उत्तर प्रदेश में अपराधियों द्वारा जेल से ही जुर्म का नेटवर्क चल रहा है। कई जेलों में मोबाइल फोन पकड़ भी गए हैं। अपरधियों का ऐसा ही एक नेटवर्क बागतप जेल से चल रहा था। यहां दस अपराधी व्हाट्सएप कॉल के जरिए पश्चिम उत्तर प्रदेश में डर का करोबार कर रहे थे। कमिश्नर अनीता सी. मेश्राम और आईजी रेंज आलोक सिंह ने मंगलवार को जेल में छापामारी कर इसकी पोल खोली है। कौन अपराधी जेल में फोन चला रहे थे, इसकी जांच में साइबर एक्सपर्ट जुटे हैं।
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कमिश्नर और आईजी रेंज ने बागपत जेल में अचानक छापामारी कर बैरक खंगालीं। जांच पड़ताल में अधिकारियों को वाईफाई राउटर और मोबाइल फोन बरामद हुए हैं। व्हाट्सएप वीडियो कॉल के जरिए बंदी जेल से ही जुर्म का कारोबार चला रहे हैं।
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कहा जा रहा है कि बिना जेल प्रशासन की सहायता के अपराधियों का इतना बड़ा नेटवर्क नहीं चल सकता। जिल प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। लोगों का कहना है कि ऐसा कैसे हो सकता है कि अपराधी जेल के अंदर से इतना बड़ा नेटवर्क चला रहे हैं और जेल प्रशासन को भनक तक नहीं थी। छापेमारी के बाद साइबर एक्सपर्टों ने इसकी जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में विक्की सुन्हेड़ा समेत दस अपराधियों के नाम सामने आ रहे हैं।
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बागपत जेल में क्षमता से 1800 ज्यादा अपराधी बंद हैं। वहीं सुरक्षाकर्मियों की संख्या भी काफी कम है। बागपत जेल में 126 पुलिसकर्मियों की तैनाती होनी चाहिए, लेकिन सिर्फ 41 पुलिसकर्मी ही हैं। वहीं जेल के कई सीसीटीवी कैमरें खराब पाए गए।
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