पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में हुई हिंसा की जांच के लिए पहुंची केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की टीम ने रामपुरहाट के सरकारी गेस्ट हाउस में ही अस्थायी कैम्प ऑफिस खोला है। कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ही बीरभूम हिंसा की जांच कर रही है। रामपुर हाट में गत 21 मार्च को अज्ञात लोगों ने कुछ घरों में आग जलाकर आठ लोगों की हत्या कर दी थी। स्थानीय पुलिस ने मामला दर्ज करके 10 लोगों को गिरफ्तार करने का दावा किया था।
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इसके बाद हाईकोर्ट ने मामले का संज्ञान लेते हुए सीबीआई को घटना की जांच के आदेश दिये थे। सीबीआई की टीम 25 मार्च को बीरभूम पहुंची और घटनास्थल से नमूने एकत्रित किये। इस बीच इस घटना को बंगाल से लेकर दिल्ली तक उठा रही बीजेपी ने तृणमूल कांग्रेस पर आरोपियों को शरण देने का आरोप लगाया है। बीजेपी ने पश्चिम बंगाल का मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर मामले को ढंकने का आरोप भी लगाया है।
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वहीं तृणमूल कांग्रेस ने सभी आरोपों से इनकार किया है। सीबीआई को जांच की जिम्मेदारी सौंपे जाने के बाद राज्य सरकार ने कहा कि वह मामले की निष्पक्ष जांच में एजेंसी की मदद करेगी। पूरी घटना को साजिश करार देते हुए टीएमसी सांसद डोला सेन ने कहा कि ममता बनर्जी के कार्यकाल में बंगाल में लॉ एंड ऑर्डर सबसे अच्छा है। ममता दी ऐसी ही नेता हैं जो कानून व्यवस्था के मामले में कोई कंप्रोमाइज नहीं करती। बीजेपी और सीपीआईएम की ओर से हमें सलाह की जरूरत नहीं है।
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गौरतलब है कि गत 21 मार्च को तृणमूल कांग्रेस के नेता और रामुपर हाट गांव के स्थानीय उपाध्यक्ष भादू शेख की मोटरसाइकिल सवार हमलावरों ने हत्या कर दी थी। इस हत्या के बाद भड़की भीड़ ने कई घरों को आग के हवाले कर दिया था। अगले दिन पुलिस ने महिलाओं और बच्चों समेत कम से कम आठ लोगों के जले शव बरामद किये थे।
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