केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने भगोड़े व्यवसायी मेहुल चोकसी और उसकी कंपनी गीतांजलि जेम्स के खिलाफ 2014-18 के बीच भारतीय औद्योगिक वित्त निगम लिमिटेड से 22 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी के आरोप में एक नया केस दर्ज किया है। मामला दर्ज करने के बाद सीबीआई ने मुंबई और कोलकाता में आरोपी के आठ परिसरों पर छापेमारी भी की और कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए।
आईएफसीआई लिमिटेड से गीतांजलि जेम्स लिमिटेड, इसके निदेशक मेहुल चोकसी, तीन वैल्यूअर- नरेंद्र झावेरी, प्रदीप सी. शाह और श्रेनिक आर. शाह और एक निजी फर्म सूरजमल लल्लू भाई एंड कंपनी के खिलाफ एक शिकायत प्राप्त हुई थी। यह शिकायत आईएफसीआई लिमिटेड को हुए 22.06 करोड़ रुपये के कथित नुकसान के लिए दर्ज कराई गई थी।
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2014 से 2018 की अवधि के दौरान, आईएफसीआई लिमिटेड ने उक्त निजी कंपनी के साथ-साथ उसके निदेशक के प्रतिनिधित्व और वैल्यूअर द्वारा किए गए मूल्यांकन के आधार पर गिरवी रखी गई संपत्ति के मूल्य पर भरोसा करते हुए, पूरा ऋण दिया था। आईएफसीआई लिमिटेड ने 25 करोड़ रुपये की पूरी ऋण राशि दो गुना सुरक्षा कवर, शेयरों की गिरवी, सोने की गिरवी, हीरे और गोल्ड सीएस जड़ित आभूषणों के आधार पर वितरित की थी।
सीबीआई के एक अधिकारी के अनुसार आरोपितों ने ऋण मिलने के बाद कर्ज की किस्त अदा करने में चूक करना शुरू कर दिया था। इसके बाद किश्तों में चूक होने पर राशि की वसूली के लिए आईएफसीआई लिमिटेड ने प्रक्रिया शुरू की। सीबीआई अधिकारी ने कहा कि चोकसी ने वैल्यूअर्स के साथ मिलीभगत की और गिरवी रखे गए गहनों का मूल्यांकन अत्यधिक और बढ़े हुए मूल्य के साथ करवाया। हीरे कथित तौर पर निम्न गुणवत्ता के थे और असली रत्न नहीं थे।
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13,500 करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) धोखाधड़ी मामले में सीबीआई और ईडी द्वारा भारत में वांछित मेहुल चोकसी पिछले साल 23 मई को एक द्वीप राष्ट्र से लापता हो गया था, जिसके बाद उसके खिलाफ बड़े पैमाने पर तलाशी ली गई। उसे आखिर 26 मई को डोमिनिका में पकड़ा गया था। डोमिनिकन अदालत ने चोकसी के वकीलों द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण पर सुनवाई के बाद उनके निर्वासन पर रोक लगा दी थी।
चोकसी 4 जनवरी, 2018 से एंटीगुआ और बारबुडा में रह रहा है, सीबीआई ने उसके और उसके रिश्तेदार नीरव मोदी सहित कई अन्य के खिलाफ बैंक धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था। मामले में अलग-अलग चार्जशीट दाखिल करने वाली सीबीआई और ईडी उसके प्रत्यर्पण की कोशिश कर रही है।
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हाल ही में 11 अप्रैल को, फरार हीरा व्यापारी नीरव मोदी के करीबी सहयोगी सुभाष शंकर को सीबीआई द्वारा चोकसी और अन्य से जुड़े पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के 11,356.84 करोड़ रुपये के ऋण धोखाधड़ी मामले के संबंध में काहिरा (मिस्र) से मुंबई भेज दिया गया है।
शंकर नीरव मोदी की कंपनी में डीजीएम फाइनेंस थे। उनके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था।
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