ब्रिटेन का वीजा दिलाने के नाम पर बड़ौदा के एक दंपति को पिता-पुत्री को जोड़ी ने 15 लाख रुपये का चूना लगा दिया। आरोपियों की पहचान योगेश जोशी और उनकी बेटी श्रेयांशी जोशी के रूप में हुई है।
शिकायतकर्ता रितेशा ने बताया कि वह 2022 से पढ़ाई के लिए लंदन में रह रही अपने ससुराल पक्ष की एक रिश्तेदार के जरिये श्रेयांशी के संपर्क में आई थी।
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पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, "श्रेयांशी ने रितेशा और उसके पति को लंदन के लिए वर्क परमिट वीजा दिलाने की पेशकश की। उसने बताया कि इसमें 18 लाख रुपये का खर्च आएगा। रितेशा इस पर राजी हो गई। उसने श्रेयांशी के पिता को छह लाख रुपये का भुगतान किया।"
अधिकारी ने बताया कि एक महीने बाद श्रेयांशी लंदन से लौटी। उसने पीड़िता को भरोसा दिलाया कि सभी कागजात तैयार हैं। उसने प्रक्रिया पूरी करने के लिए बाकी की रकम की मांग की।
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पुलिस के अनुसार, "पीड़ित दंपति ने और नौ लाख रुपये का भुगतान नकद में किया। इसके बाद वीडियो कॉलिंग के जरिये एक साक्षात्कार हुआ। श्रेयांशी ने वादा किया कि दो दिन के भीतर स्पॉन्सरशिप का प्रमाणपत्र मिल जाएगा। बाद में श्रेयांशी ने अपने घर पर बुलाकर उन्हें स्पॉन्सरशिप के प्रमाणपत्र दिया।"
दंपति को संदेह तब हुआ जब वीजा के बारे में पूछे जाने पर श्रेयांशी ने बहाने बनाने शुरू कर दिये।
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अधिकारी ने कहा, "पीड़ितों ने एक कंसल्टेंसी फर्म को स्पॉन्सरशिप का लेटर दिखाया, जिसने ऑनलाइन जांच करने पर पाया कि वह फर्जी था। पीड़ितों ने बड़ौदा की पीरामल सोसायटी में रहने वाले श्रेयांशी जोशी और योगेश जोशी के खिलाफ कर्जन थाने में शिकायत दर्ज कराई है।"
पुलिस ने बताया कि वह आरोपियों की धरपकड़ के लिए प्रयास कर रही है। मामले की आगे जांच जारी है।
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