें से यूपी पुलिस के सात और मध्य प्रदेश पुलिस के चार जवान शामिल थे। एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार बीते साल 2020 में 76 लोगों की मौत पुलिस हिरासत में हुई थी। पिछले साल गुजरात में सबसे ज्यादा 15 लोगों की पुलिस हिरासत में मौत हुई। इसके अलावा आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, हरियाणा, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल से भी ऐसे मामले सामने आए हैं। लेकिन इसके लिए अब तक कोई पुलिसकर्मी दोषी नहीं करार दिया गया है।
Published: 16 Nov 2021, 1:16 PM IST
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले यूपी के कासगंज में अल्ताफ नाम के लड़के की मौत पुलिस हिरासत में हो गई थी। उसे एक लड़की को भगाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। पुलिस का कहना था कि अल्ताफ ने बाथरूम के नल से लटकर आत्महत्या कर ली है। लेकिन पुलिस के थ्योरी पर लोग भरोसा नहीं कर रहे हैं। नल से लटकर आत्महत्या करने को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। इसके साथ ही पुलिस हिरात में होने वाले मौतों को लेकर भी बहस छिड़ गई है।
Published: 16 Nov 2021, 1:16 PM IST
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Published: 16 Nov 2021, 1:16 PM IST