मध्य प्रदेश के इंदौर में लगभग साढ़े तीन साल पहले हुए भय्यू महाराज आत्महत्या मामले में कोर्ट ने आज उनकी शिष्या पलक, मुख्य सेवादार विनायक और ड्राइवर शरद को दोषी ठहराते हुए तीनों को छह-छह साल कैद की सजा सुनाई है। इसी के साथ प्रताड़ित करने की घिनौनी साजिश सामने आई है।
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इंदौर में जून 2018 में आध्यात्मिक गुरू भय्यू जी महाराज ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। इस मामले में उनके करीबियों द्वारा प्रताड़ित किए जाने की बात सामने आई थी। तीन लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था, जो लगभग तीन साल तक जेल में रहे। आत्महत्या कांड की सुनवाई के बाद इंदौर जिला कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र सोनी ने तीन लोगों को छह-छह साल की सजा सुनाई है। ये तीनों भय्यू महाराज के करीबी रहे हैं।
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बता दें कि भय्यू महाराज ने पहली पत्नी की मौत के बाद दूसरी शादी की थी, जिसके बाद से ही वे विवादों में घिरते गए। इसका नतीजा यह हुआ कि उन्होंने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। पुलिस ने इस मामले की जांच की और उनके पास से जो डायरी मिली थी, उसमें इस बात की पुष्टि हुई थी कि वे अपने आसपास के कुछ लोगों से परेशान थे, जो उन्हें ब्लैकमेल कर रहे थे और उसी के चलते उन्होंने यह कदम उठाया।
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भय्यू महाराज आत्महत्या मामले में बीते तीन साल से सुनवाई चल रही थी, जिस पर अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र सोनी ने फैसला सुनाते हुए शिष्या पलक, मुख्य सेवादार विनायक, ड्राइवर शरद को दोषी ठहराते हुए तीनों को छह-छह साल कैद की सजा सुनाई है। यह तीनों ही आधी से ज्यादा सजा काट चुके हैं।
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